लाखों की पुरानी करेंसी देख उड़े पुलिस के होश, आरोपी लालच देकर ऐसे बनाते थे लोगों को शिकार
हापुड़ पुलिस ने पुरानी करेंसी के साथ छह आरोपितों को गिरफ्तार किया है। जांच में पता चला कि आरोपी लोगों को पुरानी करेंसी के बदले नई करेंसी देने का लालच देकर उनके पुरानी करेंसी एकत्र करते थे। जिसके बाद वह अपने नेटवर्क से पुरानी करेंसी को बेचकर मुनाफा कमाते थे।

जागरण संवाददाता, हापुड़। हापुड़ जनपद में जिला स्वाट टीम व कोतवाली थाना पुलिस ने संयुक्त रूप से चितौली रोड पर कार्रवाई करते हुए रविवार को प्रतिबंधित पुरानी करेंसी के साथ छह आरोपितों को गिरफ्तार किया है।
आरोपितों के पास से पुलिस ने 78.50 लाख रुपये की पुरानी करेंसी, एक तमंचा, एक कारतूस समेत छह मोबाइल फोन बरामद किए हैं। पुलिस के अनुसार वह टेलीग्राम एप पर एक संगठित नेटवर्क चलाते थे। जिसमें वह लोगों को पुरानी करेंसी के बदले नई करेंसी देने का लालच देकर उनके पुरानी करेंसी एकत्र करते थे। जिसके बाद वह अपने नेटवर्क से पुरानी करेंसी को बेचकर मुनाफा कमाते थे। पुलिस गिरोह से जुड़े अन्य सदस्यों की भी तलाश में जुट गई है।
एसपी ज्ञानंजय सिंह ने बताया कि पुलिस को सूचना प्राप्त हुई थी कि नगर कोतवाली क्षेत्र के चितौली रोड स्थित स्क्रैप फैक्ट्री के पास पुरानी करेंसी का अवैध कारोबार करने वाला गिरोह सक्रिय है।
सूचना पर जिले की स्वाट टीम व थाना कोतवाली पुलिस ने संयुक्त रूप से मौके पर जाकर छापा मारा। वहां मौजूद संदिग्धों को पुलिस ने रुकने का इशारा किया तो वह वहां से भागने का प्रयास करने लगे। पुलिस ने घेराबंदी करते हुए मौके से छह आरोपितों को दबोच लिया।
पुलिस द्वारा की गई पूछताछ में आरोपितों की पहचान नगर के नवी करीम मोहल्ला मोती मस्जिद निवासी नरेंद्र कुमार, पीरबाउद्दीन मोहल्ला स्थित जामुन वाली मस्जिद के पीछे रहने वाले शफीक अहमद, राजीव विहार मोहल्ला निवासी विकास उर्फ विक्की, मोती कॉलोनी स्थित धोबी वाली गली निवासी अनिल, मुरादाबाद के मैनाठे थाना स्थित गुरेर गांव निवासी रामअवतार और जिला बिजनौर के पंजाबी कालोनी निवाली हितेश उर्फ शालू के रूप में हुई है। उनके कब्जे से पुलिस ने 78.50 लाख प्रतिबंधित पुरानी करेंसी के पांच सौ व एक हजार रुपये के नोट, छह मोबाइल फोन, एक तमंचा और एक कारतूस बरामद किए हैं।
टेलीग्राम एप कर करते थे संपर्क
एसपी ज्ञानंजय सिंह ने बताया कि आरोपित से पूछताछ में उन्होंने बताया कि वह टेलीग्राम एप के माध्यम से ही एक-दूसरे से संपर्क में रहते थे। वह लोगों को कमीशन या नई करेंसी देने का लालच देकर उनसे पुरानी करेंसी एकत्र करते थे। कई बार वह उन्हें धोखा देकर उनके रुपये भी हड़प लेते थे। आरोपित पुरानी करेंसी को नेटवर्क के अन्य सदस्यों को बेच देते थे और उससे मोटा मुनाफा कमाते थे।
2016 में नोट हो गए थे प्रतिबंधित
एसपी ज्ञानंजय सिंह ने बताया कि जो पांच सौ और एक हजार के नोट आरोपितों के कब्जे से बरामद किए गए हैं, उन्हें भारत सरकार ने आठ नवंबर 2016 को प्रतिबंधित कर दिया था। इसके बाद भी वह लोगों को लालच देकर अवैध रूप से इन नोटों का अवैध रूप से कारोबार कर रहे थे।
उन्होंने बताया कि टेलीग्राम एप पर ही आरोपितों ने एक संगठित नेटवर्क बनाया हुआ था। जिस पर वह विभिन्न स्रोतों से पुरानी करेंसी को एकत्र करते थे। उन्होंने बताया कि उनके नेटवर्क के अन्य सदस्यों की तलाश शुरू कर दी गई है। यह भी पता लगाया जा रहा है कि पुरानी करेंसी का वह किस प्रकार और कहां पर इस्तेमाल करते थे।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।