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    हापुड़ लाठीचार्ज कांड के बाद फिर आमने-सामने आए पुलिस और अधिवक्ता, तनाव की स्थिति बरकरार

    हापुड़ में हुई लाठीचार्ज की घटना के बाद अधिवक्ताओं में अभी भी रोष है। अधिवक्ता और पुलिस एक बार फिर आमने-सामने आए। इस दौरान यातायात रोक गया। हालांकि सीनियर के समझाने के बाद अधिवक्ता वापस लौट गए हैं। अभी भी स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। लाठीचार्ज कांड के बाद अधिवक्ताओं के आंदोलन की चेतावनी के चलते दिन निकलते ही सरकारी मशीनरी अलर्ट मोड में दिखी।

    By Jagran NewsEdited By: Abhi MalviyaUpdated: Wed, 30 Aug 2023 12:41 PM (IST)
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    फिलहाल हापुड़ में तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है। फोटो- जागरण

    हापुड़, केशव त्यागी। हापुड़ में हुई लाठीचार्ज की घटना के बाद अधिवक्ताओं में अभी भी रोष है। अधिवक्ता और पुलिस एक बार फिर आमने-सामने आए। इस दौरान यातायात रोक गया। हालांकि, सीनियर के समझाने के बाद अधिवक्ता वापस लौट गए हैं। अभी भी स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। अधिवक्ता और पुलिस फिर से आमने-सामने हो सकते है। 

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    लाठीचार्ज कांड के बाद अधिवक्ताओं के आंदोलन की चेतावनी के चलते दिन निकलते ही सरकारी मशीनरी अलर्ट मोड में दिखी। अधिकारी भारी संख्या में पुलिस बल के साथ तहसील चौराहा पर तैनात हो गए। उधर, कचहरी के गेट पर अधिवक्ताओं ने हाथ में लाठी डंडे देकर जमकर नारेबाजी की।

    अधिवक्ताओं ने कचहरी में पुलिस की एंट्री पर बैन लगा दिया है। हंगामें के चलते कचहरी में कामकाज के लिए आने वाले अधिकारियों को भी रंग होकर वापस लौटना पड़ा है। फिलहाल तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है।

    इसलिए किया था हंगामा

    महिला सिपाही के खिलाफ दर्ज मुकदमे को वापस करने की मांग को लेकर मंगलवार को अधिवक्ताओं ने तहसील चौराहे पर जाम लगाकर हंगामा किया था। दौरान बाइक सवार सिपाही के साथ मारपीट की गई, जिसके चलते पुलिस ने अधिवक्ताओं पर लाठीचार्ज कर दिया।

    घटना को लेकर उत्तर प्रदेश बर काउंसिल ने प्रदेश के सभी जिलों में हड़ताल का आह्वान किया। अधिकारियों ने सुरक्षा के मद्देनजर जिला बुलंदशहर में मेरठ से पुलिस बल की मांग की थी। बुधवार को दिन निकलते ही दोनों जिलों से अधिकारी व पुलिसकर्मी हापुड़ पहुंचे।

    सुबह 10.30 बजे अधिवक्ता कचहरी में एकत्र हुए। उन्होंने कचहरी में तैनात पुलिसकर्मियों को बाहर निकाल दिया। इसके बाद लाठी डंडे लेकर गेट पर खड़े हो गए और नारेबाजी शुरू कर दी। सड़क पर पहले से ही पुलिस के तैनात होने के चलते अधिवक्ता बाहर नहीं आए।

    मामले की सूचना पर एएसपी मुकेश चंद्र मिश्र, सीओ पिलखुवा वरुण मिश्रा भारी संख्या में पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। फिलहाल मामले में तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है।