हापुड़ में गिरा प्राथमिक विद्यालय की छत का प्लास्टर, दो छात्र घायल, जर्जर इमारत में पढ़ रहे 188 बच्चे
हापुड़ के बाबूगढ़ क्षेत्र के भमैड़ा गांव के एक प्राथमिक विद्यालय में कक्षा पांच की छत का प्लास्टर गिरने से दो छात्र घायल हो गए। कमरे में 31 छात्र मौजूद थे। जर्जर इमारत में चल रहे इस स्कूल में 188 बच्चे पढ़ते हैं जिनकी सुरक्षा खतरे में है। घटना के बाद अधिकारी मौके पर पहुंचे और जांच के आदेश दिए। ग्रामीणों में स्कूल की हालत को लेकर आक्रोश है।

केशव त्यागी, हापुड़। सिस्टम की लापरवाही के चलते शनिवार को बाबूगढ़ क्षेत्र के गांव भमैड़ा स्थित प्राथमिक विद्यालय की कक्षा पांच के कमरे की छत का प्लास्टर भरभराकर गिर गया। मलबे की चपेट में आकर दो मासूम छात्र घायल हो गए। जबकि, अंदर मौजूद अन्य 29 छात्र बाल-बाल बच गए। घटना ने न केवल विद्यालय की जर्जर स्थिति को उजागर किया है, बल्कि सरकारी तंत्र की लापरवाही और बच्चों की सुरक्षा के प्रति उदासीनता पर भी गंभीर सवाल खड़े किए हैं। हालांकि, घटना के बाद जिम्मेदार मौके पर पहुंचे और छात्रों से मिलकर सहानुभूति दिखाते दिखे।
कक्षा में चीख-पुकार मच गई
जानकारी के अनुसार, भमैड़ा गांव के इस सरकारी प्राथमिक विद्यालय में कुल 188 छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं। कक्षा पांच में 53 बच्चे नामांकित हैं, और घटना के समय 31 बच्चे कक्षा में मौजूद थे। शनिवार सुबह के समय, जब शिक्षक छात्रों को पढ़ा रहे थे, तभी छत से सीमेंट और मलबा अचानक छात्रों के सिर पर आ गिरा। कक्षा में चीख-पुकार मच गई। घबराए हुए छात्र और शिक्षक तुरंत बाहर की ओर भागे। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, मलबे के नीचे दबने से छात्रा गांव भमैड़ा की फिजा (दस वर्षीय) व आहिल (11 वर्षीय) सिर में चोट लगने से गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया।
ग्रामीणों में पनपा आक्रोश
हादसे की सूचना मिलते ही गांव के लोग विद्यालय परिसर में एकत्र हो गए। अभिभावकों में आक्रोश था कि आखिर कैसे एक सरकारी विद्यालय जहां छात्रों का भविष्य संवारा जाता है, इतनी असुरक्षित स्थिति में हो सकता है। यह हादसा वर्षों की विद्यालय की उपेक्षा का परिणाम है। अगर, समय रहते भवन की मरम्मत कर दी गई होती, तो यह नौबत नहीं आती।
अधिकारियों ने लगाया कार्रवाई का मरहम
सूचना पर थाना बाबूगढ़ प्रभारी निरीक्षक महेंद्र सिंह पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे। बाद में एसडीएम सदर ईला प्रकाश व सीओ सिटी जितेंद्र शर्मा मौके पर पहुंचे। अधिकारियों ने भवन की स्थिति का जायजा लिया और कक्षा को तत्काल खाली करवाया। उन्होंने घायल छात्रों का हाल जाना और उनके स्वजन से बातचीत की। उधर, डीएम अभिषेक पांडेय छात्रों से मिलने अस्पताल पहुंचे। एसडीएम ने बताया कि तीन छात्रों को चोटें आई हैं। प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी है। भवन की सुरक्षा जांच की जा रही है। जिसके बाद कार्रवाई की जाएगी।
जर्जर स्कूल भवन, खतरे की घंटी
भमैड़ा का यह प्राथमिक विद्यालय कई वर्षों से मरम्मत के अभाव में जर्जर हालत में है। छत से प्लास्टर गिरना, दीवारों में दरारें, और कमजोर संरचना लंबे समय से अभिभावकों और शिक्षकों के लिए चिंता का विषय रही है। फिर भी, स्थानीय प्रशासन और शिक्षा विभाग ने इस ओर कोई ठोस कदम नहीं उठाया। घायल छात्रों के स्वजन ने बताया कि हमारे बच्चों की जान से खिलवाड़ हो रहा है। विद्यालय की हालत सालों से खराब है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती। अगर, आज कोई बड़ा हादसा हो जाता, तो इसका जिम्मेदार कौन होता?
अधिकारियों की आगे की रणनीति
पुलिस-प्रशासन ने फिलहाल कक्षा-पांच को खाली करवा दिया है, और छात्रों को अन्य कक्षाओं में समायोजित करने की व्यवस्था की जा रही है। लेकिन यह एक अस्थायी समाधान है। अभिभावक और ग्रामीण मांग कर रहे हैं कि स्कूल भवन की पूरी तरह से जांच हो और इसे जल्द से जल्द दुरुस्त किया जाए।
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