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    'चुपचाप रहो, नहीं तो सिखा दूंगा नौकरी करना', महिला कर्मियों से फोन कर अभद्र बातें करता था कलर्क

    Updated: Sun, 21 Dec 2025 07:08 PM (IST)

    हरदोई में एक क्लर्क पर महिला कर्मचारियों से फोन पर अभद्र बातें करने का आरोप लगा है। क्लर्क ने कथित तौर पर कहा, 'चुपचाप रहो, नहीं तो सिखा दूंगा नौकरी क ...और पढ़ें

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    महिला कर्मियों से अभद्र बातें करने वाले कलर्क के खिलाफ FIR दर्ज।

    जागरण संवाददाता, हरदोई। बाल विकास पुष्टाहार के बाल विकास परियोजना कार्यालय में वरिष्ठ लिपिक कमल बाबू के मुख्य सेविका के उत्पीड़न पर उनके विरुद्ध एफआईआर दर्ज ही हो चुकी है। उनसे फोन पर महिला कर्मचारियों के लिए अभद्र और अश्लील बातें करने वाले दोनों सीडीपीओ अनुराग और राजेंद्र कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए जिला कार्यक्रम अधिकारी ने कोतवाली में तहरीर दी है। सीओ ने बताया कि मामला गंभीर है। पुलिस तथ्यों की जांच कर एफआइआर दर्ज कर रही है।

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    मुख्य सेविका के साथ हुई घटना ने पूरे मामले की पोल ही खोल दी है। जांच समिति बताती है कि बाबू की कितनी दबंगई थी और अधिकारी कितने नतमस्तक रहते थे। रिपोर्ट के अनुसार कमल कुमार महिला कर्मचारियों का चोरी छिपकर वीडियो भी बनाता था। एक अन्य मुख्य सेविका का कहना है कि उसने मना किया तो कमल कुमार ने कहा था कि चुपचाप रहो, नहीं तो नौकरी करना सिखा दूंगा।

    पीड़ित मुख्य सेविका का साथ देने वाली दूसरी मुख्य सेविका ने ने सीडीपीओ अनुराग से विकास भवन मेें कमल बाबू की शिकायत की थी। उसी समय कमल बाबू सीढ़ियोें से आते दिख गई तो सीडीपीओ ने कहा कि जिसकी शिकायत कर रही हो वह सामने से आ रहा है और वह चुप हो गए।

    समिति ने सीडीपीओ अनुराग से पूछा तो अनुराग ने इतना ही बताया कि मुख्य सेविका ने कमल बाबू की उनसे शिकायत की थी, लेकिन वहां पर भीड़ थी, तो कोई ज्यादा बात नहीं हो पाई।

    इतना ही नहीं, समिति को जांच में पता चला कि सीडीपीओ ने भी कमल बाबू की दबंगई बताई, कहा कि वह पूर्व में जिला कार्यक्रम अधिकारी के साथ भी ऐसा कर चुका है। उसकी निदेशालय में पकड़ है। उसके व्यवहार से हम लोग भी सचेत रहते हैं।

    कुुल मिलाकर पीड़िता चुपचाप उत्पीड़न सहती रही। उसकी किसी ने मदद नहीं की और संकोच, बदनामी के डर से वह किसी को बता नहीं सकी। जब उसने चुप्पी तोड़कर शिकायत की तो पूरे मामले की पोल ही खुल गई। अब कमल बा्बू ही नहीं, दोनों सीडीपीओ के विरुद्ध भी कार्रवाई हो रही है।

    सीसीटीवी न होना भी जांच का विषय

    जांच के दौरान यह गंभीर तथ्य भी सामने आया कि शासकीय निर्देशों के बावजूद बाल विकास परियोजना शहर कार्यालय में सीसीटीवी कैमरे नहीं लगाए गए हैं, जबकि यहां अधिकांशतः महिला कर्मचारी कार्यरत हैं।

    जांच कमेटी ने इसे गंभीर लापरवाही मानते हुए सीसीटीवी न लगाए जाने के कारणों की भी अलग से जांच कराने की आवश्यकता बताई है, ताकि भविष्य में महिलाओं के लिए सुरक्षित कार्यस्थल सुनिश्चित किया जा सके।