पुलिस लाइन से थानाध्यक्ष के आवास से 35 लाख के जेवर चोरी, SP ने 3 सिपाहियों को किया निलंबित
हरदोई पुलिस लाइन में थानाध्यक्ष के आवास से 35 लाख रुपये के जेवर चोरी हो गए। पुलिस अधीक्षक ने तत्काल कार्रवाई करते हुए तीन सिपाहियों को निलंबित कर दिया है। इस घटना से पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच जारी है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

पुलिस लाइन से थानाध्यक्ष के आवास से 35 लाख के जेवर चोरी।
जागरण संवाददाता, हरदोई। अब तो हद हो गई। चोरों को पुलिस का जरा सा भी खौफ नहीं रह गया। आम आदमी की बात छोड़ो चोर तो अब पुलिस लाइन तक पहुंच गए। पुलिस लाइन में बंद पड़े सवायजपुर थानाध्यक्ष के आवास का ताला तोड़कर 35 लाख के जेवर चोरी कर ले गए। चोरी कब हुई, किसी को पता भी नहीं चला। नौ नवंबर को थाना प्रभारी सर्दी की वर्दी लेने के लिए आवास पहुंचे तो उन्हें आवास का ताला टूटा मिला।
अलमारी को भी तोड़कर उनकी शादी के जेवर चोरी कर लिए गए थे। इसकी एफआइआर दर्ज हुई तो मामला चर्चा में आया। वहीं, इस मामले में पुलिस अधीक्षक ने हेड कांस्टेबल समेत चार पलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया है।
सवायजपुर थाना प्रभारी प्रिंस शर्मा पहले रेलवेगंज चौकी प्रभारी थे। उन्हें पुलिस लाइन में आवास आवंटित था। वहीं पर रहते थे। कुछ समय पहले ही उनकी शादी हुई थी। शादी का सारा जेवर यहीं आवास के लाकर में रखा था। प्रिंस शर्मा का कहना है कि नौ नवंबर को वह सर्दी वाली वर्दी लेने के लिए पुलिस लाइन आए तो देखा का आवास के सभी ताले टूटे पड़े थे।
जेवर के डिब्बे बाहर थे और उनसे हार, सोने की अंगूठी आदि पत्नी का 15 लाख का जेवर और उन्हें उपहार में मिला 20 लाख का जेवर कुल मिलाकर 35 लाख का जेवर चोरी हो गया था। पुलिस लाइन में चोरी की खबर से लाइन में तो खलबली मच गई, लेकिन किसी को इसकी भनक नहीं लगी।
कोतवाल संजय त्यागी ने बताया कि प्रिंस की तहरीर पर 35 लाख के जेवर चोरी की एफआईआर दर्ज की गई है। पूरे मामले की सघन छानबीन हो रही है। राजफाश के लिए टीम लगाई गई हैं।
वहीं, दूसरी तरफ पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार मीणा ने पुलिस लाइन में हुई चोरी पर कड़ा रुख अपनाते हुए हेड कांस्टेबल श्रवण कुमार पांडेय के साथ ही कांस्टेबल स्वर्णलेश, सतेंद्र कुमार और आजाद को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
एसपी ने बताया कि पुलिस कर्मियों की गेट पर ड्यूटी रहती है और आने जाने वालों की रजिस्टर में पूरा विवरण दर्ज करने के आदेश हैं, लेकिन उसे दर्ज नहीं किया। साथ ही ड्यूटी में भी लापरवाही की, जिस पर चारों को निलंबित कर जांच के आदेश दिए गए हैं।

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