धौलाना भूमि घोटाला: ग्राम प्रधान की हाईकोर्ट में याचिका, 400 करोड़ की सरकारी जमीन पर कब्जे का आरोप
धौलाना में सरकारी जमीन पर कब्जे के खिलाफ ग्राम प्रधान ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है। उन्होंने दो फैक्ट्रियों पर ग्राम समाज की जमीन पर कब्जा करने का आरोप लगाया है। शिकायतकर्ता के अनुसार फर्जी दस्तावेजों के आधार पर जमीन बेची गई और तहसील प्रशासन की मिलीभगत से पट्टे बहाल किए गए। उपजिलाधिकारी ने मामले की जांच और उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

जागरण संवाददाता, धौलाना। तहसील क्षेत्र में हुए भूमि के घोटालों को लेकर ग्राम प्रधान अतीक अहमद ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। ग्राम प्रधान ने क्षेत्र में लगभग 400 करोड़ के निवेश के बाद लगाई गई दो बड़ी फैक्ट्रियों पर ग्राम समाज की भूमि पर कब्जा करने का आरोप लगाया है।
ग्राम प्रधान अतीक अहमद ने बताया कि तीन वर्ष पूर्व भूमाफिया ने ग्राम धौलाना में लगभग 150 करोड़ की सरकारी भूमि के फर्जी दस्तावेज बना कर उसे करोडों रुपये में दो बड़ी फैक्ट्रियों को बिक्री कर दिया गया था। इसके खिलाफ रामवीर सिंह ने शिकायत भी दर्ज करवाई थी।
इस कारण्ज 12 लोगों के खिलाफ पुलिस रिपोर्ट भी दर्ज की गई थी । मंडलायुक्त ने अपनी जांच रिपोर्ट में सभी पट्टों को फर्जी माना था। इसके बावजूद भूमाफिया ने तहसील प्रशासन से साज करते हुए सभी पट्टों को राजस्व परिषद इलाहाबाद से बहाल करा दिया है।
भूमि पर आज भी अन्य लोगों का कब्जा है। ग्राम प्रधान ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका डालते हुए पट्टों की जांच की मांग की है। उपजिलाधिकारी रेनू सिंह ने बताया कि पूरे प्रकरण की जानकारी कि जा रही है । जिसके बाद न्याय उचित कार्रवाई की जाएगी।
रिपोर्ट आज तक सार्वजनिक नहीं की
"मेरी चार शिकायतों पर 12 लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई थी, लेकिन तहसील और जिला प्रशासन की मिलीभगत से सभी पुलिस रिपोर्ट हाईकोर्ट में ख़ारिज हो गई। इसके साथ राजस्व विभाग की लचर पैरवी के कारण सभी फर्जी पट्टों पर साज करते हुए बहाली के आदेश भी राजस्व परिषद से घोषित करवाए गए हैं। भूमाफिया आज भी खुलेआम घूम रहे हैं। शिकायतों पर गठित एसआईटी की जांच रिपोर्ट आज तक सार्वजनिक नहीं की गई है।"
-रामवीर सिंह, शिकायतकर्ता
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