Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    डॉक्‍टर ने मह‍िला के गर्भाशय में छोड़ दी ऐसी चीज, घर पहुंचते ही होने लगी ब्‍लीड‍िंग; अल्‍ट्रासाउंड कराने पर उड़े होश

    Updated: Thu, 06 Nov 2025 03:23 PM (IST)

    शहर में निजी अस्पतालों को जाल में फंसकर मरीजों की जान आफत में पड़ रही है। शहर के एक निजी अस्पताल के चिकित्सक की लापरवाही से एक महिला की जान पर आ गई। डीएनसी करते समय महिला के गर्भाशय के अंदर रुई और नाल रह गई। घर पहुंचते ही ब्लीडिंग शुरू होने से तबीयत बिगड़ने लगी। स्वजन जिला महिला अस्पताल ले गए।

    Hero Image

    सांकेत‍िक तस्‍वीर।

    जागरण संवाददाता, हरदोई। शहर में निजी अस्पतालों को जाल में फंसकर मरीजों की जान आफत में पड़ रही है। शहर के एक निजी अस्पताल के चिकित्सक की लापरवाही से एक महिला की जान पर आ गई। डीएनसी करते समय महिला के गर्भाशय के अंदर रुई और नाल रह गई। घर पहुंचते ही ब्लीडिंग शुरू होने से तबीयत बिगड़ने लगी। स्वजन जिला महिला अस्पताल ले गए।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    चिकित्सक ने अल्ट्रासाउंड कराया तो राज खुला। चिकित्सक ने ऑपरेशन कर रुई और नाल बाहर निकालकर महिला की जान बचाई। स्वजन ने बुधवार को डीएम को प्रार्थना पत्र देकर चिकित्सक व अस्पताल प्रबंधन के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की।

    शहर कोतवाली के ग्राम हरीपुरवा के अभिषेक मिश्रा ने बताया कि उसकी पत्नी शिखा मिश्रा गर्भवती थी। दिक्कत होने पर 29 अक्टूबर को पत्नी को लखनऊ मार्ग पर चांद बेहटा स्थित आनंद हॉस्पिटल में भर्ती कराया था।

    डॉ. आफरीन ने अल्ट्रासाउंड के बाद बताया कि बच्चे के दिल की धड़कन बंद हो चुकी है और डीएनसी करनी पड़ेगी। वह लोग डीएनसी कराने पर सहमत हो गए थे। रात में डीएनसी करके मरीज की छुट्टी कर दी थी। घर पहुंचने के बाद शिखा के तेज दर्द के साथ ब्लीडिंग शुरू हो गई। वह लोग फिर आनंद हॉस्पिटल लेकर गए, लेकिन कोई मदद नहीं मिली। इसके बाद वह 30 अक्टूबर की सुबह जिला महिला अस्पताल लेकर आए थे। यहां पर चिकित्सक ने पहले अल्ट्रासाउंड कराया।

    अल्ट्रासाउंड कराने पर गर्भाशय के अंदर नाल (प्लेसेंटा) और रुई रखी मिली। चिकित्सक का कहना था कि इसी के कारण ब्लीडिंग रुक नहीं रही थी। महिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. सुबोध कुमार सिंह ने बताया कि मरीज की हालत गंभीर थी। यदि समय पर देखा न जाता तो अत्यधिक ब्लीडिंग से जान भी जा सकती थी। अस्पताल की टीम ने तत्काल ऑपरेशन कर प्लेसेंटा (नाल) और रुई निकालकर मरीज को नई जिंदगी दी। वहीं पीड़ित ने गुरुवार को डीएम को प्रार्थना पत्र देकर आनंद हॉस्पिटल की डॉ. आफरीन और प्रबंधन के विरुद्ध कार्रवाई किए जाने की मांग की।

    इस संबंध में सीएमओ डॉ. भवनाथ पांडेय ने बताया कि अभी मामला सामना संज्ञान में नहीं है। शिकायत आने पर जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी।