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    हापुड़ के एक गांव में संक्रमण फैलने से मचा हड़कंप, 100 से ज्यादा लोग बीमार

    Updated: Sun, 12 Oct 2025 12:07 PM (IST)

    बाबूगढ़ के कांठी-खेड़ा गांव में संक्रमण फैलने से सौ से ज्यादा लोग बुखार से पीड़ित हैं। बुखार में वायरल और मलेरिया के लक्षण दिखाई दे रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता से ग्रामीणों में आक्रोश है। गांव में गंदगी और जलभराव के कारण स्थिति गंभीर है। सीएचसी में मरीजों की भीड़ बढ़ रही है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि स्थिति नियंत्रण में है और जांच के लिए टीम भेजी जाएगी।

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    सीएचसी पर दवा लेने के लिए लगी मरीजों की भीड़। 

    जागरण संवाददाता, बाबूगढ़। क्षेत्र के गांव बाबूगढ़ में संक्रमण फैलने से लोग परेशान हैं। इस समय सौ से ज्यादा लोग बुखार की चपेट में हैं। बुखार में वायरल के साथ ही मलेरिया के लक्षण भी सामने आ रहे हैं। 20 से ज्यादा ग्रामीणों को गंभीर हालत में विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। बार-बार सूचना दिए जाने के बावजूद ग्राम प्रधान व स्वास्थ्य विभाग सुध लेने काे तैयार नहीं है। इससे हालात और बिगड़ रहे हैं। ग्रामीणों ने गांव में स्वास्थ्य शिविर लगवाकर जांच कराने की मांग की है।

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    शहर से पांच किमी दूर गांव कांठी-खेड़ा का हाल बेहाल है। गांव में लगभग हर घर में बुखार से संक्रमित लोग पड़े हुए हैं। शनिवार को गांव में सौ से ज्यादा लोग बुखार की चपेट में थे। इनमें से 20 से ज्यादा की हालत गंभीर बनी हुई है। इनको विभिन्न निजी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। जहां पर उनका उपचार चल रहा है। बुखार में मिश्रित लक्षण आने से ज्यादा परेशानी हो रही है।

    दरअसल पीड़ितों में वायरल के साथ ही मलेरिया और टायफाइड के लक्षण भी सामने आ रहे हैं। गांव में जगह-जगह गंदगी और जलभराव होने से मच्छरों की भरमार है। वहीं दूषित पानी के चलते टायफाइड फैलने की भी आशंका बनी हुई है। ग्रामीण अभय तोमर ने बताया कि गांव में ऐसा कोई घर नहीं है, जिसमें बुखार से संक्रमित व्यक्ति न हो। बुखार कई बार बहुत तेज हो जाता है, जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

    बुखार के साथ ही सिर व बदनदर्द, पेट दर्द, उल्टी, जोड़ों का दर्द और तेज खांसी होने के लक्षण भी सामने आ रहे हैं। इसकी कई बार शिकायत ग्राम प्रधान व सीएमएस के यहां पर की जा चुकी है। उसके बावजूद गांव में फागिंग कराने या हेल्थ कैंप लगाने का निर्णय अभी नहीं लिया गया है। इससे ग्रामीणों में स्वास्थ्य विभाग के प्रति जबरदस्त आक्रोश बना हुआ है। अजब सिंह, हरेंद्र शुभम्, नकुल मनोज, विपुल, जयमल सिह वीरवती मंजु, रूद्र और अनंत को गंभीर हालत में निजी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।

    यहां उपचार को आएं तो बीमार पड़ जाएं 

    स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार भले ही बुखार की गंभीर स्थिति को स्वीकार नहीं कर रहे हों, लेकिन हालात बेहद खराब हैं। सीएचसी में ही रोजाना 500 से ज्यादा मरीज बुखार के पहुंच रहे हैं। पर्ची बनवाने, चिकित्सक को दिखाने व दवा लेने के लिए ऐसी भीड़ लग रही है कि उपचार की बजाय स्वस्थ्य व्यक्ति भी उसमें बीमार हो जाए।

    जिलेभर में सीएचसी और पीएचसी पर बुखार के रोगी पहुंच रहे हैं। उसके बावजूद उपचार का जिम्मा झोलाछापों पर ही है। स्वास्थ्य विभाग जरूरत के हिसाब से दवा और ओपीडी उपलब्ध करा पाने में नाकाम है। वहीं निजी अस्पतालों में महंगाई की मार से लोग परेशान है। ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादातर लोग झोलाछाप चिकित्सकों के ही भरोसे हैं।


    मौसम में बदलाव आने के कारण बुखार के रोगी बढ़े हैं, लेकिन हालत बेहाल होने जैसी स्थिति नहीं है। कांठी-खेड़ा में स्वास्थ्य विभाग की टीम भेजकर जांच कराई जाएगी। गांव में कैंप लगवाकर उपचार कराया जाएगा। किसी को परेशान होने की जरूरत नहीं है। हमारे पास पर्याप्त संसाधन व दवा उपलब्ध है।


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    - डॉ. सुनील कुमार-सीएमओ