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    किसानों को सतर्क रहने की जरूरत, सरकार एक रुपये में...राकेश टिकैट ने किसानों को किया आगाह

    Updated: Sun, 28 Sep 2025 12:43 PM (IST)

    भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों को सतर्क रहने की जरूरत है क्योंकि सरकार जमीन हड़पने की साजिश कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार मंडियों को खत्म करने की कोशिश कर रही है और किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य नहीं मिल रहा है। टिकैत ने किसानों से एकजुट होकर विरोध करने का आह्वान किया ताकि सरकार उनकी मांगों को पूरा करे।

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    भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों को सतर्क रहने की जरूरत है। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, हापुड़। भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों को सतर्क रहने की जरूरत है। सरकार जमीन हड़पने की साजिश कर रही है। बिजली, पानी और खाद लगातार महंगी होती जा रही है, वहीं किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य नहीं मिल रहा है।

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    सरकार मंडियों को खत्म करने की कोशिश कर रही है। हमें इससे सतर्क रहना होगा। सरकार एक रुपये में 1,000 एकड़ जमीन हड़पने की साजिश कर रही है। वह नवीन मंडी में किसान सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।

    उन्होंने कहा कि मंडी क्षेत्र तीन कृषि कानूनों में से एक था। कानून निरस्त हो चुके हैं, लेकिन धीरे-धीरे फसल उत्पादों की खरीद मंडियों के बाहर की जा रही है। इससे मंडियों का विकास धीरे-धीरे रुक जाएगा। इससे बाहरी खरीद के कारण टैक्स नहीं वसूला जा सकेगा, जिससे मंडियां खत्म हो जाएंगी, जैसा कि बिहार में हुआ।

    राकेश टिकैत शनिवार को मंडी परिसर में आयोजित महापंचायत को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सरकार एक रुपये में 1,000 एकड़ जमीन भी बेच सकती है। सरकार आपकी जमीन हड़पना चाहती है। सरकार की नीति बाज़ारों को बंद करने की है ताकि किसानों को उनकी फसलों का उचित मूल्य न मिले। बिहार में भी कुछ ऐसा ही हुआ।

    पिछले 20 सालों के आंकड़ों पर गौर करें तो देश में लगभग 45 लाख करोड़ रुपये की फसलें कम दाम पर खरीदी गई हैं, या यूं कहें कि किसानों को इतना ही नुकसान हुआ है। एमएसपी गारंटी कानून, स्वामीनाथन समिति की रिपोर्ट और सीटू+50 फॉर्मूले को देखते हुए नुकसान का यह आंकड़ा और भी ज़्यादा होगा।

    किसानों को अपनी ज़मीन नहीं बेचनी चाहिए, बल्कि अपनी फसल बेचकर आंदोलन शुरू करना चाहिए। नई सरकारी योजनाओं से किसानों को नुकसान हो रहा है, और हमें इस मुद्दे पर विरोध करना चाहिए।

    उन्होंने कहा कि किसानों को अपने खेतों और पशुओं पर काम करना चाहिए। ज़्यादा फसल पैदा करने के लिए किसानों ने कौन-कौन से ठेके लिए हैं? अगर आप अपनी फसल का उत्पादन कम करने की ज़रूरत को ध्यान में रखेंगे, तो आपको कम खाद की ज़रूरत पड़ेगी।

    अगर देश में अनाज की कमी होगी, तो आपको उचित मूल्य मिलेगा। हापुड़ आलू और गन्ना उगाने वाला क्षेत्र है, लेकिन यहाँ के किसान अक्सर उन फसलों की ओर आकर्षित होते हैं जिनके दाम किसी साल अच्छे मिलते हैं। हमें इस सोच को बदलने की ज़रूरत है।

    अगर उत्पादन कम हो और संगठन मज़बूत हो, तो खाद की कमी पैदा करने वाले आपके दरवाज़े पर लाइन लगाकर उत्पादन बढ़ाने की माँग करेंगे। 2007 से पहले देश में अनाज आयात किया जाता था। उस समय तत्कालीन प्रधानमंत्री टिकैत साहब से मिले थे और गेहूँ का उत्पादन बढ़ाने पर चर्चा हुई थी। किसानों ने तत्कालीन सरकार के लिए इतना गेहूँ पैदा किया कि 18 साल बाद भी देश को एक किलो गेहूँ खरीदने की ज़रूरत नहीं पड़ी।

    अगर सरकार हमसे सवाल करेगी, तो हम सुझाव ज़रूर देंगे। लेकिन इससे उत्पादन बढ़ेगा। खेत बचाने और फसल चक्र अपनाने का अभियान चलाएँ। अगर आप अपने बच्चों को अपना खेत नहीं दिखाएँगे, तो वह ज़रूर बिक जाएगा।

    उन्होंने कहा कि हमारा विरोध कम हो गया है, जिसकी वजह से मिलें समय पर भुगतान नहीं कर रही हैं, गन्ने का रेट नहीं बढ़ रहा है, सरकार एमएसपी गारंटी कानून के मुद्दे पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है, ऐसे में विरोध ही एकमात्र विकल्प बचा है। इस पर ध्यान दें और अपने संगठन पर ध्यान दें। इस मौके पर एडीएम संदीप कुमार मंच पर पहुँचे और उनका ज्ञापन लिया। जगदीश प्रधान, ज्ञानेश्वर त्यागी, दिनेश खेड़ा, नितिन माना और अन्य उपस्थित थे।

    "आई लव इंडिया" कहो, किसी को आपत्ति नहीं होगी

    पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि सपा को आलम खान का समर्थन करना चाहिए था। उनकी पार्टी ने एक तेज़तर्रार नेता का समर्थन नहीं किया। यह उपेक्षा की पराकाष्ठा है। राज्य में "आई लव मोहम्मद" को लेकर चल रहे विवाद पर उन्होंने कहा कि जो किसी पर विश्वास करता है, वह उससे प्रेम भी करता है।

    कुछ लोग "आई लव मोहम्मद" कहते हैं, तो कुछ "आई लव शिव" कहते हैं। हमें विवादों से बचना चाहिए। सभी को एक साथ मिलकर "आई लव नेशन" कहना चाहिए, जिस पर किसी को आपत्ति नहीं है। समाज और राष्ट्र को मज़बूत करने के लिए सभी को मिलकर काम करना चाहिए।