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    UP Land Acquisition: यूपी में 900 किसानों की जमीन का होगा अधिग्रहण, नया इंडस्ट्रियल हब बनाने की है तैयारी

    संडीला औद्योगिक क्षेत्र के विस्तार के लिए चार गांवों की भूमि का अधिग्रहण किया जा रहा है। 75% किसानों ने सहमति पत्र दे दिया है। किसानों और अधिकारियों के बीच मुआवजे की दर को लेकर पहले असहमति थी पर अब 900 किसानों ने भूमि अधिग्रहण के लिए सहमति दी है। इससे 750 एकड़ भूमि का अधिग्रहण आसान हो गया है। प्रशासन आगे की कार्यवाही करेगा।

    By upendra kumar agnihotri Edited By: Aysha Sheikh Updated: Fri, 20 Jun 2025 04:28 PM (IST)
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    75 प्रतिशत किसानों ने दी सहमति, भूमि अधिग्रहण की राह हुई आसान

    संवाद सूत्र, संडीला। औद्योगिक क्षेत्र में उद्यम लगाने के लिए जमीन की कमी को देखते हुए शासन ने क्षेत्र से जुड़े चार गांवों की जमीनों के अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की थी, जिसके तहत किसानों से सहमति-पत्र भरवाए जा रहे हैं। अब तक 75 प्रतिशत किसान सहमति-पत्र दे चुके हैं।

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    प्रदेश सरकार द्वारा उद्यम लगाने के लिए अनेक योजनाएं दी हैं, जिसके तहत बड़ी-बड़ी कंपनियों के साथ एमओयू साइन किए जा रहे हैं।

    औद्योगिक क्षेत्र के सभी फेज में जमीन उपलब्ध नहीं थी, जिसके तहत यूपीसीडा कानपुर के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी प्रेम प्रकाश मीणा द्वारा जनवरी 2024 को जारी पत्र में औद्योगिक क्षेत्र के विस्तारीकरण के लिए ग्राम रैसों, बघुआमऊ, जमसारा समोधा के किसानों की जमीन का अधिग्रहण करने के निर्देश जिलाधिकारी के माध्यम से तहसील प्रशासन को प्राप्त हुआ है।

    15 मार्च 2025 को यूपीसीडा के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी चर्चित गौड़, आरएम अजय दीप, तहसीलदार निखिलेश तथा एसडीएम डा. अरुणिमा श्रीवास्तव की मौजूदगी में नई तहसील स्थित सभागार में किसानों के साथ एक बैठक आयोजित हुई थी, जिसमें किसानों का कहना था स्थानीय बाजार मूल्य करीब एक करोड़ पच्चीस हजार प्रति बीघा है तो हम सर्किल रेट पर अपनी बेशकीमती जमीनें क्यों देंगे, जबकि अधिकारियों का कहना था कि चारों गांवों का सर्किल रेट अलग-अलग निर्धारित है।

    उसी हिसाब से किसानों को मुआवजा दिया जाएगा। जबकि किसान चाहते थे कि चारों गांवों की जमीनों का बाजार मूल्य के दोगुना सभी को समान मूल्य दिया जाए। सीडा अधिकारी किसानों की मांगों को लेकर सहमत नहीं थे। किसानों व अधिकारियों के बीच कई दौर की वार्ता होने के बाद भी सहमति नहीं बन पाई थी।

    तहसील प्रशासन अपने स्तर से किसानों से लगातार वार्ता करता रहा था, जिसका परिणाम है कि रैसों, बघुआमऊ, जमसारा व समोधा के 1,200 किसानों के सापेक्ष 900 किसानों ने भूमि अधिग्रहण किए जाने की सहमति दे दी हैं। इन किसानों की करीब 750 एकड़ भूमि है।

    भूमि अधिग्रहण अधिनियम कहता है

    जिस क्षेत्र की भूमि का अधिग्रहण हो रहा है, वहां के प्रभावित किसानों में से 70 प्रतिशत किसान जब तक लिखित रूप से जमीन देने के लिए राजी नहीं हो जाते, तब सरकार जमीनों का अधिग्रहण नहीं कर सकती, जब कि चारों गांवों के करीब 75 प्रतिशत किसान लिखित रूप से सहमति दे चुके हैं, इसलिए भूमि अधिग्रहण की राह आसान हो गई है।

    रैसों, बघुआमऊ, जमसारा व समोधा गांवाें के 1,200 किसानों की 750 एकड भूमि का अधिग्रहण होना है, जिसके लिए संबंधित सभी गांवों में शिविर लगाकर किसानों से सहमति ली जा चुकी है, जिसमें करीब 75 प्रतिशत यानि 900 किसानों ने लिखित सहमति दे दी है। इसके बाद आगे की प्रक्रिया की जाएगी। -डा. अरुणिमा श्रीवास्तव, उपजिलाधिकारी संडीला