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    यूपी के सरकारी स्कूलों में बदला नियम, मिड-डे मील में बच्चों को मिलेगी मूंगफली की चिक्की और गुड़-तिल की गजक

    Updated: Wed, 10 Dec 2025 04:46 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों में मिड-डे मील को लेकर एक नया बदलाव किया गया है। जिसके तहत अब बच्चों को मूंगफली की चिक्की और गुड़-तिल की गजक भी दी जाएग ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, हरदोई। सर्दी के मौसम में बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर पड़ने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में उन्हें अतिरिक्त पोषक तत्व उपलब्ध कराना बेहद जरूरी हो जाता है। इसी जरूरत को ध्यान में रखते हुए शासन ने परिषदीय विद्यालयों के बच्चों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।

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    अब मिड-डे मील (पीएम पोषण) योजना के तहत सप्ताह में एक दिन स्कूलों में बच्चों को विशेष पौष्टिक आहार के रूप में मूंगफली की चिक्की और गुड़ व तिल की गजक खिलाई जाएगी। ताकि सर्दियों में उनकी इम्यूनिटी मजबूत रहे और वे स्वस्थ रह सकें।

    शासन के नए निर्देशों के अनुसार हर गुरुवार को बच्चों को गुड़-मूंगफली की चिक्की, तिल-मूंगफली की गजक, बाजरे या रामदाने का लड्डू अथवा भुना चना उपलब्ध कराया जाएगा। यदि गुरुवार को स्कूल में अवकाश रहता है तो यह सप्लीमेंट्री न्यूट्रीशन अगले कार्य दिवस पर दिया जाएगा।

    इसका उद्देश्य बच्चों के नियमित भोजन के साथ ऐसे पोषक खाद्य पदार्थ जोड़ना है, जो सर्दियों में उनके शरीर को आवश्यक ऊर्जा, गर्माहट और पोषण प्रदान करें। पीएम पोषण योजना के तहत बच्चों को दी जाने वाली इस पौष्टिक खुराक के लिए प्रति छात्र पांच रुपये का प्रावधान किया गया है।

    कुल बजट का पाच प्रतिशत भाग फ्लैक्सी फंड के रूप में इसी उद्देश्य पर खर्च किया जाएगा। जिलाधिकारी अनुनय झा ने स्थानीय उपलब्धता के अनुसार बच्चों को मूंगफली की चिक्की और तिल व गुड़ की गजक खिलाने का निर्देश दिया है, जोकि एक बार चिक्की अगली बार गजक दी जाएगी।

    गुड़ और तिल शरीर को गर्माहट देते हैं, मूंगफली प्रोटीन का अच्छा स्रोत है, ऐसे पारंपरिक, सस्ते और पौष्टिक खाद्य पदार्थ बच्चों की दिनचर्या में शामिल कर उनकी सेहत को बेहतर बनाने की कोशिश की जा रही है।

    मिड-डे मील में यह पहल न केवल बच्चों को अतिरिक्त पोषण देगी, बल्कि उनमें स्वस्थ खानपान की आदत भी विकसित करेगी। सर्दियों में संक्रमणों से बचाव और शारीरिक विकास में ऐसे आहार की भूमिका अहम होती है। शासन की यह योजना बच्चों की सेहत को प्राथमिकता देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे हजारों बच्चों को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा। जिलाधिकारी के आदेश पर इसे तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है और इसकी विधिवत मानीटरिंग भी होगी।

    -डाॅ. अजित सिंह, बीएसए