मोबाइल टावर बढ़ा रहे बीमारियों का नेटवर्क
गौरव भारद्वाज हापुड़ मोबाइल टावर लगाने को लेकर त्यागी नगर में लोग विरोध कर रहे हैं।
गौरव भारद्वाज, हापुड़ :
मोबाइल टावर लगाने को लेकर त्यागी नगर में लोग विरोध कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि प्राधिकरण और अन्य विभाग बिना जांच पड़ताल के घनी आबादी वाले क्षेत्र में मोबाइल टावर लगाने की अनुमति दे देते हैं। जिससे रेडिएशन का असर बड़ों और बच्चों पर पड़ने का खतरा रहता है। लोगों के विरोध और हादसा होने के बाद भी अब मोबाइल टावर लगेगा या नहीं यह साफ नहीं है। इस घटना के बाद दैनिक जागरण ने मोबाइल टावरों के रेडिएशन और उसके प्रभावों पर जांच की। पड़ताल में पता चला कि सैकड़ों की संख्या में मानक ताक पर रख लगाए गए टावर बीमारियां बांट रहे हैं।
-------- इलेक्ट्रोमैग्नेटिक वेव्स हैं खतरनाक मोबाइल टावर से निकलने वाली इलेक्ट्रोमैग्नेटिक वेव्स कैंसर का कारण बनती हैं। इस रेडिएशन से जानवरों पर भी असर पड़ता है। यही वजह है कि जिस एरिया में मोबाइल टावरों की संख्या अधिक होती है, वहां पक्षियों की संख्या कम हो जाती है। ग्रामीण अंचल में इसी वजह से मधुमक्खियां समाप्त हो गई हैं।
-------- किस एरिया में नुकसान सबसे ज्यादा? विशेषज्ञों की मानें तो मोबाइल टावर के 300 मीटर एरिया में सबसे ज्यादा रेडिएशन होता है। एंटीना के सामने वाले हिस्से से सबसे ज्यादा तरंगें निकलती हैं। मोबाइल टावर से होने वाले नुकसान में यह बात भी अहमियत रखती है कि घर टावर पर लगे एंटीना के सामने है या पीछे। टावर के एक मीटर के एरिया में 100 गुना ज्यादा रेडिएशन होता है। टावर पर जितने ज्यादा एंटीना लगे होंगे, रेडिएशन भी उतना ज्यादा होगा।
-------- रेडिएशन से ये हो सकते हैं नुकसान थकान, अनिद्रा, डिप्रेशन, ध्यान भंग, चिड़चिड़ापन, चक्कर आना, यादाश्त कमजोर होना, सिरदर्द, दिल की धड़कन बढ़ता, पाचन क्रिया पर असर, कैंसर व ब्रेन ट्यूमर।
------- टावर लगाने के ये हैं नियम - छतों पर सिर्फ एक एंटीना वाला टावर ही लग सकता है। - पांच मीटर से कम चौड़ी गलियों में टावर नहीं लगेगा। - एक टावर पर लगे एंटीना के सामने 20 मीटर तक कोई घर नहीं होगा। - टावर घनी आबादी से दूर होना चाहिए। - जिस जगह पर टावर लगाया जाता है, वह प्लाट खाली होना चाहिए। - उससे निकलने वाली रेडिएशन की रेंज कम होनी चाहिए। - कम आबादी में जिस बिल्डिंग पर टावर लगाया जाता है, वह कम से कम पांच-छह मंजिला होनी चाहिए। - टावर के लिए रखा गया जेनरेटर बंद बाडी का होना चाहिए, जिससे कि शोर न हो। - जिस बिल्डिग की छत पर टावर लगाया जाता है, वह कंडम नहीं होनी चाहिए। - दो एंटीना वाले टावर के सामने घर की दूरी 35 और बारह एंटीना वाले की 75 मीटर जरूरी है। - मोबाइल कंपनियों को अभी लगे टावरों से उत्सर्जित विकिरण को 90 फीसद तक कम करना होगा। - निर्देशों का उल्लंघन करने वाले पर पांच लाख रुपए प्रति टावर जुर्माना है। -------- क्या कहते हैं अधिकारी मोबाइल टावर की आवश्यकता हर स्थान पर होती है। इसलिए कंपनियां स्थान चयन करती हैं और सुरक्षा को ध्यान में रखकर टावर लगाती हैं। त्यागी नगर में मोबाइल टावर गिरने की हुई घटना दुखद है। इसकी जांच कराई जा रही है। जांच में जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।
अनुज सिंह, जिलाधिकारी
--------- मोबाइल टावर लगाने के लिए कंपनियों के द्वारा आनलाइन आवेदन किए जाते हैं। प्राधिकरण के पास आनलाइन आवेदन आते हैं। इसके लिए निरीक्षण किया जाता है, जो सही होता है उसी को अनुमति दी जाती है।
प्रदीप कुमार, सचिव, एचपीडीए
-------- क्या कहते हैं चिकित्सक मोबाइल टावर सेफ जोन में लगे होने चाहिए। टावर से निकलने वाले रेडिएशन से इंसान तो इंसान, जानवरों पर भी बुरा असर पड़ता है। मोबाइल टावर के रेडिएशन से डिप्रेशन और कैंसर जैसी कई बीमारियां होने की संभावनाएं रहती हैं। यूजर्स को मोबाइल का कम से कम प्रयोग करना चाहिए।
डाक्टर प्रवीन कुमार, न्यूरोलाजिस्ट