हरदोई में गर्रा नदी फिर उफान पर, गंगा नदी का जलस्तर भी नहीं हो रहा कम; गांवों में बाढ़ का खतरा
हरिद्वार और नरौरा बांध से पानी छोड़े जाने के बाद गंगा नदी में जलस्तर बढ़ने की आशंका है जिससे बाढ़ पीड़ितों की चिंता बढ़ गई है। गंगा किनारे के गांवों में अभी भी स्थिति सामान्य नहीं है। गर्रा नदी का जलस्तर भी तेज़ी से बढ़ रहा है जिससे कई गांवों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। फर्रुखाबाद में गंगा का जलस्तर चेतावनी बिंदु से ऊपर है।

जागरण संवाददाता, हरदोई। हरिद्वार और नरौरा बांध से गंगा नदी में साढ़े तीन लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से बाढ़ पीड़ितों की चिंता और बढ़ा दी है। गंगा किनारे के गांवों में अभी स्थिति सामान्य नहीं हो पाई है। बाढ़ पीड़ितों को एक बार फिर गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने की उम्मीद है। वहीं गर्रा नदी का जलस्तर 24 घंटे में एक मीटर से अधिक बढ़ गया है। गर्रा नदी का जलस्तर एक बार फिर चेतावनी बिंदु 148 मीटर के करीब पहुंच गया है, जिससे गर्रा नदी के किनारे बसे गांवों में बाढ़ का खतरा सता रहा है।
गंगा नदी का जलस्तर फर्रुखाबाद के पांचाल घाट में चेतावनी बिंदु 136.60 मीटर से 60 सेंटीमीटर ऊपर 137.20 मीटर पर है। राजघाट में जलस्तर चेतावनी बिंदु 125.31 मीटर से 88 सेंटीमीटर ऊपर 126.19 मीटर पर है। हरिद्वार से गंगा नदी में 1,92,440 क्यूसेक व नरौरा बांध से 1,72,128 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। बिलग्राम तहसील क्षेत्र के चिंरजूपुरवा, मोहनपुरवा, सुनारीपुरवा, दनईपुरवा, चौलीपुरवा, गुलाबपुरवा, महनंदीपुरवा, जरैली, वाण, करेहका सहित तीन दर्जन गांव अभी भी बाढ़ के पानी से घिरे हैं। बाढ़ पीड़ितों का कहना है कि उनकी मुसीबत कम होने का नाम नहीं ले रही है। गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने से ग्रामीणों की मुसीबत और बढ़ जाएगी।
हरपालपुर क्षेत्र के बाढ़ पीड़ितों की भी समस्याएं कम नहीं हुई है। वहीं गर्रा नदी का जलस्तर चेतावनी बिंदु 148 मीटर से सिर्फ 45 सेंटीमीटर नीचे है। गर्रा का जलस्तर 147.55 मीटर पर पहुंच गया है। 24 घंटे में एक मीटर से अधिक गर्रा नदी का पानी बढ़ा है। गर्रा नदी में नानकसागर डेम से 8,054 क्यूसेक व ड्यूनी डेम से 48,491 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जिससे गर्रा नदी का जलस्तर और बढ़ने का खतरा बना हुआ है। ग्रामीणों का कहना है कि इसी तरह से गर्रा का जलस्तर बढ़ता रहा तो कहारकोला, प्रेमनगर, खजुहाई, बरगदिया, रणधीरपुर, वीरमपुर, गुटकामऊ, बैजूपुर आदि गांवों के वाशिंदों की मुसीबतें बढ़ सकती है।
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