जान खतरे में डालकर स्कूल जाने को मजबूर नौनिहाल
जागरण संवाददाता, हापुड़ स्कूली वाहनों की नियमित जांच नहीं की जा रही है। स्कूल प्रशासन के
जागरण संवाददाता, हापुड़
स्कूली वाहनों की नियमित जांच नहीं की जा रही है। स्कूल प्रशासन के साथ ही परिवहन विभाग भी इस ओर उदासीन है। यही वजह है कि स्कूलों में मनमाने तरीके से खटारा वाहनों को लगाकर बच्चों के जीवन से खिलवाड़ किया जा रहा है। ऐसे में छोटे-छोटे बच्चे जान जोखिम में डालकर स्कूल जा रहे हैं। जिला प्रशासन इस मामले में अंजान बना है। संचालक अपने स्कूलों को जिले का सबसे बेहतर बताते हैं, लेकिन बच्चों की सुरक्षा के नाम पर स्कूलों में मानकों का पालन नहीं किया जाता है।
बच्चों को लाने व ले जाने के लिए लगाए जाने वाले वाहनों के संचालकों से कमीशन वसूलने के लिए संचालक बच्चों की जान जोखिम में डाल देते हैं। जिले में 400 से ज्यादा पब्लिक स्कूल हैं। इनमें बच्चों व स्टाफ को लाने व ले जाने के लिए वाहनों की संख्या पर गौर किया जाए तो स्थिति काफी दयनीय नजर आती है। करीब 280 वाहन परिवहन विभाग से पंजीकृत कराए गए हैं, जबकि जिले के चार सौ स्कूलों के मुकाबले यह संख्या बेहद मामूली है। मानकों को ताक पर रखकर चल रहे इन वाहनों को चलाने की अनुमति न तो चालकों के पास है और न ही स्कूल संचालकों के पास। ऐसे वाहनों में सफर करने वाले मासूम बच्चों की जान को आए दिन खतरा बना रहता है। स्कूल के कुछ वाहन चालक भी पूरी तरह योग्य नहीं हैं।
चालकों की लापरवाही व कम जानकारी के चलते कई बार स्कूली बच्चों की जान पर भी बन आई है। स्कूल संचालकों ने आज तक किसी भी चालक का परीक्षण तक नहीं किया है।
70 प्रतिशत वाहन नहीं हैं स्कूलों के योग्य
स्कूलों में लगाए गए 70 प्रतिशत वाहन बच्चों को लाने व ले जाने के लिए योग्य ही नहीं है। शासन के नियमानुसार केवल मिनी बस या बस में ही बच्चों को लाया व ले जाया जा सकता है, लेकिन जिले के स्कूलों में पिकअप, मैजिक, मारूति वैन, ईको, ई-रिक्शा समेत तमाम वाहन बच्चों को लाने व ले जाने के लिए प्रयोग किए जा रहे हैं। उक्त वाहनों के अवैध होने के बाद भी अभी तक अफसरों ने ऐसे स्कूलों के वाहनों के खिलाफ कोई कार्रवाई करने की जहमत नहीं उठाई है।
कई बार हो चुके हैं हादसे
खटारा व डग्गामार वाहनों के चलते कई बार स्कूली बच्चे हादसे का शिकार हो चुके हैं। हादसों के बाद भी जिला प्रशासन का कोई भी अधिकारी इस ओर कोई सख्त कदम नहीं उठा सका। करीब डेढ़ साल पूर्व दोयमी रोड पर एक स्कूली वैन में आग लग गई थी। 6 दिसंबर 2012 को हाफिजपुर में बच्चों से भरी एक स्कूली वैन पलट गई थी, जिसमें कई बच्चों को गंभीर चोट आई थी।
-स्कूल-कॉलेजों में अवैध रूप से चल रहे वाहनों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जाती रही है। एक सप्ताह पहले ही चलाए गए अभियान के दौरान तीन बसों की फिटनेस पूरी होने पर स्कूल संचालकों को नोटिस जारी किया गया था। आगे भी कार्रवाई लगातार जारी रहेगी।
- प्रणव झा, एआरटीओ, हापुड़
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।