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    हापुड़ में पीएम आवास योजना में बड़ा फर्जीवाड़ा, किराएदार बना मालिक; दो-दो योजनाएं हो गई स्वीकृत

    Updated: Mon, 01 Sep 2025 08:21 PM (IST)

    हापुड़ में प्रधानमंत्री आवास योजना में एक बड़ा घोटाला सामने आया है। नगरपालिका कर्मचारियों ने मिलीभगत करके एक किराएदार को मकान मालिक बना दिया और उसके नाम पर फर्जी हाउस टैक्स रसीद जारी कर दी। इस रसीद के आधार पर किराएदार और उसके बेटे को डूडा से दो पीएम आवास स्वीकृत करा दिए गए जिसके लिए उन्हें पांच लाख रुपये मिले।

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    “पालिका के खेल: किराएदार बना मालिक, दो-दो पीएम आवास हजम”

    ठाकुर डीपी आर्य, हापुड़। नगर पालिका के एक के बाद एक खेल सामने आ रहे हैं। दस लाख रुपये लेकर बुलंदशहर रोड पर स्थित सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा कराने के आरोपों के चलते पिछले दिनों जमकर हंगामा हुआ था। हाल ही में पालिका के जिम्मेदार फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र के आरोपों के चलते बचाव की राह तलाश रहे हैं।

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    वहीं अब एक और नया घपला सामने आ गया है। पालिका के कर्मचारियाें ने मिलीभगत करके एक किराएदार को ही मकान मालिक बना दिया। बिना सत्यापन के ही किराएदार के नाम से हाउस टैक्स की रसीद प्रदान कर दी। टैक्स की इस रसीद के आधार पर डूडा में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान के लिए आवेदन कर दिया गया। उसके आधार पर डूडा कार्यालय में भी खेल किया गया।

    वहां पर एक रसीद के आधार पर एक ही व्यक्ति व उसके पुत्र को दो पीएम आवास स्वीकृत कर दिए गए। इसके लिए उन्हें पांच लाख रुपये का भुगतान करके मकान भी बनवा दिए। मकान मालिक को इसकी जानकारी हुई तो उसने जिम्मेदार अधिकारियों से संपर्क किया। इस पर डूडा और पालिका के कर्मचारी उसको दो महीने तक डराते-धमकाते रहे। अब मामला उच्चाधिकारियों के संज्ञान में आया, तो जांच की गई। जांच में फर्जीवाड़ा साबित होने के बाद रिपोर्ट दर्ज कराने की तैयारी की जा रही है।

    अब घपले का मामला वार्ड नौ का है। जफर आलम ने बताया कि उनके शहर में कई मकान और व्यवसायिक प्रतिष्ठान हैं। एक मकान वार्ड नौ के मोहल्ला जफरपुरा में स्थित है। इस मकान को कई साल पहले मोहल्ले के ही रहने वाले चरनसिंह ने किराए पर ले लिया था। इसका मकान नंबर 378 है। उन्होंने 1160 वर्ग फीछ पर यह मकान 1990 में कंक्रीट सीमेंट से पक्का बनवाया था। पिछले दिनों बीमार होने के चलते वह कई महीने तक शहर से बाहर रहे।

    अब आकर जानकारी मिली कि चरन सिंह ने मकान को तोड़ डाला है। उसके स्थान पर दो प्रधानमंत्री आवास बनवा लिए गए हैं। इनके निर्माण के लिए उनको डूडा से पांच लाख रुपया दिया गया है। इस पर जानकारी करने के लिए जफर आलम ने पालिका में संपर्क किया। उसके बाद डूडा में पहुंचे। दोनों में से किसी स्थान पर उनकी सुनवाई नहीं हुई। पालिका में तो संबंधित पटल पर यहां तक कह दिया गया कि मकान आपने बेच दिया है। हमारे पास सबूत हैं।

    जांच में फंसे जिम्मेदार

    आख़िरकार मामला सीडीओ तक पहुंचा तो जांच बैठाई गई। जांच रिपोर्ट में पूरा फर्जीवाड़ा साबित हो गया है। तीन सदस्यीय जांच टीम ने पाया कि तथ्यों को छिपाकर हाउस टैक्स की रसीद जारी की गई। वहीं डूडा द्वारा पिता-पुत्र को पीएम आवास योजना का पात्र बनाकर धनराशि आवंटित कर दी गई। अब पालिका का कहना है कि जिस कर्मचारी ने किराएदार के नाम से हाउस टैक्स की फर्जी रसीद काटी थी, उसकी मृत्यु हो चुकी है।

    वहीं डूडा के पीओ मंजीत सिंह ने बताया कि पीएम आवास योजना के पात्रों का सत्यापन निजी संस्था द्वारा कराया जाता है। पता नहीं किस स्तर पर गड़बड़ी हुई है। सीडीओ की जांच में यह साबित हो गया है कि पीएम आवास पाने के लिए फर्जीवाड़ा किया गया है। किराए के मकान की षडयंत्र के तहत हाउस टैक्स की रसीद बनवा ली गई और उसके आधार पर आवास ले लिया गया।

    चरन सिंह और उसके बेटे ललित के नाम से पीएम आवास योजना का लाभ लिया गया है। उनको धनराशि तत्काल जमा करने के लिए अंतिम नोटिस जारी कर दिया गया है। धनपराशि जमा नहीं कराने पर आरसी जारी की जाएगी। वहीं पालिका की ओर से फर्जीवाड़ा में रिपोर्ट दर्ज कराई जाएगी। -  रेनू सिंह- एसडीएम-परियोजना अधिकारी डूडा

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