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सड़क निर्माण में मिलीं खामियां

-पिहानी में तीन सदस्यीय टीम ने शुरू की जांच

By JagranEdited By: Published: Thu, 09 Sep 2021 10:44 PM (IST)Updated: Thu, 09 Sep 2021 10:44 PM (IST)
सड़क निर्माण में मिलीं खामियां

पिहानी (हरदोई): नगर क्षेत्र की सड़कों की गुणवत्ता में घालमेल की हुई शिकायतों पर जांच शुरू हो गई है। बुधवार को टीम ने सड़कों की जांच की, जिसमें उच्चाधिकारियों को खामियां भी मिलीं।

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नगर पालिका परिषद के की ओर से कराए जा रहे विकास कार्यों में व्याप्त भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए कुछ दिन पूर्व किसान नेताओं ने गोमती नदी में जल सत्याग्रह किया था। इसके अलावा अन्य कई लोगों ने भी विकास कार्यों की शिकायत उच्चाधिकारियों से की थी। विकास कार्यों की जांच के लिए गुरुवार को कटरा बाजार में पानी की पाइप लाइन, नाली निर्माण, करावां रोड पर गोशाला, निर्माणाधीन सड़कों की जांच अरुण कुमार अवर अभियंता पीडब्ल्यूडी, नरेंद्र सिंह अवर अभियंता पीडब्ल्यूडी व विद्युत विभाग के अधिशासी अभियंता विनोद कुमार ने शुरू की। कटरा बाजार की पाइप लाइन को खोदवा कर देखा पाइप का साइज पूछा, गोशाला में कई चीजों की जांच की गई, सड़क, नाली व रोजा सदर के तालाब के सुंदरीकरण के कार्य की जांच की। कटरा बाजार से इस्लाम गंज जाने वाली सड़क अभी कुछ माह पूर्व ही बनी थी, अब पाइपलाइन पास हो गई है। इस बात पर अवर अभियंता अरुण कुमार ने ईओ को कड़ी फटकार लगाई कहा कि यदि पाइपलाइन डालनी ही थी, तो सडक क्यों बनवाई। जांच के दौरान नगर पालिका परिषद के गोपाल कृष्ण अवस्थी, अरुण अग्निहोत्री, संजय कुशवाहा, ईओ अहिबरन लाल समेत कई कर्मचारी मौजूद रहे।

ठेकेदारों से टायल्स भिजवाकर वार्डन से बिलों पर कराए हस्ताक्षर-हरदोई: कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में गुणवत्ता पूर्ण संसाधनों की बातें तो की जा रही हैं, लेकिन हकीकत कमीशनबाजी की पोल खोल रही है। काम छोटा हो या बड़ा बिना जिम्मेदारों के खेल के पूरा नहीं होता है। इन दिनों विद्यालयों की रंगाई पुताई और टायल्स लगने में भी ऐसा हो रहा है। गुणवत्ता की जिम्मेदारी वार्डन को देते हुए ठेकेदारों से सामग्री आपूर्ति करवा दी गई।

19 विकास खंडों में संचालित 20 कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में मनमानी के नए नए मामले सामने आते रहते हैं। विद्यालय बंद रहने से कोई खेल तो नहीं हो सका तो टायल्स में भी घालमेल कर दिया गया। विद्यालयों की वार्डन के अनुसार ठेकेदारों से टायल्स भिजवा दिए गए, और उनसे बिलों पर हस्ताक्षर करवा लिए गए, जबकि उन्हें लगवाने के लिए कोई धनराशि नहीं दी गई। टायल्स विद्यालय में ही रखी हैं। जब लगवाने के लिए बजट नहीं था तो फिर टायल्स क्यों भेज दिए गए और ऊपर से गुणवत्ता की जिम्मेदारी उनके ऊपर थोप दी गई। हालांकि जिला समन्वयक बालिका शिक्षा अविनाश पांडेय का कहना है कि जो बजट था उससे काम कराया गया। नियमानुसार ही टायल्स की खरीद हुई और बजट आने पर आगे काम कराया जाएगा।


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