हापुड़ में गन्ना बकाया भुगतान को लेकर हाई कोर्ट सख्त, दोबारा पेश होगा डीएम का हलफनामा
हापुड़ जिले में सिंभावली शुगर ग्रुप की चीनी मिलों द्वारा गन्ना किसानों को भुगतान न करने का मामला हाईकोर्ट पहुंचा। किसानों का 274 करोड़ रुपये बकाया है। हाईकोर्ट ने डीएम हापुड़ द्वारा दाखिल हलफनामे को खारिज कर दिया और विस्तृत आंकड़े पेश करने का आदेश दिया। अगली सुनवाई 25 सितंबर को होगी। भुगतान में देरी पर भाकियू ने प्रदर्शन किया है।

जागरण संवाददाता, हापुड़। जिले में सिंभावली शुगर ग्रुप की सिंभावली व ब्रजनाथपुर चीनी मिल जुड़े गन्ना किसानों को समय पर भुगतान न मिलने का मामला अब हाइकोर्ट और उत्तर प्रदेश सरकार के रडार पर है। किसानों का करीब 274 करोड़ रुपये का बकाया, जिसमें खोई की बिक्री से प्राप्त 20 करोड़ और ब्याज शामिल है। यह लंबे समय से अटका हुआ है।
इस मुद्दे पर इलाहाबाद हाइकोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए 15 सितंबर की सुनवाई में पेश किए गए हलफनामे में प्रर्याप्त आंकड़ों को शामिल करते हुए दोबारा हलफनामा पेश करने आदेश दिए हैं। पूर्व में दाखिल हलफनामे में आंकड़े पर्याप्त नहीं मिले है।
किसान मजदूर संघर्ष समिति के सचिव मजहर खान ने हाइकोर्ट में याचिका दायर कर बताया कि सिंभावली ग्रुप ने शुगर कंट्रोल आर्डर 1966 के तहत गन्ना भुगतान ब्याज सहित नहीं किया। याचिका में गन्ना विभाग, डीएम हापुड़, और इंसाल्वेंसी रिजाल्यूशन प्रोफेशनल (आइआरपी) समेत सात पक्षों को शामिल किया गया।
याचिकाकर्ता ने कोर्ट को सूचित किया कि मिलों ने 85 प्रतिशत किसानों का भुगतान नहीं किया। आइआरपी ने गन्ना भुगतान की 50 करोड़ रुपये की राशि बैंकों में फिक्स्ड डिपाजिट में डाल दी। खोई की बिक्री से प्राप्त 20 करोड़ रुपये का टैगिंग आर्डर (किसानों के भुगतान से लिंक) का उल्लंघन हुआ।
हाईकोर्ट का सख्त रुख
15 सितंबर 2025 को हुई सुनवाई में डीएम हापुड़ द्वारा दाखिल हलफनामा अपर्याप्त आंकड़ों के कारण खारिज कर दिया गया। हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि विस्तृत डेटा, जैसे बकाया राशि, ब्याज गणना, और आइआरपी की कार्रवाई का ब्यौरा, शामिल कर नया हलफनामा दाखिल किया जाए। सुनवाई में अपर महाधिवक्ता की मौजूदगी से मामला की गंभीरता का अंदाजा लगाया जा सकता है। अगली सुनवाई 25 सितंबर को होगी, जिसमें न्यायालय के और सख्त कदम उठाने की संभावना है।
सरकार और जिला प्रशासन की भूमिका
हापुड़ के डीएम अभिषेक पांडेय और जिला गन्ना अधिकारी बीके पटेल ने भुगतान के प्रति गंभीरता दिखाई है। बीके पटेल ने बताया ने हाईकोर्ट के आदेशानुसार अतिरिक्त आंकड़े जुटाए जा रहे हैं, और हलफनामा जल्द दाखिल होगा। दूसरी ओर, भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) जैसे संगठन धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं, जिसमें बकाया भुगतान या वैकल्पिक गन्ना क्रय केंद्र खोलने की मांग उठ रही है। यदि हलफनामा संतोषजनक नहीं हुआ, तो कोर्ट मिल प्रबंधन पर जुर्माना या संपत्ति जब्ती जैसे कदम उठा सकता है।
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