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    हेलो, आपके बच्चों को स्कूल से स्वेटर मिले या नहीं

    By JagranEdited By:
    Updated: Wed, 23 Dec 2020 09:00 PM (IST)

    नोट- खबर को रात 11 बजे के बाद आनलाइन करें.. - पिछले माह हुए स्वेटर वितरण का लखनऊ स ...और पढ़ें

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    हेलो, आपके बच्चों को स्कूल से स्वेटर मिले या नहीं

    नोट- खबर को रात 11 बजे के बाद आनलाइन करें.. - पिछले माह हुए स्वेटर वितरण का लखनऊ से किया गया गोपनीय सत्यापन - स्वेटर न मिलने की सूचना पर बेसिक शिक्षा विभाग में मची अफरा-तफरी - बेसिक शिक्षा अधिकारी ने 15-20 अफसर-कर्मियों की टीम गठित कर शुरू कराई जांच जागरण संवाददाता, हापुड़

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    हेलो, मैं लखनऊ से बोल रहा हूं। आपका बच्चा परिषदीय विद्यालय में पढ़ता है। उसे स्कूल द्वारा निश्शुल्क स्वेटर मिला है या नहीं। इस तरह की काल मंगलवार और बुधवार को परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के माता-पिता के मोबाइल पर आईं। 67 अभिभावकों द्वारा स्वेटर न मिलने की सूचना पर बेसिक शिक्षा विभाग के अफसरों में अफरा-तफरी मच गई। बुधवार को जिला स्तरीय टीम ने स्वेटर मिलने से इन्कार करने वाले अभिभावकों से वार्ता की जा रही है। पिछले माह शासन से धनराशि मिलने के बाद जैम पोर्टल के माध्यम से स्वेटर खरीदे गए। सत्यापन के बाद जिन्हें स्कूलों में अभिभावकों को बुलाकर या बच्चों के घर-घर पहुंचकर शिक्षकों द्वारा वितरित किया गया। जनपद में करीब 64 हजार से अधिक छात्र-छात्राओं को निश्शुल्क स्वेटर वितरित किए गए। परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को निश्शुल्क स्वेटर मिले या नहीं शासन स्तर से इसका गोपनीय सत्यापन कराया गया। मुख्यमंत्री के हेल्पलाइन कार्यालय से परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के माता-पिता के मोबाइल नंबरों पर काल की गई। पूछा गया कि आपके बच्चों को स्कूल द्वारा निश्शुल्क स्वेटर मिले। अगर हां, तो आपसे कोई शुल्क तो नहीं लिया। उसकी गुणवत्ता कैसी है आदि सवाल पूछे गए। जनपद से करीब 67 अभिभावकों ने बच्चों को स्वेटर मिलने से इन्कार कर दिया। जिसकी सूचना लखनऊ से बेसिक शिक्षा अधिकारी के पास पहुंची। इतनी बड़ी संख्या में स्वेटर न मिलने की जानकारी पर बेसिक शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में बीएसए अर्चना गुप्ता ने 15 से 20 लोगों की टीम गठित करके सत्यापन कराया। जिसमें पता चला कि लखनऊ से स्वेटर मिलने की जानकारी मांगी गई थी। जिसे अभिभावक हाफ बाजू का स्वेटर समझ रहे थे। जबकि उनके बच्चों को जो स्कूल से मिला है वह उसे जर्सी यानि पूरी बाजू का ऊनी कपड़ा बोलते हैं। जबकि कुछ अभिभावक ऐसे थे, जिनके बच्चों को स्वेटर मिल चुका है, लेकिन उन्हें जानकारी नहीं है। बीएसए अर्चना गुप्ता ने बताया कि जनपद के परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले सभी छात्र-छात्राओं को स्वेटर मिल चुके हैं। शासन से मिली रिपोर्ट के आधार पर टीम के द्वारा जांच कराई जा रही है। जहां भी लापरवाही मिलेगी, कार्रवाई की जाएगी।