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    यूपी के हापुड़ में BJP जिलाध्यक्ष के लिए सरगर्मी तेज, लखनऊ-दिल्ली की दौड़ रहे दावेदार; चर्चा में ये नाम आगे

    Updated: Mon, 07 Apr 2025 11:16 AM (IST)

    उत्तर प्रदेश के हापुड़ में भाजपा जिलाध्यक्ष पद के लिए सरगर्मी तेज हो गई है। पार्टी हाईकमान ने सभी सांसदों से प्रत्येक वर्ग में दो-दो नाम मांगे हैं। ठाकुर ब्राह्मण एससी और महिला वर्ग से नामों की चर्चा जोरों पर है। अनुसूचित जाति के प्रभावी व्यक्ति की तलाश की जा रही है। मौजूदा अध्यक्ष नरेश तोमर और पूर्व जिलाध्यक्ष उमेश राणा भी रेस में हैं।

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    इसी सप्ताह जिलाध्यक्ष का एलान हो सकता है। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

    जागरण संवाददाता, हापुड़। भाजपा जिलाध्यक्ष के लिए सरगर्मी तेज हो गई है। नवरात्र पूर्ण होने पर माना जा रहा है कि इसी सप्ताह जिलाध्यक्ष का एलान हो सकता है। पार्टी हाईकमान ने सांसदों से प्रत्येक वर्ग में दो-दो नाम मांगे गए हैं। इससे उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही जिलाध्यक्ष घोषित कर दिया जाएगा।

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    पार्टी में चर्चा है कि इस बार अनुसूचित जाति के प्रभावी व्यक्ति की तलाश जिलाध्यक्ष के लिए की जा रही है। यदि ठाकुर वर्ग से ही जिलाध्यक्ष बनाया जाना है कि मौजूदा अध्यक्ष को ही दोहराया जा सकता है। वहीं पार्टी के जिला प्रवक्ता भी ब्राह्मण वर्ग से प्रभावी भूमिका में हैं।

    चर्चा में ये दो नाम आगे

    पार्टी में चर्चा है कि कविता माधरे और मालती भारती में से किसी को जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। इससे अनुसूचित और महिला दोनों ही वर्ग की पूर्ति की जा सकती है। सत्ताधारी दल होने के चलते भाजपा में जिलाध्यक्ष पद को प्रभावशाली माना जा रहा है। यही कारण है कि जिलाध्यक्ष के लिए खींचतान भी ज्यादा है। पार्टी में जिलाध्यक्ष का चुनाव दिसंबर में पूर्ण हो जाना था।

    मंडल अध्यक्षों के नाम का हो चुका है एलान

    उस समय मंडल अध्यक्षों की सूची में नाम बदलने के आरोप-प्रत्यारोप को लेकर अंदरूनी विवाद आरंभ गया था। जिसके चलते जिलाध्यक्ष के चयन में विलंब होता गया। पार्टी हाईकमान ने पिछले दिनों मंडल अध्यक्षों के नाम का एलान तो कर दिया, लेकिन जिलाध्यक्ष के नामांकन में उनकी भूमिका को दरकिनार कर दिया गया।

    पहली बार ऐसा हुआ कि मंडल अध्यक्षों की संस्तुति के बिना ही जिलाध्यक्ष पद के लिए नामांकन किए गए। इसका प्रभाव भी जिलाध्यक्ष पद के आवेदनों पर नजर आया। जिले में पहली बार सबसे ज्यादा आवेदन जिलाध्यक्ष पद के लिए किए गए। मौजूदा व पूर्व जिलाध्यक्ष सहित 57 कार्यकर्ताओं ने जिलाध्यक्ष के लिए दावेदारी ठोक दी।

    तीनों विधायकों और तीनों सांसदों से मांगे गए नाम

    ऐसे में पार्टी हाईकमान ने पहले ही जिले के तीनों विधायकों और तीनों सांसदों से जिलाध्यक्ष के लिए प्राथमिकता में नाम मांगे गए थे। उसमें ठाकुर, ब्राह्मण व वैश्य वर्ग के नामों को लेकर चर्चा जोरदार थी। ब्राह्मण वर्ग में पूर्व चेयरमैन प्रफुल्ल सारस्वत व वर्तमान जिला प्रवक्ता सुयश वशिष्ठ आमने-सामने हैं। वहीं ठाकुर वर्ग में वर्तमान जिलाध्यक्ष नरेश तोमर और पूर्व जिलाध्यक्ष उमेश राणा आमने-सामने हैं।

    इसी प्रकार वैश्य वर्ग में पुनीत गोयल दमदारी से दावा ठोक रहे हैं। पार्टी में चर्चा थी कि नरेश तोमर, सुयश वशिष्ठ और पुनीत गोयल प्रभावी भूमिका में हैं। वहीं पुनीत गोयल व प्रफुल्ल सारस्वत मंडल अध्यक्षों के चयन में चुनाव प्रभारी होने के नाते जिलाध्यक्ष के चुनाव में कमजोर पड़ते दिख रहे हैं। इसी बीच पार्टी ने तीनों जिलाध्यक्षों से अनुसूचित वर्ग से दो-दो नाम और मांगे हैं।

    आरएसएस पदाधिकारियों संपर्क कर रहे दावेदार

    ऐसे में चर्चा है कि अनुसूचित वर्ग से जिलाध्यक्ष बनाया जा सकता है। वहीं कविता माधरे और मालती भारती अनुसूचित वर्ग से होने के साथ ही सक्रिय महिला भी है। माना जा रहा है कि इनमें से किसी के चयन से अनुसूचित और महिला दोनों ही वर्ग की पूर्ति की जा सकती है।

    अभी सब कुछ कयासों पर ही चल रहा है और कुछ भी निश्चित नहीं है। ऐसे में पार्टी नेता लखनऊ और दिल्ली तक की दौड़ लगाने के साथ ही आरएसएस पदाधिकारियों के यहां भी संपर्क में जुटे हैं। उम्मीद है कि जल्द ही जिलाध्यक्ष के नाम का एलान हो जाएगा।