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    Illegal Mining: हापुड़ में फलफूल रहा अवैध खनन का धंधा, माफिया मस्त और सरकारी मशीनरी पस्त

    Updated: Fri, 19 Sep 2025 09:47 PM (IST)

    हापुड़ जिले में खनन माफिया सरकारी और निजी जमीनों पर अवैध खनन कर रहे हैं जिससे पर्यावरण और राजस्व को नुकसान हो रहा है। गढ़मुक्तेश्वर क्षेत्र में रात भर बुलडोजर और डंपर से मिट्टी का खनन हो रहा है जिसकी कीमत 3500 रुपये प्रति डंपर है। गंगा किनारे रेत का अवैध खनन भी हो रहा है जिससे माफिया काली कमाई कर रहे हैं।

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    हापुड़ में फलफूल रहा अवैध खनन का धंधा।

    केशव त्यागी, हापुड़। हापुड़ जिले में निजी ही नहीं बल्कि सरकारी जमीन से मिट्टी का खनन करने में माफिया तनिक भी कतरा नहीं रहे हैं। वह इसलिए क्योंकि, सफेदपोश और अधिकारियों के संरक्षण में वह धंधे का संचालन कर रहे हैं।

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    गढ़मुक्तेश्वर के चित्तौड़ा, पलवाड़ा, नानई व सरूरपुर में जमकर अवैध खनन हो रहा है। यहां से मिट्टी ब्रजघाट में डाली जा रही है। ऐसे में जिम्मेदारों की कार्रवाई पर सवालियां निशान खड़े हो रहे हैं।

    गढ़मुक्तेश्वर के चित्तौड़ा, पलवाड़ा, नानई व सरूरपुर में जमकर बुलडोजर और डंपर व ट्रैक्टर-ट्राली के जरिए मिट्टी खनन हो रहा है। रातभर अवैध खनन का धंधा चलता है और विभाग अंधा बना रहता है। रात के अंधेरे में सड़कों पर मिट्टी से भरे डंपर दौड़ते रहते है।

    मिट्टी से लदे डंपर न तो पुलिस को नजर आते हैं और न ही जिम्मेदार अधिकारियों को सूचना मिलती है। शिकायत के बाद एक्का-दुक्का डंपर सीज कर जिम्मेदारों द्वारा पूरे खेल पर पर्दा डालने का प्रयास करते हैं।

    खनन माफिया दिन-रात सरकारी और निजी जमीनों से मिट्टी का खनन करते हुए पर्यावरणीय क्षति के साथ-साथ राजस्व का भी चूना लगा रहे हैं। माफिया की अति सक्रियता के कारण रात के समय दुर्घटना होने का भी खतरा बना रहता है। खनन का यह पहला मामला नहीं है। इससे पूर्व भी अनेकों प्रकरण सामने आ चुके हैं। बावजूद इसके ठोस कार्रवाई न होने के कारण खनन माफियाओं के हौसले बुलंद है।

    रात में होता है लाखों का खेल

    सूत्रों के अनुसार प्रतिदिन सौ से 150 डंपर मिट्टी के वाहनों को रात में दौड़ाया जाता है। एक डंपर की कीमत 3500 रुपये में बेचा जा रहा है। एक डंपर से सात से अधिक रुपये का चूना राजस्व को लगाया जा रहा है। सफेदपोश से लेकर पुलिस और खनन विभाग की मिलीभगत से यह धंधा चलता है।

    माफिया का नेटवर्क इतना मजबूत है कि मिट्टी डालने के साथ रात में ही उसे फैला भी दिया जाता है। ऐसा कर खनन माफिया जमकर काली कमाई कर रहे हैं।

    गंगा से बालू रेत का धड़ल्ले से होता है खनन

    तहसील गढ़मुक्तेश्वर क्षेत्र में करीब 36 किलो तक गंगा फैली हुई है। इस क्षेत्र में गंगा किनारे मुकीमपुर, भगवंतपुर, नयागांव अब्दुलापुर, चकलठीरा, शेरा कृष्णा वाली मडैया, रेता वाली मडैया, ब्रजघाट, बलवापुर, नयाबांस, सालाबाद की मडैया, पुष्पावती पूठ, शंकरा टीला आदि गांव बसे हुए है।

    इन गांवों में गंगा से रेत का अवैध खनन धड़ल्ले से होता है। भैसा बुग्गियों से गंगा से रेत मंगवा कर एक सुरक्षित स्थान पर स्टाक किया जाता है। फिर माफिया उस रेत को ट्रक, ट्रैक्टर ट्राली के माध्यम से रेत को आस पास के जिले जैसे गाजियाबाद, मेरठ, नोएडा, दिल्ली सहित अन्य स्थानों पर भेज देते है।

    अवैध खनन के खिलाफ कार्रवाई करते डंपर सीज किए गए हैं। जहां-जहां भी अवैध खनन की सूचना मिलती है, वहां पहुंचकर कार्रवाई की जाती है। टीम जांच कर रही है। जिसके बाद कार्रवाई निश्चित तौर कर कार्रवाई की जाएगी। - प्रशांत कुमार, खनन अधिकारी