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    बदलते मौसम ने बढ़ाया बीमारियों का खतरा, हापुड़ में कई गुना बढ़े चर्म रोग के मरीज

    Updated: Thu, 16 Oct 2025 04:06 PM (IST)

    बदलते मौसम और प्रदूषण के कारण हापुड़ में चर्म रोग के मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है, खासकर घनी आबादी वाले इलाकों में। सरकारी अस्पतालों में मरीजों की संख्या में 30% तक की बढ़ोतरी हुई है। डॉक्टर मरीजों को दवाइयों के साथ बचाव के उपाय भी बता रहे हैं। एलर्जी, खुजली और फंगल इंफेक्शन जैसी समस्याएं आम हैं, और मरीजों को बिना परामर्श के दवाएं लेने से बचने की सलाह दी जा रही है।

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    जागरण संवाददाता, हापुड़। हापुड़ में बदलते मौसम व प्रदूषण के कारण चर्म रोग के मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। अधिक घनत्व वाले मोहल्लों में परेशानी अधिक देखने को मिल रही है। करीब 30 फीसदी मरीज इसी बीमारी से ग्रस्त हैं।

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    सरकारी अस्पतालों में प्रतिदिन मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। अस्पताल में पहुंचने वाले मरीजों को दवाई देने के साथ-साथ उन्हें बचाव के उपाय भी बताए जा रहे हैं।

    सरकारी अस्पतालों की ओपीडी में ने वाले मरीजों में एलर्जी, रेड रैशेज, लाल रंग के छोटे-छोटे दाने, त्वचा में खुजली होना, पिगमेंटेशन, सनबर्न आदि समस्याएं देखने को मिल रही है। मरीज बिना परामर्श के गलत लोशन दवाएं लो रहे हैं, जिससे बीमारी गंभीर हो रही है।

    चिकित्सकों के अनुसार, जिन मरीजों को त्वचा संवेदनशील है, उन्हें केमिकल युक्त उत्पादों के प्रयोग से बचना चाहिए। अस्पतालों में आने वाले मरीजों में उन मोहल्लों के लोग अधिक हैं, जहां आबादी का घनत्व अधिक है। इन मोहल्लों में त्वचा रोगियों की संख्या काफी अधिक मिल रही है।

    चर्म रोग विशेषज्ञ डा. अमरजीत सिंह ने बताया कि फंगल इंफेक्शन हर माह मरीजों को परेशान करता है। जिसका उपचार सामान्य दवाइयों से ही हो जाता है। लेकिन स्कैबीज बेहद तेजी से फैलने वाली बीमारी है। एक से दूसरे मरीज के संपर्क में आने, कपड़े संपर्क में आने से ही यह बीमारी फैलनी शुरू हो जाती है। बदलते मौसम में स्कैबीज के साथ ही ए्ग्जिमा, सोराइसिस बीमारी भी तेजी से फैल रही है।

    इन मोहल्लों में असर है अधिक

    लज्जापुरी, भीमनगर, पीरबाउद्दीन, रफीकनगर, त्रिलोकीपुरम, ईदगाह, कोटला सादात, निवाजीपुरा, किलाकोना, नूर बफान, मजीदपुरा, आवास विकास, मोती कालोनी, नवाजीपुरा, तगासराय, शिवगढ़ी आदि मोहल्ले शामिल हैं।

    ऐसे करें बचाव

    • दानों और चक्कों से खून रिसने पर खून की जांच कराएं
    • दानों में पस पड़ने पर इंफेक्शन की जांच कराएं
    • शरीर में गंदगी और पसीने को साफ करें
    • प्रतिदिन नहाएं और साफ-सफाई का ध्यान रखें
    • किसी के कपड़ों का इस्तेमाल न करें

    जिला अस्पताल में चर्म रोग विशेषज्ञ की तैनाती है, जो ओपीडी में पहुंचने वाले मरीजों को उचित परामर्श देने के साथ-साथ दवाई दे रहे हैं। मरीजों को सरकारी अस्पतालों में उपचार दिया जा रहा है। - डा. सुनील कुमार त्यागी, सीएमओ