Monad University में 6 महीने से परेशान छात्रों के आनन-फानन में जमा कराए गए फार्म, दिलवाई परीक्षा
Monad University में वार्षिक परीक्षाएं शुरू हो गई हैं जिसमें लगभग 2600 छात्र शामिल हुए। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने सभी छात्रों को परीक्षा देने की अनुमति दी भले ही उनकी फीस बकाया हो या फॉर्म जमा न हो। वीसी ने छात्रों को डिग्री की वैधता का आश्वासन दिया। एसटीएफ ने यूनिवर्सिटी में कार्यालय खोला है जहां छात्र फर्जी डिग्री से संबंधित जानकारी दे सकते हैं।

जागरण संवाददाता, हापुड़। मोनाड यूनिवर्सिटी में मंगलवार को वार्षिक परीक्षा आरंभ हो गए। अव्यवस्थाओं के बीच करीब 26 सौ छात्रों ने परीक्षा दी। यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने किसी को भी परीक्षा देने से नहीं रोका। जिन छात्रों को पहले विभिन्न मामलों में रेस्टीकेट किया जा चुका था, जिनकी फीस नहीं आई थी या जिनके फार्म ही जमा नहीं थे, उन सभी को परीक्षा दिलाई गई।
वीसी ने छात्रों को दिया परीक्षा के बाद वैध डिग्री जारी होने का भरोसा
छात्रों के आनन-फानन में फार्म जमा करने के साथ ही उनको एडमिट कार्ड जारी कर दिए गए। वहीं वीसी ने छात्रों को भरोसा दिलाया कि उनकी परीक्षा पूरी तरह मानकाें के तहत हो रही है और उनको मिलने वाली डिग्री भी वैध होगी। अध्यापकों की कमी के चलते यूनिवर्सिटी के सभी कर्मचारियों को परीक्षा ड्यूटी में लगा दिया गया।
एसटीएफ की छापामारी के बाद से मोनाड यूनिवर्सिटी की स्थिति डावाडोल हैं। एक ओर जहां अध्यापक व अन्य स्टाफ कार्रवाई काे लेकर भयभीत हैं, वहीं छात्र अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं। छात्रों को भय है कि उनको दी जा रही डिग्री भी कहीं फर्जी न हों।
इसके साथ ही यह भी डर सता रहा है कि सर्विस के लिए जाने पर मोनाड की डिग्री की साख क्या रहेगी। उनको किस प्रकार से अटैंड किया जाएगा। ऐसे में सैंकड़ों छात्र परीक्षा देने को तैयार ही नहीं थे। उन्होंने डीएम से मुलाकात की थी। डीएम अभिषेक पांडेय ने उनको परीक्षा देने की सलाह दी थी। वहीं वीसी व एसटीएफ के अधिकारियों ने छात्रों को परीक्षा देने का परामर्श दिया था।
अध्यापक और अशैक्षणिक कर्मियों की देखरेख में संपन्न कराई गई परीक्षा
इसके साथ ही यूनिवर्सिटी प्रबंधन के सामने समस्या यह आ रही थी कि उनके पास छात्रों का सही रिकार्ड तक नहीं था। सैकड़ों छात्रों के तो परीक्षा फार्म ही जमा नहीं कराए गए थे। वहीं छात्रों की उपस्थिति व फीस आदि का भी विवरण नहीं था। ऐसे में एडमिट कार्ड जारी करने में परेशानी आ रही थी। प्रबंधन इस अव्यवस्था का आरोप एसटीएफ पर लगा रहा था।
एसटीएफ ने सोमवार को नोटिस जारी करके परीक्षा व शिक्षण कार्य में हस्तक्षेप नहीं करने की बात कही थी। वहीं अध्यापकों को बिना किसी भय के यूनिवर्सिटी में आने को कहा था। उसके चलते मंगलवार को यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने सभी छात्रों के फार्म जमा करा लिए। वहीं सभी को एडमिट कार्ड जारी करके परीक्षा में बैठा लिया गया। किसी को भी परीक्षा से राेका नहीं गया है।
26 सौ छात्रों ने परीक्षा दी है। परीक्षा सकुशल व व्यवस्थित तरीके से संपन्न कराई गई है। किसी भी छात्र को असमंजस में रहने की जरूरत नहीं है। परीक्षा और डिग्री पूरी तरह से मान्य व वैध होंगी। व्यवस्था बनाने में थोड़ी समस्या आ रही है, लेकिन फिर भी हमारी टीम ने बेहतर किया है।
- प्रोफेसर डॉ. एम.जावेद- वीसी- मोनाड।
अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं छात्र व अध्यापक
एसटीएफ ने मोनाड यूनिवर्सिटी के सी-ब्लाक में अपना ऑफिस खोल दिया है। इस ऑफिस में एसटीएफ का स्टाफ तैनात कर दिया गया है। वह यूनिवर्सिटी के अभिलेखों की जांच के साथ ही इस बात का भी पता लगाएगा कि फर्जीवाड़े में कौन-कौन लोग शामिल रहे हैं।
वहीं इसमें युवाओं को किस प्रकार से फर्जी डिग्री बेची गई हैं। इसके लिए फर्जी डिग्री-मार्कशीट के मामले में कोई भी अपनी जानकारी टीम के सामने साझा कर सकता है। वहीं कोई भी व्यक्ति एसटीएफ को फर्जीवाड़े के साक्ष्य उपलब्ध करा सकता है।
यदि कोई छात्र या अध्यापक अपनी पहचान छिपाकर साक्ष्य उपलब्ध कराता है तो एसटीएफ उसकी पहचान उजागर नहीं करेगी। वहीं एसटीएफ ने ऐसे युवाओं को भी जांच में सहयोग करने का मौका देने का निर्णय लिया है, जिन्होंने फर्जी डिग्री खरीदी हैं।
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