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    माघ मेले से पहले रेल किराये में इजाफे से यात्रियों पर बढ़ा आर्थिक बोझ, 600 करोड़ रुपये की आय होने का अनुमान

    Updated: Tue, 23 Dec 2025 04:09 PM (IST)

    माघ मेले से पहले रेल किराये में हुई वृद्धि से यात्रियों पर आर्थिक बोझ बढ़ गया है। इस वृद्धि से रेलवे को लगभग 600 करोड़ रुपये की आय होने का अनुमान है। ...और पढ़ें

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    माघ मेले से पहले रेल यात्रियों पर बढ़ा आर्थिक बोझ।

    जागरण संवाददाता, हरदाेई। माघ मेले से पहले देशभर में रेल यात्रियों की जेब पर असर पड़ने वाला है। भारतीय रेल ने वर्ष 2025 में दूसरी बार यात्री किराये में वृद्धि करने का निर्णय लिया है। रेल प्रशासन की ओर से जारी निर्देशों के अनुसार यह बढ़ा हुआ किराया 26 दिसंबर 2025 से लागू होगा। जनरल श्रेणी में यात्रा करने वाले यात्रियों को 215 किलोमीटर से अधिक की दूरी पर अब प्रति किलोमीटर एक पैसा अतिरिक्त देना होगा।

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    रेलवे अधिकारियों ने बताया कि इससे पहले इसी साल 1 जुलाई 2025 को भी किराये में संशोधन किया गया था। रेलवे द्वारा जारी जानकारी के मुताबिक यह वृद्धि मुख्य रूप से 215 किलोमीटर से अधिक दूरी की यात्रा पर लागू की गई है।

    छोटी दूरी के यात्रियों को इससे कोई अतिरिक्त बोझ नहीं उठाना पड़ेगा, लेकिन लंबी दूरी तय करने वाले यात्रियों के लिए किराया बढ़ना तय है। जनरल श्रेणी में यात्रा करने वाले यात्रियों को 215 किलोमीटर से अधिक की दूरी पर अब प्रति किलोमीटर एक पैसा अतिरिक्त देना होगा।

    वहीं, स्लीपर क्लास में यह बढ़ोतरी प्रति किलोमीटर दो पैसे की गई है। एसी श्रेणी में भी 215 किलोमीटर से अधिक की यात्रा पर दो पैसे प्रति किलोमीटर किराया बढ़ाया गया है। रेल प्रशासन का कहना है कि यह निर्णय किराया रैशनलाइजेशन के तहत लिया गया है।

    इस बदलाव से रेलवे को चालू वित्त वर्ष में लगभग 600 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय होने का अनुमान है। हालांकि प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि आम यात्रियों पर इसका सीमित असर पड़ेगा।

    उदाहरण के तौर पर नान-एसी कोच में 500 किलोमीटर की यात्रा करने पर यात्रियों को केवल 10 रुपये अतिरिक्त चुकाने होंगे। इस फैसले के बाद दिल्ली, वाराणसी, प्रयागराज, हरिद्वार और अमृतसर जैसे प्रमुख शहरों की यात्रा अब पहले से थोड़ी महंगी हो जाएगी।

    माघ मेले को देखते हुए प्रयागराज जाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में भारी इजाफा होता है, ऐसे में यह बढ़ोतरी सीधे तौर पर लाखों यात्रियों को प्रभावित करेगी।

    हालांकि कुछ रूट ऐसे भी हैं जहां यात्रियों को राहत मिलेगी। जैसे लखनऊ से शाहजहांपुर या बरेली की यात्रा करने वालों पर इस किराया वृद्धि का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, क्योंकि यह दूरी 215 किलोमीटर से कम है।

    रेल प्रशासन का दावा है कि किराया वृद्धि बेहद सीमित और संतुलित रखी गई है ताकि यात्रियों पर अनावश्यक बोझ न पड़े और साथ ही रेलवे की आय में भी सुधार हो सके।