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    अधिकारियों ने मांगा जवाब, किस नियम से बनाया एस्टीमेट

    By JagranEdited By:
    Updated: Wed, 03 Aug 2022 08:02 PM (IST)

    जागरण संवाददाता हापुड़ ऊर्जा निगम के अधिकारियों ने मिलीभगत कर एक आवासीय कालोनी को वि ...और पढ़ें

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    अधिकारियों ने मांगा जवाब, किस नियम से बनाया एस्टीमेट

    जागरण संवाददाता, हापुड़ :

    ऊर्जा निगम के अधिकारियों ने मिलीभगत कर एक आवासीय कालोनी को विद्युत कनेक्शन दे दिया था। आरोप है कि एस्टीमेट बनाते समय अधिकारियों ने बड़े स्तर पर लापरवाही बरती और उपभोक्ता को राहत दी। इससे विभाग को राजस्व का नुकसान हुआ है। यहां तक कि हापुड़ डिविजन प्रथम के अधिकारियों ने पूरे प्रकरण को छुपाने का प्रयास भी किया। बुधवार के अंक में दैनिक जागरण ने इसको लेकर खबर प्रकाशित की तो अधिकारियों में अफरा-तफरी मच गई। उच्च अधिकारियों के आदेश पर अधीक्षण अभियंता ने जांच शुरू करते हुए जवाब तलब किया है।

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    बता दें कि ददायरा, श्यामपुर रोड पर एक नई आवासीय कालोनी के लिए उपभोक्ता ने आवेदन किया था। इसके लिए उक्त जगह का विद्युतीकरण (एलटी कनेक्शन के लिए आवेदन) भी कराया गया। जिसके बाद ऊर्जा निगम के चीफ बुलंदशहर द्वारा 180 किलोवाट के कनेक्शन की अनुमति प्रदान की गई। जिसके बाद 250 केवीए का ट्रांसफार्मर मौके पर लगाया गया था। बाद में अवर अभियंता, उपखंड अधिकारी, संगणक और अधिशासी अभियंता ने मिलकर एस्टीमेट बनाया था।

    आरोप है कि नियमों के विपरीत एस्टीमेट बनाकर अधिकारियों ने 180 किलोवाट का कनेक्शन दे दिया था। उक्त कनेक्शन को देते समय अधिकारियों ने सरकारी नियमों को अनदेखा किया था। मामले में मोहल्ला काजीवाड़ा निवासी अजीम ने ऊर्जा मंत्री, निगम के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक से शिकायत की थी।

    बुधवार के अंक में दैनिक जागरण ने नियमों के विपरीत बनाया एस्टीमेट शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। इस खबर की गूंज प्रबंध निदेशक कार्यालय से लेकर लखनऊ में ऊर्जा निगम के चेयरमैन तक पहुंची है।

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    यह हुई गड़बड़ी:

    आरोप है कि अधिकारियों ने विभाग को नुकसान पहुंचाकर एस्टीमेट बनाया। ट्रांसफार्मर रखने के लिए बनने वाली प्लींथ (चबूतरा), ट्रांसफार्मर की केमिकल अर्थिंग और फैंसिग के कार्य में खेल किया गया है। इससे विभाग को बड़े राजस्व का नुकसान हुआ है।

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    इस प्रकार बनता है एस्टीमेट:

    किसी भी एस्टीमेट को सबसे पहले अवर अभियंता, इसके बाद उपखंड अधिकारी और अंत में संगणक व अधिशासी अभियंता स्तर से इसे फाइनल किया जाता है। पूरा एस्टीमेट अब आनलाइन भी बनाया जाता है।

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    यह कहते हैं अधिकारी:

    उच्च अधिकारियों ने मामले का संज्ञान लिया है। उन्हीं के आदेश पर हापुड़ डिविजन प्रथम के अधिकारियों को पत्र जारी कर एस्टीमेट के संबंध में जवाब मांगा गया है। जवाब मिलने के बाद विभागीय स्तर से उचित कार्रवाई की जाएगी।

    - यूके सिंह, अधीक्षण अभियंता

    ---- अधीक्षण अभियंता हापुड़ को जांच के निर्देश दिए गए हैं। मामला पूरी तरह से संज्ञान में है। जांच में दोषी मिलने पर दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।

    - बिनोद कुमार मिश्र, मुख्य अभियंता