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    हापुड़ में प्रदूषण ने तोड़ा रिकार्ड, शहर में AQI 500 के पार; विशेषज्ञों ने दी सावधानी बरतने की सलाह

    Updated: Mon, 24 Nov 2025 04:00 AM (IST)

    Hapur Pollution हापुड़ में प्रदूषण का स्तर बेहद खतरनाक हो गया है, जहाँ वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 500 के पार पहुँच गया है। विशेषज्ञों ने नागरिकों को सतर्क रहने और घरों में रहने की सलाह दी है। दिवाली के बाद से हवा में जहरीले तत्वों की मात्रा में वृद्धि हुई है, जिससे सांस लेने में तकलीफ हो रही है। प्रदूषण से बचने के लिए मास्क पहनने और स्वस्थ भोजन करने की सलाह दी गई है।

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    शहर में जगह-जगह जलाए जा रहे कबाड़ के ढेर से बढ़ रहा प्रदूषण।

    जागरण संवाददाता, हापुड़। Hapur Pollution रविवार को प्रदूषण ने इस सीजन का रिकार्ड तोड़ दिया। सड़कों पर पानी का छिड़काव कराने के बावजूद एक्यूआइ दिनभर 500 के आसपास ही बना रहा। शाम को हवा चलने के बावजूद वायु की गुणवत्ता में सुधार नहीं हुआ। शहर में प्रदूषण नियंत्रण के दोनों केंद्रों न ही प्रदूषण का स्तर जानलेवा दिखाना आरंभ कर दिया है। अब प्रदूषण का प्रभाव आंखों और चेहरे पर चुभन के रूप में भी दिखने लगा है। सड़कों से उड़ती धूल और जगह-जगह वाहनों से निकलता धुआं सांसों पर भारी पड़ रहे हैं। प्रदूषण ज्यादा रहने से मौसम में सर्दी भी कम लग रही है। ऐसे में जरा सी लापरवाही सेहत पर भारी पड़ सकती है।

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    यह है स्थिति

    एक सप्ताह से वायु की गुणवत्ता लगातार बिगड़ी हुई है। वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 होना चाहिए, जोकि 500 के आसपास स्थिर हो गया है। वहीं पीएम-2.5 अपने मानक 50 के सापेक्ष 420 पर और पीएम-10 मानक से कई गुना बढ़कर 456 पर बना हुआ है। वहीं हवा में कार्बन और नाइट्रोजन की अधिकता भी सांसों पर भारी पड़ रही है।

    विशेषज्ञों के अनुसार पीएम-10 मोटे धूल कण होते हैं। यह जर्जर सड़कों से उड़ती धूल के कारण बढ़ रहे हैं। वहीं धूल के साथ धुआं, रबर, तारकोल व रसायन आदि के महीन कण पीएम-2.5 के रूप में हवा में हैं। यह इतने महीने होते हैं कि फेफड़ों से होकर भी सीधे रक्त में मिल जाते हैं।

    ऐसे बढ़ता है प्रदूषण

    सड़कों से एक ओर जहां वाहनों से धूल उड़ती है, वहीं टायरों की रगड़ और वाहनों के ज्यादा धुआं का उत्सर्जन होता है। जर्जर सड़कों पर वाहनों में बार-बार ब्रेक लेने पड़ते हैं। इससे सड़कों का तारकोल और टायरों की रबर के कण हवा में मिल जाते हैं। इस दौरान भी वाहन ज्यादा धुआं देते हैं।

    जिससे प्रदूषण बढ़ता है। जिले में लज्जापुरी, सबली मार्ग, जरौंठी रोड, एलएन रोड, मुंडलाना रोड, छपकौली-ककोड़ी मार्ग, ककोड़ी से लुकराणा मार्ग, बाबूगढ चौपला सर्विस रोड, गढ़ में स्याना रोड व मेरठ रोड, मेरठ राेड से असौड़ा रोड, जरौंठी रोड टूटकर हो गई जर्जर।

    ऐसे करें अपना बचाव

    • खुली हवा में निकलने से पहले मास्क लगाना ना भूलें।
    • आंखों पर चश्मा पहनकर रहें, जिससे आंखों को बचाया जा सके।
    • पानी का सेवन ज्यादा करें, जिससे प्रदूषण का कुप्रभाव कम हो जाता है।
    • घरों के आसपास पानी का छिड़काव करें और पौधों पर छिड़काव करके पत्तियों को साफ करते रहें।
    • अपनी कार के शीशे बंद रखें और बाइक पर हेलमेट का शीशा बंद करके चलाएं।
    • जर्जर सड़कों वाले क्षेत्र से होकर निकलने में बचें और कूड़े में आग ना लगाएं।
    • बच्चों, बीमारों, बुजुर्गों और गर्भवतियों को ज्यादा प्रदूषण वाले क्षेत्रों में ले जाने से बचें।
    • अपने चेहरे और आंखों को कई बार पानी से धोएं।

    वायु गुणवत्ता रिपोर्ट

    IQAir के अनुसार AQI

    समय AQI
    सुबह 673
    शाम 481

    UPPCB के अनुसार AQI

    समय AQI
    सुबह 413
    शाम 424

    PM मान

    प्रकार मूल्य
    PM 2.5 420
    PM 10 456

    प्रदूषण का स्तर लगातार स्थिर बना हुआ है। हवा के विषाक्त हो जाने से सेहत को नुकसान पहुंचता है। ऐसे में मास्क लगाने सहित जरूरी सावधानी बरतें। स्थानीय निकायों को जर्जर मार्गों को ठीक कराने और कूड़ा नहीं जलने देने को कहा गया है।

    -

    डा. अशोक कुमार, मौसम विज्ञानी, जिला विज्ञान केंद्र, हापुड़