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    हापुड़ में फर्जी मृत्यु प्रमाण-पत्र बनवाने का मामला आया सामने, अधिकारियों समेत 14 के खिलाफ मुकदमा दर्ज

    Updated: Wed, 10 Dec 2025 03:07 PM (IST)

    हापुड़ में मृतक सरकारी कर्मचारी की अनुकंपा नियुक्ति के लिए फर्जी मृत्यु प्रमाण-पत्र बनवाने का मामला सामने आया है। न्यायालय के आदेश पर कोतवाली पुलिस ने ...और पढ़ें

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    हापुड़ में फर्जी मृत्यु प्रमाण-पत्र बनवाने का मामला सामने आया। सोशल मीडिया

    जागरण संवाददाता, हापुड़। हापुड़ में मृतक सरकारी कर्मचारी की अनुकंपा नियुक्ति हासिल करने के लिए फर्जी मृत्यु प्रमाण-पत्र बनवाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है।

    न्यायालय के आदेश पर कोतवाली पुलिस ने कर्मचारी की दूसरी पत्नी, उसके दो बच्चों, पांच गवाहों, नगर पालिका के छह कर्मचारियों-अधिकारियों सहित कुल 14 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी व जालसाजी का मुकदमा दर्ज किया है।

    पुलिस में दर्ज रिपोर्ट में उत्तराखंड चमोली के होंडा शोरूम के पास रहने वाली चंद्रकला वर्मा ने बताया कि उनके पति की मौत कई साल पहले हो चुकी है। इसके बावजूद आरोपित स्वर्ग आश्रम रोड स्थित मोहल्ला राजनगर की मीना वर्मा ने खुद को उसके पति की दूसरी पत्नी बताया।

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    मीना ने अपनी बेटी शुचि वर्मा, बेटे यश वर्मा, गवाह ममता वर्मा, नीलम, विजयेता यादव, चंद्रहास व नीलम कुमारी के साथ मिलकर नगरपालिका कर्मचारियों से सांठ-गांठ की। इन्होंने 19 जुलाई 2024 को उसके पति का फर्जी मृत्यु प्रमाण-पत्र बनवाया।

    इसके बाद 11 सितंबर 2024 को एसडीएम कार्यालय से योजना बनाकर अन्य जरूरी दस्तावेज तैयार कराए गए। फिर इन्हीं फर्जी कागजातों के आधार पर सिविल जज (सीनियर डिवीजन) प्रथम न्यायालय हापुड़ में पीड़िता के खिलाफ मुकदमा दायर कर दिया गया। ताकि पीड़िता के पति की सरकारी नौकरी मीना वर्मा के बच्चों को मिल जाए।

    नगर पालिका के जिन कर्मचारियों पर सांठ-गांठ का आरोप लगा है, उनमें तत्कालीन जन्म-मृत्यु रजिस्ट्रार मनोज कुमार, मुख्य सफाई निरीक्षक आवेश कुमार, सफाई निरीक्षक राजकुमार, सफाई नायक राजीव, राजस्व निरीक्षक अमरपाल सिंह, क्षेत्रीय लेखपाल गंगाप्रसाद पटेल शामिल हैं।

    इस मामले में पीड़िता ने 27 अगस्त 2025 को एसपी व कोतवाली पुलिस से शिकायत की, लेकिन रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई। इसके बाद एक सितंबर 2025 को पीड़ित ने डाक से मुख्यमंत्री और डीजीपी को पत्र भेजा। कोई कार्रवाई न होने पर मजबूरन वह न्यायालय पहुंचीं।

    कोतवाली प्रभारी निरीक्षक देवेंद्र सिंह बिष्ट ने बताया कि न्यायालय के आदेश पर मीना वर्मा, शुचि वर्मा, यश वर्मा, ममता वर्मा, नीलम, विजयेता यादव, चंद्रहास, नीलम, मनोज कुमार, आवेश कुमार, राजकुमार, राजीव, अमरपाल सिंह और गंगाप्रसाद पटेल के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। मामले की गहन जांच की जा रही है। दोषी पाए जाने पर सभी के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।