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Hapur Factory IT Raid: हापुड़ की फैक्टरी में इनकम टैक्स की रेड, पकड़ी गई डेढ़ करोड़ की टैक्सी चोरी

Hapur Factor IT Department Raid उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (आयकर विभाग) ने बृहस्पतिवार को फैक्टरी में छापा मारा है। इनकम टैक्स की एसआईबी टीम की टीम फैक्टरी और घर में छापा मारकर जरूरी दस्तावेज खंगाल रहा है।

By GeetarjunEdited By: Published: Thu, 15 Sep 2022 02:57 PM (IST)Updated: Thu, 15 Sep 2022 03:50 PM (IST)
Hapur Factory IT Raid: हापुड़ की फैक्टरी में इनकम टैक्स की रेड, पकड़ी गई डेढ़ करोड़ की टैक्सी चोरी
हापुड़ की फैक्टरी में इनकम टैक्स की रेड, पकड़ी गई डेढ़ करोड़ की टैक्सी चोरी।

हापुड़ [केशव त्यागी]। टैक्स चोरी के मामले में जिला गाजियाबाद से आई जीएसटी की विशेष अनुसंधान शाखा (एसआइबी) की टीम ने मेरठ रोड स्थित फैक्ट्री, मोहल्ला राधापुरी और त्यागी नगर स्थित निवास पर छापा मारा। दोपहर तक करीब 40 सदस्य टीम दोनों स्थानों पर दस्तावेजों को खंगालने में जुटी रही।

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अभी तक की कार्रवाई में करीब 1.40 करोड़ की टैक्स चोरी पकड़ी गई है। अधिकारियों की मानें तो जांच में टैक्स चोरी का आंकड़ा बढ़ सकता है।

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इंडस्ट्रीज के नाम से पैकिंग फैक्ट्री

मोहल्ला राधापुरी के रहने वाले नितिन गोयल की मेरठ रोड पर देव पैकेजिंग इंडस्ट्रीज के नाम से पैकिंग (गत्ता) फैक्ट्री है। बृहस्पतिवार दोपहर एसआइबी में डिप्टी कमिश्नर रमेश सिंह बैश और डिप्टी कमिश्नर गौरव राजपूत की अगुवाई में गाड़ियों में सवार होकर 40 सदस्य टीम ने उनके घर और फैक्ट्री पर छापामार कार्रवाई की। टीम के साथ स्थानीय पुलिस भी मौजूद थी।

टीम के सदस्यों और पुलिस ने व्यापारी के घर पर आवागमन बंद करा दिया। मामले की जानकारी पर स्थानीय व्यापारियों से लेकर लोगों में भी अफरा-तफरी का माहौल बन गया।

टीम ने फर्म के दस्तावेज कब्जे में लिए

टीम ने मालिक से फर्म के दस्तावेज कब्जे में लिए और जांच शुरू कर दी। डिप्टी कमिश्नर रमेश सिंह बैश ने बताया कि अब तक की गई पूछताछ में व्यापारी से जानकारी मिली है कि एक फर्म आवासीय पते पर खोली हुई थी। जिसमें एक व्यक्ति अपने परिवार के साथ किराए पर रह रहा है।

फर्जी बिल के जरिए की जा रही थी माल की सप्लाई

जांच में पता चला कि बोगस फर्मों और फर्जी बिल के द्वारा व्यापारी माल की सप्लाई कर रहा था। जांच में कुछ ऐसी फर्मों की जानकारी मिली है, जो केवल बिल देने का काम करती है। जबकि, इन फर्मों के द्वारा वास्तविक माल की बिक्री नहीं की जाती है और ना ही टैक्स जमा कराया जाता है। कई प्रदेशों से फर्जी बिल के जरिए व्यापार करने का पर्दाफाश हुआ है।


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