न्याय की राह में फिर अधूरी उम्मीदें, थाना समाधान दिवस पर गूंजे सिर्फ वादे; फरियादी लौटे मायूस
हापुड़ में थाना समाधान दिवस पर न्याय की उम्मीद लेकर आए फरियादियों को निराशा हाथ लगी। उन्हें केवल वादे मिले और कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। अपनी शिकायतों के निवारण के लिए पहुंचे लोग मायूस होकर वापस लौटे, क्योंकि उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हो पाया। समाधान दिवस पर सिर्फ वादों का शोर था, जिससे लोगों में निराशा और असंतोष बढ़ गया।

थाना समाधान दिवस में शिकायत सुनते एसपी ज्ञानंजय सिंह। जागरण
जागरण संवाददाता, हापुड़। सुबह की पहली किरण के साथ ही थानों के द्वार पर फरियादियों का पहुंचना शुरू हो गया। उम्मीद थी कि थाना समाधान दिवस में उन्हें न्याय मिलेगा। मगर, जो फरियादी न्याय की प्यासी आंखों से भरा थे। दोपहर तक वही आंखें मायूसी की धुंध में डूब गईं।
शनिवार को जिले के सभी थानों में थाना समाधान दिवस का डंका बजा। जिसमें बुजुर्गों की कांपती छड़ियां, महिलाओं की सिसकियां, और न्याय को भटक रहे लोगों की बुझी उम्मीदों पर पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों ने महज कार्रवाई की आश्वासन का मरहम लगाया। सबके दावा था कि कार्रवाई होगी। लेकिन कब? यह सवाल हवा में लटका रह गया।
इन सबके बीच फरियादियों की दर्दभरी दास्तां ने बताती कि समाधान दिवस असल में समस्या-वृद्धि दिवस क्यों बन गया।
हत्या का प्रयास पर भी नहीं की कार्रवाई
थाना पिलखुवा में एक मोहल्ले की महिला मायूस चेहरे के साथ खड़ी थी। पूछने पर बताया कि उसका निकाह 21 जुलाई 2021 को गाजियाबाद के डासना के युवक से हुई थी। निकाह में 12 लाख रुपये का दान दहेज दिया गया। फिर भी कार और पांच लाख रुपयों की मांग पर प्रताड़ित किया गया।
पिता ने कर्ज लेकर दो लाख रुपये भी दे दिए, लेकिन आरोपितों लालच खत्म न हुआ। जेठ ने उसके साथ छेड़छाड़ की, जिसके विरोध पर उल्टा उसे ही पीटा गया। 17 मार्च 2025 को आरोपितों ने मेरा गला घोंट दिया तो सांस रुकने लगी। चीख सुनकर पड़ोसी आए तो जान बची। पति ने उसे तीन तलाक भी कह दिया है। थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने पारिवारिक मामला बताकर टाल दिया।
साहब..मेरी जमीन पर कब्जा कर रहे दबंग
थाना पिलखुवा में खड़े गाजियाबाद के शास्त्रीनगर के नरेश ने बताया कि क्षेत्र के गांव सिखैड़ा में उनकी 0.0830 हेक्टेयर जमीन है। कुछ दबंगों ने उसके खेत की पक्की मेड को तोड़कर जमीन को अपनी संपत्ति में मिला लिया। इससे उसकी जमीन का वास्तविक क्षेत्रफल मौके पर काफी कम हो गया है, जिससे अपार हानि हो रही है।
पीड़ित ने बताया कि उसने 23 अगस्त 2025 को ही डोलबंदी के लिए प्रार्थना-पत्र दिया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। आज थाना समाधान दिवस पर मैं अपनी फरियाद लेकर आया हूं। मेरी जमीन मेरी आजीविका का स्रोत है, और ये लोग बिना किसी कानूनी आधार के कब्जा कर रहे हैं।
पांच बार काट ली फसल, शिकायत पर मिला महज आश्वासन
थाना बाबूगढ़ में भीकनपुर के ऐशवीर ने बताया कि गांव में पैतृक जमीन पर न्यायालय में वाद विचाराधीन चल रहा है। वह अपने हिस्से की जमीन में फसल की बुआई करता है। वहीं, दबंग फसल को काट लेते हैं। पांच बार दबंगों ने खेत से फसल काट ली है।
चौकी से लेकर पुलिस-प्रशानिक अधिकारियों से शिकायत के बाद महज खोखला आश्वासन ही मिल सका है। कार्रवाई के नाम पर उसे बार-बार टरकाया जा रहा है। ऐसे में दबंग उसकी जमीन पर भी कब्जा कर सकते हैं।
साहब..इतना बता दो कितनी बार मारपीट सहूं
थाना बहादुरगढ़ में शिकायत लेकर पहुंचे गांव पसवाड़ा के सोमपाल ने बात की तो वह बिलख पड़ा। रोते हुए बताया कि उसकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। कुछ लोग उसके साथ पांच से अधिक बार मारपीट कर चुकें है। हर बार शिकायत करता हूं मगर, विपक्षी रुपयों के बल पर मामला रफा-दफा करा लेतें है। 28 अक्टूबर को उसे बेरहमी से पीटा गया। मारपीट में उसकी पसली तक टूट गई। न्याय मांगने थाने व अधिकारियों के पास गया मगर, हर चौखट से उसे टरका दिया गया।
बोले जिम्मेदार
थाना समाधान दिवस में आनी वाली शिकायतों का प्रमुखता से निस्तारण किया जाता है। पुलिस-प्रशासन संबंधी जो भी शिकायतें मिली हैं। जांच कर उनमें कार्रवाई कराई जाएगी। पीड़ितों के साथ अन्य नहीं होने दिया जाएगा।
ज्ञानंजय सिंह, एसपी

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