Panchayat Elections: पंचायत चुनाव से पहले सोशल मीडिया पर छिड़ी जंग, आखिर कब होंगे चुनाव?
हापुड़ में पंचायत चुनाव की सरगर्मी बढ़ गई है। भावी प्रधान सोशल मीडिया पर प्रचार कर रहे हैं और मतदाताओं से जुड़ रहे हैं। पुराने प्रधान अपने विकास कार्यों का बखान कर रहे हैं तो वहीं संभावित उम्मीदवार उनके कार्यों में कमियां निकाल रहे हैं। चुनाव 2026 में होने की संभावना है लेकिन सोशल मीडिया पर अभी से जंग छिड़ गई है।

संवाद सहयोगी, गढ़मुक्तेश्वर (हापुड़)। हापुड़ में तहसील क्षेत्र में पंचायत चुनाव की सरगर्मी तेज हो गई है। भावी प्रधान सोशल मीडिया पर प्रचार कर रहे हैं। और मतदाताओं से जुड़ रहे हैं, और विकास कार्यों पर चर्चा कर रहे हैं।
निवर्तमान प्रधानों के कार्यों की पोल खोलने में लगे हुए है। चुनाव की घोषणा अगले साल होने की संभावना है, लेकिन प्रचार सोशल मीडिया पर अभी से शुरू हो गया है।
जानकारी के अनुसार पंचायत चुनाव को लेकर सोशल मीडिया पर जंग शुरू हो चुकी हैं। गांवों में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए सोशल मीडिया पर उम्मीदवारों की गतिविधियां तेज हो गई हैं। संभावित उम्मीदवार फेसबुक और वाट्सएप ग्रुप में अपनी तस्वीरों के साथ प्रचार कर रहे हैं।
ग्राम पंचायत चुनाव 2026 में होने वाले प्रधानी चुनाव को लेकर उम्मीदवारों को बेसब्री से इंतजार है। सोशल मीडिया में पुराने प्रधान जहां अपने किए गए विकास के दावे कर रहे हैं वहीं संभावित उम्मीदवार उनके द्वारा कराए गए कार्यों को गुणवत्ताहीन व मानक हीन बताकर जांच कराने में जुटने लगे हैं। फेसबुक व वाट्सएप ग्रुप पर फोटो के साथ प्रधान पद के लिए लड़ने की संभावना जताते हुए प्रचार किया जा रहा है।
इसके अलावा गांव की दुकानों पर सुबह से लेकर शाम तक आगामी प्रधानी चुनाव को लेकर ही चर्चा हो रही है। अबकी सीट बदली तो कौन कौन चुनाव लड़ सकते हैं। सीट बदली तो पुराने प्रधान किस किस को चुनाव लड़ाएंगे। पुराने हारे के साथ कई नए चेहरे भी पहली बार प्रधानी, बीडीसी व सदस्य का चुनाव लड़ने का मन बना रहे हैं। चर्चा यह भी हो रही है वर्तमान प्रधान ने बहुत गलत कार्य किया। इस बार उसे वोट नहीं दिया जाएगा। नए चेहरे को मौका दिया जाएगा।
वहीं कुछ लोग पुराने पर ही भरोसा दिला रहे हैं। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव होने में अभी एक वर्ष बचे हैं। लेकिन अभी से ही गांवों मे सोशल मीडिया में जंग छिड़ गयी है। संभावित उम्मीदवार फेसबुक, वाट्सएप ग्रुप में अपने फोटो समेत शुभकामनाएं और बधाई देने में जुट गए हैं। तहसील क्षेत्र में मतदाता पुनरीक्षण का कार्य भी चल रहा हैं है। ऐसे में जो चुनाव लड़ना चाहते हैं वह अभी से जन सम्पर्क तेज कर दिए हैं। पिछला त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव अप्रैल 2021 में हुआ था। जिसका पांच वर्ष का कार्यकाल अप्रैल 2026 में पूरा होगा।
ग्रामीणों का कहना सोशल मीडिया के लिंक की कापी कर ग्राम पंचायत के अपने ग्रुप के माध्यम से डिजिटल मतदाताओं के यहां पहुंचाने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ रहे हैं। लब्बोलुआब यह कि डिजिटल मतदाताओं का मन टटोलने की होड़ मच गई है।
ग्राम पंचायतों में अभी आरक्षण स्पष्ट नहीं होने के कारण अधिकांश भावी प्रधान अपनी तिजोरी खुलकर नहीं खोल पा रहे हैं, लेकिन प्रचार-प्रसार शुरू कर दिए हैं। भावी प्रत्याशी के पक्ष में तरह-तरह के फोटो, वीडियो प्रसारित किए जा रहे हैं। ग्रामीणों को जीतने वाले गानों के धुन पर आडियो भी भेजे जा रहे हैं। गांव के विकास कार्यों की योजनाएं बताई जा रहीं।
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