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    हापुड़: गन्ने के खेत में किशोरी से हैवानियत, दोनों दरिंदों को 20-20 साल की सजा

    Updated: Fri, 28 Nov 2025 02:01 PM (IST)

    हापुड़ में POCSO एक्ट कोर्ट ने सामूहिक दुष्कर्म के दो आरोपियों को 20-20 साल की सजा सुनाई। 3 सितंबर 2022 को एक 13 वर्षीय लड़की के साथ गांव के ही शहजाद और भूरे उर्फ आस मोहम्मद ने दुष्कर्म किया था। पीड़िता ने घर पहुंचकर आपबीती बताई, जिसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपियों को गिरफ्तार किया। अदालत ने दोषियों पर जुर्माना भी लगाया और पीड़िता को मुआवजे का आदेश दिया।

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    हापुड़ में POCSO एक्ट कोर्ट ने सामूहिक दुष्कर्म के दो आरोपियों को 20-20 साल की सजा सुनाई। सांकेतिक तस्वीर

    जागरण संवाददाता, हापुड़। शुक्रवार को एडिशनल सेशन जज/स्पेशल जज (POCSO एक्ट) ज्ञानेंद्र सिंह यादव ने गन्ने के खेत में किशोरी से गैंगरेप करने के मामले में दो आरोपियों को दोषी करार दिया। जज ने उन्हें 20-20 साल की कैद और दस-दस हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।

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    स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर हरेंद्र त्यागी ने बताया कि 3 सितंबर 2022 को गांव के रहने वाले एक व्यक्ति ने गांव थाने में शिकायत दी थी। पीड़ित ने बताया कि उसकी 13 साल की बेटी जरोठी रोड स्थित सरकारी स्कूल में सातवीं क्लास की स्टूडेंट है। 3 सितंबर 2022 को दोपहर करीब 1:30 बजे बेटी स्कूल से घर लौट रही थी। रास्ते में मुरादपुर गांव के शहजाद और भूरे उर्फ आस मोहम्मद ने उसे रोक लिया।

    वे उसे जबरदस्ती जंगल में एक खेत में ले गए, जहां उन्होंने उसके साथ गैंगरेप किया। उन्होंने धमकी दी कि अगर उसने अपने परिवार या पुलिस से शिकायत की तो वे उसे जान से मार देंगे। घर पहुंचकर बेटी ने अपने परिवार को आपबीती सुनाई, जिससे पीड़ित डर गई। पीड़िता अपनी बेटी के साथ पुलिस स्टेशन गई और शिकायत दर्ज कराई।

    पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज की, आरोपी को गिरफ्तार किया और जेल भेज दिया। जांच के बाद पुलिस ने आरोपी के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की। एडिशनल सेशंस जज/स्पेशल जज POCSO एक्ट कोर्ट में ट्रायल चल रहा था। शुक्रवार को ट्रायल एक अहम मोड़ पर पहुंच गया।

    जज ज्ञानेंद्र सिंह यादव ने अपना फैसला सुनाते हुए शहजाद और भूरे उर्फ आस मोहम्मद को गैंग रेप का दोषी पाया। जज ने आरोपियों को 20 साल की जेल और दस-दस रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। अगर जुर्माना नहीं भरा गया, तो आरोपी को दो महीने की और जेल होगी। डिस्ट्रिक्ट लीगल सर्विसेज अथॉरिटी पीड़िता को उसके रिहैबिलिटेशन के लिए एक लाख रुपये का मुआवजा देगी।