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    खुशखबरी! नए आदेश से 50 हजार किसानों में जगी उम्मीदें, योगी सरकार ने समाधान योजना शुरू की

    Updated: Sun, 02 Nov 2025 10:42 PM (IST)

    हापुड़ के किसानों के लिए खुशखबरी! बिजली बिल घोटाले से परेशान किसानों के लिए सरकार ने समाधान योजना शुरू की है। 15 दिनों के भीतर ऑनलाइन आवेदन करके किसान बकाया राशि से मुक्ति पा सकते हैं। 1995 से शुरू हुए इस घोटाले में 20 हजार से अधिक किसान प्रभावित हुए थे, और बकाया राशि बढ़कर 700 करोड़ रुपये तक पहुँच गई थी।

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    किसानों के लिए यूपी सरकार ने समाधान योजना लागू की।

    जागरण संवाददाता, हापुड़। घोटाले के शिकार बकाया बिजली बिल की मार झेल रहे किसानों के लिए शासन ने समाधान योजना लागू की है। इसमें किसान कल से 15 दिन तक आवेदन कर सकते हैं। नलकूप के बिलों में घोटाले का दंश जिले के किसान 25 साल से झेल रहे हैं। इन किसानों को शासन ने बकाएदार की श्रेणी में रखा हुआ है, जिससे प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि तक का लाभ भी नहीं मिल पा रहा है।

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    इस मामले को लेकर पिछले दिनों डीएम-कमिश्नर की ओर से शासन को ज्ञापन भेजा गया था। वहीं विधायकों की ओर से सदन में भी इस मामले को उठाया गया था। जिसके चलते अब शासन से समाधान योजना लागू की है। इससे बकाया धनराशि के खत्म कराने के लिए कल से 15 दिन के अंदर आनलाइन आवेदन करने होंगे।

    यह थी स्थिति

    जिले में 1995 से नलकूप बिलों में घपला होना आरंभ हो गया था। उस समय पावर कारपोरेशन में बिलों का रिकार्ड रजिस्टर वाले लेजर में रखा जाता था। वहीं कंप्यूरीकृत नहीं होने से किसानों के पास बकाया बिल और जमा धनराशि का मैसेज भी नहीं आता था। तब जिले के नलकूप किसानों से कर्मचारियों ने बिजली का बिल लेकर रख लिया था। उनको बिल प्राप्ति की रसीद दे दी गईं और बिजली बिल पासबुक पर भी एंट्री कर दी गई।

    पावर कारपोरेशन के कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों ने नकली रसीद बुक छपवाकर इस घपले को अंजाम दिया। यह मामला पावर कारपोरेशन के उच्चाधिकारियों के संज्ञान में 2005 में आया। तब तक करीब 20 हजार किसानों के 220 करोड़ के बिजली बिल का घोटाला हो चुका था।

    पावर कारपोरेशन लगाता जा रहा ब्याज

    जिस समय यह घोटाला सामने आया था, तब यह घोटाला 220 करोड़ का बताया जाता था। इससे जिले के 20 सौ किसान पीड़ित थे। उसके बाद समाधान निकालने की बजाय पावर कारपोरेशन ने चक्रवर्ती ब्याज लगाना आरंभ कर दिया। इसके चलते घोटाले की यह धनराशि लागातर दो-गुनी होती रही। स्थिति यह है कि 20 साल से जिले के किसानों के खातों में गलत तरीके से लाखों रुपये की देनदारी जोड़कर भेजी जा रही है। परिवारों में बंटवार होने के चलते अब इससे पीड़ित करीब 50 हजार हो गए हैं। वहीं बिजली बिल बकाया की धनराशि 220 करोड़ से बढ़कर अब सात सौ करोड़ रुपये हो गई है।

    15 दिन में करना होगा आवेदन

    जो उपभोक्ता 31 मार्च 2004 से पहले के नलकूप बिल के बकाएदार हैं, वहीं जिनके कनेक्शन एक अप्रैल 1995 के बाद हुए थे। वह नलकूप के बिजली बिल जमा कराने के साक्ष्य प्रस्तुत कर सकते हैं। यदि उनके द्वारा जमा की गई धनराशि बिलों में समायोजित की नहीं गई है, तो पोर्टल http://sso.uppcl.org/hapurptw पर आवेदन कर सकते हैं। इसमें अपने अभिलेखों / रसीदों / शपथ पत्र व अन्य प्रपत्रों को संलग्न करते हुये आवेदन कर सकते हैं। उसके आधार पर शासन बकाया चल रही धनराशि का समाधान कराएगा। - एसके अग्रवाल- अधीक्षण अभियंता