राष्ट्रीय लोक अदालत में हुआ कमाल, एक दिन में 2 लाख से ज्यादा मुकदमे निपटाए; नौ करोड़ का कराया सेटलमेंट
हापुड़ में राष्ट्रीय लोक अदालत में 231259 मामलों का निपटारा हुआ और 9 करोड़ से ज़्यादा का सेटलमेंट हुआ। परिवार न्यायालय ने 11 जोड़ों को साथ विदा किया। जिला न्यायाधीश ने कहा कि लोक अदालत में दोनों पक्षों की जीत होती है। विभिन्न न्यायालयों और विभागों ने मिलकर मामलों का निपटारा किया जिसमें चालान उत्तराधिकार और पारिवारिक मामले शामिल थे।

जागरण संवाददाता, हापुड़। जिले में शनिवार को आयोजित हुई राष्ट्रीय लोक अदालत न्याय की एक बड़ी जीत का गवाह बनी। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत ने एक ही दिन में 2,31,259 मामलों का निस्तारण कर दिया, जिसमें कुल 9,34,87,625 रुपये का सेटलमेंट हुआ।
इसके साथ ही परिवार न्यायालय ने 11 जोड़ों को सुखमय जीवन के लिए विदा किया। आयोजन न केवल लंबित मुकदमों के बोझ को कम करने में सफल रहा, बल्कि हजारों लोगों को त्वरित और सौहार्दपूर्ण न्याय प्रदान करके एक नई मिसाल कायम की।
उत्सव की तरह शुरू हुई राष्ट्रीय लोक अदालत
जिला न्यायाधीश डॉक्टर अजय कुमार द्वितीय के कुशल नेतृत्व में यह लोक अदालत एक उत्सव की तरह मनाई गई, जहां फीता काटकर, दीप प्रज्वलित करके और मां सरस्वती की प्रतिमा पर पुष्पार्चन कर उद्घाटन किया गया।
सुबह के समय हापुड़ जिला न्यायालय परिसर में उत्साह का माहौल था। डाक्टर अजय कुमार द्वितीय ने मुख्य अतिथि के रूप में लोक अदालत का शुभारंभ किया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा लोक अदालत में दोनों पक्षों की जीत होती है, किसी का नुकसान नहीं।
यह सुलह-समझौते का माध्यम है जो न्याय को सुलभ बनाता है। राष्ट्रीय लोक अदालत में रिकार्डतोड़ वादों का निस्तारण किया है। आंकड़ों में इसकी सफलता की कहानी देखी जा सकती है।
हापुड़ में कुल 5,916 वादों का निस्तारण न्यायालयों द्वारा किया गया। जिसमें 2,65,59,625 रुपये का सेटलमेंट हुआ। इसके अलावा, बैंकों द्वारा 315 प्री-लिटिगेशन मामलों में 6,69,28,000 रुपये का समझौता हुआ। जिसमें से 1,77,36,000 रुपये नगद प्राप्त हुए। राजस्व, पुलिस और अन्य विभागों ने संयुक्त रूप से 2,25,028 मामलों का निपटारा किया।
किसने कितने वादों का कराया निस्तारण
- जिला जज अजय कुमार द्वितीय ने चार वादों का निस्तारण किया।
- पीयूष पांडेय (परिवार न्यायालय) ने 68 वादों का निस्तारण कर 11 जोड़ों को सुखमय जीवन के लिए विदा किया।
- गुरप्रीत सिंह बावा (मोटर दुर्घटना दावा) ने 45 वादों का निस्तारण कर 1,00,65,000 रुपये का सेटलमेंट कराया।
- विपिन कुमार (अपर जिला जज प्रथम) ने 400 वादों का निस्तारण कर 6,500 रुपये का अर्थदंड वसूला।
- हनी गोयल (एससी/एसटी विशेष) ने दस वादों का निस्तारण किया।
- ज्ञानेंद्र सिंह यादव (पोक्सो विशेष) ने आठ वादों का निस्तारण कर 29,000 रुपये का अर्थदंड वसूला।
- यज्ञेश चन्द्र पांडेय (अपर जिला जज द्वितीय) ने छह वादों का निस्तारण कर एक हजार रुपये का अर्थदंड वसूला।
- मिताली गोविंद राव (त्वरित न्यायालय प्रथम) ने नौ वादों का निस्तारण कर एक हजार रुपयों का अर्थदंड वसूला।
- वीरेश चंद्र (त्वरित न्यायालय द्वितीय) ने तीन वादों का निस्तारण किया।
- सौरभ कुमार वर्मा (मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट) ने 4,232 लघु वादों का निस्तारण कर 1,96,840 रुपये का अर्थदंड वसूला।
- साधना कुमारी गुप्ता (सिविल जज सी.डी. प्रथम) ने दस वादों का निस्तरण कर 35,39,436.65 रुपये की बाबत उत्तराधिकार प्रमाणपत्र जारी किए।
- असगर अली (सिविल जज सी.डी. द्वितीय) ने 42 वादों का निस्तारण कर 36,66,100 रुपये की बाबत उत्तराधिकार प्रमाणपत्र जारी किए।
- आदित्य जायसवाल (अपर सिविल जज सी.डी. प्रथम) ने 106 वादों का निस्तारण कर 10,00,000 रुपये का सेटलमेंट और 3,520 रुपये का अर्थदंड वसूला।
- सुनील शेखर (अपर सिविल जज सी.डी. द्वितीय) ने नौ वादों का निस्तारण कर चार हजार रुपये का अर्थदंड वसूला।
- सौनाली रत्ना (सिविल जज सी.डी. एफ.टी.सी.) ने 180 वादों का निस्तारण कर 23,20,000 रुपये का सेटलमेंट और 15,970 रुपये का अर्थदंड वसूला।
- बिंदिया भटनागर (सिविल जज जू.डी. प्रथम) ने 11 वादों का निस्तारण कर 2,89,907.56 रुपये का सेटलमेंट कराया।
- विश्वनाथ प्रताप सिंह (सिविल जज जू.डी. द्वितीय) ने पांच वादों का निस्तारण कर 6,80,000 रुपये का सेटलमेंट कराया।
- प्रतिभा भाग्यश्री (न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम) ने 194 वादों का निस्तारण कर 24,63,750 रुपये का सेटलमेंट और 22,260 रुपये का अर्थदंड वसूला।
- पारुल कुमारी (सिविल जज जू.डी./न्यायिक मजिस्ट्रेट गढ़मुक्तेश्वर) ने 180 वादों का निस्तारण कर 16,80,000 रुपये का सेटलमेंट और 10,930 रुपये का अर्थदंड वसूला।
- धर्मेंद्र कुमार भारती (अपर सिविल जज जू.डी./न्यायिक मजिस्ट्रेट गढ़मुक्तेश्वर) ने 191 वादों का निस्तारण कर 42,000 रुपये का सेटलमेंट और 23,200 रुपये का अर्थदंड वसूला।
- दीपक गौतम (न्यायाधिकारी ग्राम न्यायालय धौलाना) ने 53 वादों का निस्तारण कर 810 रुपये का अर्थदंड वसूला।
- साधना सिंह (सिविल जज जू.डी. त्वरित न्यायालय द्वितीय) ने 150 वादों का निस्तारण कर 4,87,700 रुपये का सेटलमेंट और 10,700 रुपये का अर्थदंड वसूला।
व्यापक प्रभाव, चालान से पारिवारिक विवाद तक
लोक अदालत में यातायात चालानों के निपटारे के लिए भी खासतौर पर चर्चित रही हापुड़ में भी लघु आपराधिक, उत्तराधिकार, मोटर दुर्घटना और पारिवारिक मामलों पर फोकस रहा। परिवार न्यायालय में 11 जोड़ों को सुलह के बाद सुखमय जीवन की कामना के साथ विदा किया गया, जो भावुक पल थे। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्री सौरभ कुमार वर्मा ने कहा कि यह आयोजन न्याय को जन-जन तक पहुंचाने का माध्यम है। उन्होंने सभी सहयोगियों का आभार जताया।
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