ग्रामीण इलाकों में सरकारी इमारतों की अनदेखी, आंखें मूंदे बैठे हैं जिम्मेदार
उत्तर प्रदेश सरकार गांवों में शहरी सुविधाएं देने का प्रयास कर रही है, लेकिन रखरखाव के अभाव में सामुदायिक शौचालय और सचिवालय बदहाल हैं। सिंभावली ब्लॉक के सिंगनपुर गांव में शौचालय टूटे हुए हैं और सचिवालय गंदा पड़ा है। ग्रामीणों ने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर शिकायत की है। अधिकारियों ने जांच और समाधान का आश्वासन दिया है।
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संवाद सहयोग, सिंभावली, (हापुड़)। उत्तर प्रदेश में शासन शहर की तर्ज पर ग्रामीणी क्षेत्रों में भी सुविधा देने का प्रयास कर रहा है। इसके लिए बजट के अनुसार धन भी भेजा जाता है। गांवों में ग्रामीणों की सुविधा के लिए सामुदायिक शौचालय, पढ़ने के लिए लाइब्रेरी और सचिवालय बनाएं है। गांव में सरकारी धन से बिल्डिंगे तो बनाई गई, लेकिन रखरखाव के अभाव में ग्रामीणों को सुविधा नहीं मिल पा रही है।
सिंभावली ब्लाक से करीब 10 किलोमीटर दूर बसा सिंगनपुर गांव में सामुदायिक शौचालय और सचिवालय अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहे हैं। ग्रामीण जाबिर ने बताया कि शौचालय के दरवाजे और सीट टूटी हुई है। वहीं, पानी की व्यवस्था भी नहीं है। गांव के बाहर बने सचिवालय के आस-पास गंदगी और बंद पड़ा रहता है।
लोगों का कहना है कि शासन स्तर से खर्च किए गए लाखों रुपये का लाभ तक मिलेगा, जब रखरखाव और व्यवस्था की जाएं।लोगों ने वीडियो बनाकर इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित कर समाधान की मांग की है।
उधर, हरोड़ा गांव का भी पिंक शौचालय का टूटा दरवाजा और गंदा पड़ा है। रखरखाव के अभाव में बिल्डिंग जर्जर हो रही है। अधिकारियों का निरीक्षण नहीं होने के कारण जिम्मेदार लापरवाही बरतें हैं।
बीडीओ सुधीर कुमार ने कहना है कि गांव में टीम को भेज कर जांच कराएंगे। ग्राम प्रधान और सचिव से समस्या का समाधान कराया जाएगा।

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