Lok Sabha Elections: चुनाव के दौरान जरा संभलकर रहिए, हापुड़ के 10 हजार उपद्रवियों पर पुलिस की पैनी नजर
Lok Sabha Elections लोकसभा चुनाव को सकुशल संपन्न कराने के लिए चुनाव तक 15 हजार लोगों के खिलाफ मुचलका पाबंद की कार्रवाई करने का लक्ष्य रखा गया है। शांति व्यवस्था के नाम पर हजारों लोग पुलिस के कार्यालयों से लेकर अदालत तक चक्कर काटने को मजबूर हो जाते हैं। क्योंकि 107/16 में पुलिस आंख बंद कर उन पर कार्रवाई कर देती है।

केशव त्यागी, हापुड़। अगर.. आप पुलिस के दस्तावेजों में उपद्रवी हैं तो लोकसभा चुनाव के दौरान जरा संभलकर रहिएगा। क्योंकि, जिले के करीब दस हजार उपद्रवियों को चिह्नित कर पुलिस उनपर पैनी नजर जमाए हुए हैं।
चुनाव में किसी प्रकार का माहौल खराब न हो इसके मद्देनजर वर्ष 2024 में अब तक पुलिस ने 6013 लोगों के खिलाफ मुचलका पाबंद, 14 अपराधियों की हिस्ट्रीशीट, 51 अपराधियों को जिलाबदर किया गया है। वहीं, 50 अपराधियों पर गैंगस्टर व 75 के खिलाफ गुंडा अधिनियम की कार्रवाई की गई है।
15 हजार लोगों के खिलाफ कार्रवाई का लक्ष्य
लोकसभा चुनाव को सकुशल संपन्न कराने के लिए चुनाव तक 15 हजार लोगों के खिलाफ मुचलका पाबंद की कार्रवाई करने का लक्ष्य रखा गया है। भूमि विवाद, रंजिश के विवाद, खूनी संघर्ष व चुनाव के दौरान हुई घटनाओं सहित अन्य विवाद में शामिल लोगों के खिलाफ यह कार्रवाई की जा रही है। ताकि, चुनाव के दौरान कोई विवाद या विपरीत स्थिति उत्पन्न न हो सके।
पुलिस लक्ष्य के सापेक्ष अब तक पुलिस 1107 वाद में 6013 लोगों के खिलाफ मुचलका पाबंद की कार्रवाई कर चुकी है। एसपी अभिषेक वर्मा ने बताया कि आपराधिक किस्म के लोगों पर कार्रवाई करने के लिए सर्किलवार सीओ व थाना प्रभारी निरीक्षक को कड़े आदेश दिए गए हैं। ताकि, चुनाव के समय कोई भी समस्या उत्पन्न न हो सके। चुनाव निष्पक्ष व शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने के लिए पुलिस की कार्रवाई अभी जारी है।
बिना कसूर के भी भोगनी पड़ती है सजा
मतदाता ही लोकतंत्र के प्राण तत्व हैं। इनके ही दम से सरकारें आती और जाती हैं। कोई भी चुनाव हो उसे उत्सव के रूप में देखा जाता है। चुनावी उत्सव के मतदाता ही अभिन्न अंग होते हैं। वोट के लिए दिग्गज राजनेता मतदाताओं के चरण-वंदन करते दिखते हैं। बावजूद इसके हर चुनाव में कुछ ऐसे भी मतदाता होते हैं जिन्हें बिना कसूर के एक सजा भोगनी पड़ती है।
शांति व्यवस्था के नाम पर हजारों लोग पुलिस के कार्यालयों से लेकर अदालत तक चक्कर काटने को मजबूर हो जाते हैं। क्योंकि 107/16 में पुलिस आंख बंद कर उन पर कार्रवाई कर देती है। इसमें कई बार ऐसे बुजुर्ग, असहाय, नाबालिग व अन्य शामिल होते हैं जो एकतरफा कार्रवाई की भेंट चढ़ जाते हैं। इनके घरों में दो जून की रोटी की भी ठीक से व्यवस्था नहीं है। फिर भी इन्हें दो जमानती और अधिवक्ता की फीस का इंतजाम कर जमानत करानी पड़ती है।
क्या है धारा 107/16-
धारा 107/16 के तहत शांतिभंग की आशंका में लोगों को पाबंद किए जाने का प्रावधान है। पुलिस अपराधों पर नियंत्रण के लिए इसकी कार्रवाई करती है।
धारा 107/16 के तहत पुलिस की रिपोर्ट के तहत मजिस्ट्रेट संबंधित व्यक्ति को नोटिस जारी करता है। इसके बाद उस व्यक्ति को अदालत में हाजिर होकर मुचलका भरना पड़ता है। पाबंद की अवधि छह महीने तक की होती है। इसे सालभर तक के लिए बढ़ाया जा सकता है।
यह कहती है धारा 116 (3)-
दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 110 जी के अंतर्गत चोर, लुटेरे व चोरी आदि के कार्यों में अभ्यस्त व्यक्ति पर पाबंद की कार्रवाई की जाती है। पाबंदी की प्रक्रिया धारा 107/16 की तरह ही की जाती है। उधर, 116 (3) के तहत अदालत द्वारा संबंधित व्यक्ति को नोटिस दे दी जाती है और उसके खिलाफ जांच कराई जाती है।
अब तक की गई कार्रवाई-
- अवैध शराब बरामद : 10429 लीटर
- अवैध असलहा बरामद : 170
- शस्त्र फैक्टी पकड़ी : 05
- पाबंद हुए लोग : 6013
- गैंगस्टर एक्ट : 50
- गुड़ा एक्ट : 75
- वारंटी गिरफ्तार : 250
- जिला बदर : 51
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