उत्तर प्रदेश के शहरों में प्रदूषण का कहर, हापुड़ दूसरे स्थान पर; क्या है बाकी शहरों की स्थिति
उत्तर प्रदेश के शहर प्रदूषण से बुरी तरह प्रभावित हैं, जिनमें हापुड़ और बागपत सबसे आगे हैं। तापमान में गिरावट और हवा की गति बढ़ने से स्थिति और गंभीर हो ...और पढ़ें
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प्रदूषण से सबसे ज्यादा प्रभावित उत्तर प्रदेश के शहर रहे।
जागरण संवाददाता, हापुड़। प्रदूषण से सबसे ज्यादा प्रभावित उत्तर प्रदेश के शहर रहे। देशभर के सात सबसे ज्यादा प्रदूषण वाले शहरों में से चार उत्तर प्रदेश के हैं। वहीं सबसे ज्यादा प्रदूषण में पहले तीन भी एनसीआर से ही हैं।
वहीं बृहस्पतिवार को हापुड़ देशभर में प्रदूषण में दूसरे नंबर रहा। दिनभर पहले नंबर पर रहने के बाद शाम को प्रदूषण का स्तर बागपत में ज्यादा हो गया। तापमान गिरने के साथ ही हवा भी तेज चलती रही। जिससे लोगों को प्रदूषण के साथ ही सीजन का सबसे ज्यादा सर्द दिन का अहसास हुआ।
पूर्णिमा के साथ ही मौसम में भी बदलाव आरंभ हो गया। बृहस्पतिवार को जिले का न्यूनतम तापमान सात डिग्री सेल्सियस रहा। वहीं तेज ठंडी हवाओं के चलने से दोपहर में धूप भी बेअसर रही। लोगों को दिनभर भीषण सर्दी का सामना करना पड़ा। हवा की गति बढ़ने और धूप निकलने के बावजूद प्रदूषण के स्तर में कोई कमी नहीं आई।
जिले में गैस चैंबर जैसी स्थिति बनी रही। हवा की गति 14 किमी प्रतिघंटा रहने के साथ ही रुझान भी बदल गया। इसस प्रदूषण दिल्ली-हरियाणा से उत्तर प्रदेश की ओर सिमट गया। नमी के साथ ही धूल व धुआं के कण एकत्र होकर प्रदूषण की घनी परत बनने लगी है।
देश में 300 से ज्यादा एक्यूआई वाले शहर
| रैंक | शहर | AQI |
|---|---|---|
| 1 | बागपत (उत्तर प्रदेश) | 328 |
| 2 | हापुड़ (उत्तर प्रदेश) | 326 |
| 3 | नोएडा (उत्तर प्रदेश) | 323 |
| 4 | धारूहेड़ा (हरियाणा) | 317 |
| 5 | गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश) | 310 |
| 6 | मानेसर (हरियाणा) | 309 |
| 7 | सोनीपत (हरियाणा) | 308 |
फिर गहरा सकता है संकट
प्रदूषण का ग्राफ जिस प्रकार हर घंटे बदल रहा है, उससे फिर से जिले के अति गंभीर स्थिति में पहुंचने की आशंका हो गई है। प्रदूषण का स्तर 300 सौ से ज्यादा ही रहने का पूर्वानुमान है। एक्यूआइ का स्तर बढ़ने के साथ ही पीएम-10 और पीएम-2.5 का स्तर भी जानलेवा होने की ओर अग्रसर है। इससे प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने अलर्ट जारी कर दिया है। वहीं खुली हवा में सांस लेने को सेहत के लिए खतरनांक माना है।
प्रदूषण एक बार फिर घना छाया हुआ है। लोगों को सावधानी बरतने की जरूरत है। ग्रेप के प्रतिबंधों को लागू करने में सभी सहयोग करें। जो संस्थान नियमों का पालन नहीं करते हैं, वह कार्रवाई के दायरे में आएंगे। उनकी लापरवाही से आमजन की जान जोखिम पर पड़ सकती है। प्रदूषण के संकट से सभी को मिलकर निपटना होगा। - खुशबू सिंह, जिला उद्योग उपायुक्त

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