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    हापुड़-सहारनपुर में महिलाओं के लिए आतंकी संगठन खोलना चाहती थी शाहीन, जैश के साथ काम करने की बात कबूली

    Updated: Thu, 13 Nov 2025 11:17 PM (IST)

    दिल्ली में हुए आतंकी हमले में शामिल शाहीन हापुड़ और सहारनपुर में महिलाओं को आतंकी संगठन में भर्ती करने के लिए एनजीओ के नाम पर ट्रेनिंग सेंटर खोलना चाहती थी। पूछताछ में उसने जैश-ए-मोहम्मद के लिए काम करने की बात कबूली। वह डॉक्टर फारूख के संपर्क में थी और दोनों जिलों में जगह तलाश रही थी। शाहीन का मकसद महिलाओं को ब्रेनवाश कर आतंकी गतिविधियों में शामिल करना था, जिसके लिए विदेशी फंडिंग भी हो रही थी।

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    जैए-ए-मोहम्मद के लिए काम करने की बात शाहीन ने कबूली।

    केशव त्यागी, हापुड़। दिल्ली में हुए आतंकवादी हमले में शामिल आतंकी शाहीन हापुड़ और सहारनपुर जिलों में महिलाओं को आतंकी संगठन में भर्ती करने के लिए एनजीओ के नाम पर ट्रेनिंग सेंटर खोलने की बड़ी साजिश रच रही थी। पूछताछ के दौरान उसने यह चौंकाना वाला कबूलनामा दर्ज कराया है।

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    शाहीन आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के लिए काम कर रही थी। पुलिस सूत्रों के अनुसार शाहीन बुधवार देर रात जीएस मेडिकल कालेज से गिरफ्तार किए गए डाक्टर फारूख के संपर्क में थी। पिछले छह माह से इस साजिश को अंजाम देने के लिए वह दोनों जिलों में वह जगह तलाश रही थी। इसके लिए बड़े स्तर पर टेरर फंडिंग भी की गई थी।

    दिल्ली के आतंकी हमले में कई निर्दोष लोगों की जानें गई। इसमें शाहीन मुख्य साजिशकर्ता के रूप में उभरी है। पूछताछ में उसने बताया कि आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के आका उसे महिलाओं को ब्रेनवाश कर संगठन में भर्ती करने और उन्हें मुतंजिमा (संगठित) टीम लीडर बनाने की जिम्मेदारी सौंप चुके थे। दोनों जिलों में दस कमरों और बेसमेंट वाले बड़े सेंटर खोलने की योजना थी।

    इस सेंटर को पढ़ाई का फाउंडेशन के नाम पर चलाया जाना था। मगर, असल में यहां महिलाओं को वहां आतंकी ट्रेनिंग दी जानी थी। सेंटर में दिखावे के लिए एक स्कूल और दवाखाना भी चलाया जाना था, ताकि कोई शक न पैदा हो।

    सेंटर में मोबाइल जैमर लगाए जाने थे। ताकि बाहर की दुनिया से कोई संपर्क न हो। महिलाओं के मोबाइल फोन जब्त कर लिए जाते और उन्हें मौलवी की आड़ में भड़काऊ तकरीर सुनाई जातीं। इन तकरीरों का मकसद महिलाओं का ब्रेनवाश करना था, जिसके बाद उन्हें जैश-ए-मोहम्मद की महिला विंग में शामिल कर छोटी-छोटी टीमों के लीडर बनाया जाता।

    उसका प्लान था कि महिलाओं को धार्मिक जुमलों के जरिए भड़काया जाए और उन्हें हथियारबंद जिहाद के लिए तैयार किया जाए। यह योजना छह माह से चल रही थी और इसके लिए विदेशी फंडिंग के जरिए लाखों रुपये इकट्ठा किए गए थे। फंडिंग का बड़ा हिस्सा पाकिस्तान से आ रहा था, जो जैश-ए-मोहम्मद के नेटवर्क के माध्यम से भारत में ट्रांसफर किया जा रहा था।

    बोले जिम्मेदार

    यह मामला सामने आया है। मगर, उच्चाधिकारियों द्वारा उन्हें इसकी जानकारी नहीं दी गई है कि शाहीन हापुड़ में किन-किन संस्था या लोगों के संपर्क में थी। एजेंसियां अगर, यहां आती हैं तो उनके साथ मिलकर कार्रवाई की जाएगी। उधर, डाक्टर फारूख की गिरफ्तारी के बाद आईबी समेत अन्य एजेंसियां अब युद्धस्तर पर आतंकी कनेक्शन तलाश में जुट गई है। आईबी की टीम ने जीएस मेडिकल कालेज पहुंचकर सुराग जुटाए हैं। - ज्ञानंजय सिंह, एसपी