Updated: Thu, 21 Nov 2024 03:56 PM (IST)
हरदोई के रामलीला चौराहे के पास गाटा संख्या 30 पर अवैध कब्जे हटाने के लिए प्रशासन ने कार्रवाई की। तीन पक्के मकानों का अवैध निर्माण गिराया गया और दो दर्जन लकड़ी व टीन के खोखे कब्जेदारों ने पहले ही हटा लिए। यह जमीन चक रोड के रूप में दर्ज है। याचिकाकर्ता रघुवीर सिंह लाला ने कार्रवाई को अधूरी बताते हुए पुनः अदालत में अपील करने की बात कही।
जागरण संवाददाता, पाली (हरदोई)। रामलीला चौराहे के पास भूमि गाटा संख्या 30 पर किए गए अवैध कब्जे को लेकर तहसील और निकाय प्रशासन की टीम ने पुलिस बल की मौजूदगी में तीन पक्के मकान के अवैध निर्माण के हिस्से को गिरा दिया। करीब दो दर्जन लकड़ी के खोखों को लोगों ने पहले ही हटा लिया था। समाजसेवी रघुवीर सिंह लाला ने हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में याचिका दाखिल की थी।
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याचिका में बताया गया था कि भूमि गाटा संख्या 30 प्रशासनिक अभिलेखों में चक रोड के रूप में दर्ज है, जबकि इस जमीन पर दर्जनों लकड़ी और टीन के खोखे रखे गए हैं। वहीं पक्की दुकानों एवं मकानों का अवैध तरीके से निर्माण किया गया। कई चबूतरे भी इस जमीन पर बनाए गए हैं। अदालत ने इस मामले में 25 नवंबर की तारीख सुनवाई के लिए तय की है।
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पहले दिया जा चुका नोटिस
अधिशासी अधिकारी जयप्रकाश सिंह यादव ने बताया कि गाटा संख्या 30 पर अतिक्रमण करने वाले अवैध कब्जेदारों को काफी पहले ही नोटिस दिया गया था, लेकिन उन्होंने अतिक्रमण नहीं हटाया। इसके बाद बुधवार को नायब तहसीलदार आभा चौधरी की मौजूदगी में नगर पंचायत कार्यालय की टीम ने पुलिस बल के साथ पहुंचकर अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई की है।
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पाली में अतिक्रमण हटवातीं नायब तहसीलदार आभा चौधरी साथ में मौजूद नगर पंचायत की टीम। जागरण
अतिक्रमण के खिलाफ इस कार्रवाई की जानकारी अवैध कब्जेदारों को एक दिन पहले ही दे गई थी, इसलिए करीब दो दर्जन लकड़ी व टीन के खोखों को बीती रात ही लोगों ने हटा लिया था। विनोद कुशवाहा, प्रमोद कुशवाहा और सत्य स्वरूप मिश्रा द्वारा अपने मकान के आगे करीब 8 से 10 फीट अवैध निर्माण किया गया था, जिसे जब प्रशासनिक टीम जेसीबी की मदद से गिराने पहुंची, तो इन अवैध कब्जेदारों ने अपने परिजनों के साथ मिलकर स्वयं अवैध निर्माण को गिराना शुरू कर दिया।
याचिकाकर्ता का आरोप, कार्रवाई महज खानापूर्ति
हाई कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल करने वाले समाजसेवी रघुवीर लाला ने आरोप लगाया कि तहसील और निकाय प्रशासन के द्वारा अतिक्रमण के खिलाफ जो कार्रवाई की गई है, वह महज खानापूर्ति साबित हुई। रघुवीर लाला का आरोप है कि गाटा संख्या 30 के संपूर्ण रकबे की पैमाइश नहीं की गई है, जिसकी वजह से अभी भी तमाम अवैध कब्जे बरकरार है। कहा कि कोर्ट में इसको लेकर पुनः प्रार्थना पत्र देंगे।
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