गजब हाल! हापुड़ नगर पालिका ने किया भारी गड़बड़ी, शहर में लोग करने लगे गपशप
हापुड़ नगर पालिका में एक अजीब मामला सामने आया है, जहां पहले से बनी सड़कों के लिए टेंडर जारी कर दिए गए। बोर्ड बैठक में 129 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई, जिनमें से कई सड़कों का निर्माण पहले ही हो चुका है। पार्षदों ने आरोप लगाया कि कई प्रस्तावों पर चर्चा भी नहीं हुई। इस मामले में नगर पालिका की निष्पक्षता पर सवाल उठ रहे हैं और जांच की मांग की जा रही है।
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हापुड़ नगर पालिका में एक अजीब मामला सामने आया है, जहां पहले से बनी सड़कों के लिए टेंडर जारी कर दिए गए।
जागरण संवाददाता, हापुड़। नगर पालिका ने शहर में पहले से बनी सड़कों के प्रस्तावों को मंजूरी दे दी। इनके टेंडर भी जारी कर दिए गए। हाल ही में हुई बोर्ड बैठक में 129 प्रस्ताव रखे गए। ये सभी प्रस्ताव हंगामे और शोरगुल के बीच मंजूर कर लिए गए। पार्षदों का आरोप है कि करीब 65 प्रस्तावों पर ही चर्चा हुई और बाकी को बिना चर्चा के ही मंजूर दिखा दिया गया।
इनमें से ज्यादातर प्रस्ताव निर्माण से जुड़े हैं। ये प्रस्ताव बोर्ड बैठक में रखे गए और फिर टेंडर के लिए स्वीकृत कर दिए गए, जबकि इनमें से कई का निर्माण पांच से छह महीने पहले ही हो चुका था। इससे नगर पालिका की निष्पक्षता और पारदर्शिता के दावे पर सवालिया निशान लग गया है। 13 अक्टूबर की बोर्ड बैठक में पहले से बने कार्यों के लिए नया बजट आवंटित कर दिया गया।
नई सड़क बनाने के बहाने पहले से बनी सड़क का बजट बोर्ड बैठक में मंजूर नहीं किया जा सकता। ये फैसले नगर पालिका परिषद को गुमराह करके लिए गए और अपमान का कारण बनते हैं।
गढ़ रोड स्थित आर्यनगर वार्ड 23 में राजपाल मास्टर के घर से सर्वेश भटनागर के घर तक सड़क बनाई गई है। पहले यह तारकोल की सड़क थी। सीवर और पेयजल पाइपलाइन बिछाने के कारण सड़क क्षतिग्रस्त हो गई थी।
इसके बाद नालियों और इंटरलॉकिंग का निर्माण कराया गया। यह निर्माण कार्य लगभग चार माह पूर्व पूरा हुआ। इस निर्माण कार्य का प्रस्ताव बोर्ड बैठक में क्रमांक 16 पर रखा गया और स्वीकृत हो गया। इसके लिए ₹7.5 लाख का बजट स्वीकृत हुआ है।
दिल्ली रोड स्थित अपनाघर कॉलोनी में मंदिर जाने वाली सड़क का निर्माण लगभग छह माह पूर्व हुआ था। महेश चंद के घर से सुनीता गुप्ता के घर तक इंटरलॉकिंग सड़क और नालियों का निर्माण कराया गया था।
अब इस निर्माण कार्य का प्रस्ताव बोर्ड बैठक में स्वीकृत हो गया है। इस परियोजना पर ₹9 लाख से अधिक का व्यय दर्शाया गया है। यह जानकारी सदन को उचित रूप से नहीं दी गई। सदस्यों को बताया गया कि इस सड़क का निर्माण होना था, लेकिन यह पहले ही बनकर तैयार हो चुकी है।
इन पहले से पूर्ण हो चुके कार्यों को पूरा करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई
| कार्य का विवरण | राशि |
|---|---|
| नगर परिषद स्थित पुस्तकालय के शीशे, ग्रिल और फर्श पर टाइलिंग | 3.5 लाख रुपये |
| वार्ड 9, गणेशपुरा स्थित अंबेडकर चौपाल की दीवार पेंटिंग | 84 हजार रुपये |
| गणेशपुरा स्थित अंबेडकर चौपाल की दीवार पुट्टी और दरवाजों की पेंटिंग | 60 हजार रुपये |
| फूलगढ़ी में गुली चौक के पास अल्वी धर्मकाटा से हॉटमिक्स सड़क का निर्माण (आधा अधूरा) | 29 लाख रुपये |
| मीनाक्षी रोड पर नाला और कंक्रीट सड़क का निर्माण | 12.5 लाख रुपये |
जिन स्थानों पर बोर्ड बैठकों में निर्माण बजट स्वीकृत हो चुका है और निर्माण कार्य पहले से चल रहा है, वहां नगर परिषद को प्रस्ताव को रद्द करने और बजट आवंटन रोकने का अधिकार है। इसे श्रमदान घोषित किया जा सकता है। ऐसा पहले भी कई जिलों में किया जा चुका है।
धोखाधड़ी के संकेत
दरअसल, ठेकेदारों ने नगर निगम अधिकारियों की मिलीभगत से यह निर्माण कार्य पहले ही पूरा कर लिया है। इसका मतलब है कि उन्हें पता था कि उन्हें किसी भी हालत में टेंडर मिल जाएगा। नतीजतन, टेंडर की पारदर्शिता और निष्पक्षता संदिग्ध प्रतीत होती है। ठेकेदारों को पहले ही आश्वासन दिया गया था कि टेंडर मिल जाएगा। इसलिए, यह तथ्य कि प्रस्ताव पारित होने से पहले ही टेंडर राशि तय कर ली गई थी, टेंडर की शर्तों और बोली प्रक्रिया को अनुचित बनाता है।
यह संभव नहीं है। पहले बोर्ड में प्रस्ताव प्रस्तुत किया जाता है और उसे मंजूरी दी जाती है। उसके बाद, टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से कार्य पूरा किया जाता है। बोर्ड बैठक से पहले किसी भी कार्य के पूरा होने की मुझे जानकारी नहीं है। पहले से बनी सड़कों के प्रस्ताव पारित करना भी समझ से परे है। मैं इसकी जाँच के लिए एक टीम बनाऊँगा। जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ मुकदमा चलाया जाएगा।
- श्रीपाल सिंह - अध्यक्ष पुष्पा देवी के पति।

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