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    यूपी के इस जिले में बुखार से मचा हाहाकार, दहशत में लोग; स्वास्थ्य विभाग बना लाचार

    Updated: Mon, 17 Nov 2025 05:35 PM (IST)

    हापुड़ के रतुपुरा गांव में बुखार से हाहाकार मचा है, जहां हर घर में मरीज़ हैं। एक युवती की मौत हो गई है, और कई अन्य गांवों में भी स्थिति गंभीर है। स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के कारण मरीज़ झोलाछाप डॉक्टरों के हाथों में इलाज कराने को मजबूर हैं। डॉक्टर सावधानी बरतने और तुरंत जांच कराने की सलाह दे रहे हैं।

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    संवाद सहयोगी, सिभावली (हापुड़)। हापुड़ के रतुपुरा गांव में बुखार से हाहाकार मचा हुआ है। हालात यह हैं कि हर घर मे बुखार के मरीज हैं। यह हालत केवल रतुपुरा गांव का ही नहीं है, बल्कि क्षेत्र के सलारपुर, श्यापुर जट्ट, गोहरा आदि गांवों में भी बुखार का प्रकोप इसी प्रकार बना हुआ है।

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    रतुपुरा गांव में तो शनिवार को ही 20 वर्षीय युवती की बुखार से मौत हो गई थी, जबकि मृतका के पिता भी बुखार से तपे हुए हैं। जिनका लगातार उपचार चल रहा है। इसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। वहीं दूसरी ओर स्वास्थ्य सुविधाएं अच्छी न होने के कारण क्षेत्र में इन मासूम बुखार से पीड़ित ग्रामीणों की जान झोलाछापों के हवाले बनी हुई है। अधिकारी इन पर कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।

    क्षेत्र के गावों में बुखार से पीड़ित मरीजों की भरमार है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और प्राइवेट अस्पतालों में बुखार से पीड़ित मरीज पहुंच रहे हैं। क्षेत्र के रतुपुरा गांव की 20 वर्षीय युवती गुलशमा की बुखार से मौत हो गई थी, वही पिता फराहिम बुखार से पीड़ित है। ग्रामीण परवेज अली ने बताया कि गांव में वर्तमान में सलमा, इकराम अली, पूर्व प्रधान आबदा, हुस्नजहां, जहिर समेत 60 से अधिक बुखार से पीड़ित मरीज हैं।

    इसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी केवल हाथ पर हाथ रखकर बैठे हुए हैं। बुखार से मौत होने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव में शिविर लगाने के लिए नहीं पहुंची है। वहीं दूसरी ओर गांव में सफाई व्यवस्था भी पूर्ण रूप से चरमराई हुई है। ग्रामीणों का कहना है कि सफाई न होने के कारण गांव में बीमारी अधिक फैल रही है।

    बुखार से पीड़ित दो छात्राएं अस्पताल में भर्ती

    सिखेड़ा गांव स्थित राजकीय इंटर कालेज मे 12वीं कक्षा में पढ़ने वालीं प्रिया और इसी कक्षा की छात्रा दीपिका की सोमवार को बुखार से हालत बिगड़ गई। जिस समय उनकी तबीयत बिगड़ी, उस समय वह अपनी कक्षा में पढ़ाई कर रही थीं। शिक्षकों ने उनकी तबीयत अधिक खराब होते देख उन्हें तत्काल सीएचसी में भर्ती कराया। जहां उनका उपचार कराया जा रहा है। साथ ही उनके खून के नमूने लेकर उनकी जांच कराने को भेजे गए हैं।

     

    ये बरतें सावधानी

    • भीड़भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बचें।
    • गर्म पानी व संतुलित आहार करें।
    • मरीज बार-बार चेहरे को न छुए।
    • नियमित हाथ धोएं और मास्क पहनें।
    • लगातार बुखार होने पर अपनी जांच कराएं।
    • बिना चिकित्सक की सलाह के कोई भी दवाई ना खाएं।
    • झोलाछाप से दवाई बिल्कुल ना ले।

    मौसम में आ रहे बदलाव के चलते बुखार का प्रकोप अधिक बढ़ रहा है। इन मरीजों को बुखार के साथ ही कमर, गर्दन, पीठ, हाथ-पैरों में दर्द की शिकायत हो रही है। यह आमतौर पर चिकनगुनिया में देखने को मिलता है। रतुपुरा गांव में लड़की की मौत बुखार से हुई है, वह एक गांव के झोलाछाप से दवाई ले रही थी। गांव में टीम को भेजकर शिविर लगाया जाएगा। विद्यालय की जो छात्राएं हैं उनका उपचार कराया जा रहा है। - डा. अमित बैसला, अधीक्षक, सीएचसी सिखेड़ा