हापुड़ में शिक्षा व्यवस्था पर सवाल: स्कूल ने जारी किया फर्जी ट्रांसफर सर्टिफिकेट, प्रबंधक और लिपिक पर मुकदमा दर्ज
हापुड़ में एक स्कूल द्वारा फर्जी ट्रांसफर सर्टिफिकेट जारी करने का मामला सामने आया है, जिससे शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं। स्कूल के प्रबंधक और लिपिक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। जांच में टीसी फर्जी पाया गया, जिसके बाद पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई। इस घटना ने शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

छात्र के टीसी पर था बेसिक शिक्षा अधिकारी का फर्जी हस्ताक्षर। फोटो सौजन्य - जागरण आर्काइव
जागरण संवाददाता, हापुड़। जिले में एक घटना ने शिक्षा व्यवस्था पर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। गढ़मुक्तेश्वर क्षेत्र के लोधीपुर सोभन स्थित एचआरएम पब्लिक स्कूल द्वारा जारी एक छात्र की ट्रांसफर सर्टिफिकेट (टीसी) पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) के फर्जी हस्ताक्षर उजागर किए गए हैं। मामले की जानकारी पर बीएसए रीतु तोमर ने एसपी ज्ञानंजय सिंह से शिकायत की। जिसके आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस मामले की गहनता से जांच कर रही है।
बीएसए रितु तोमर ने बताया कि गढ़मुक्तेश्वर क्षेत्र के लोधीपुर सोभन स्थित एचआरएम पब्लिक स्कूल में मनेश्वर कुमार पुत्र अर्पण कक्षा पांच का छात्र है। स्कूल ने 25 अगस्त 2025 को छात्र टीसी जारी की। जिसमें खंड शिक्षा अधिकारी गढ़मुक्तेश्वर के 27 अगस्त 2025 और जिला बीएसए के 30 अगस्त 2025 के हस्ताक्षर अंकित दिखाए गए।
नवोदय विद्यालय में जमा की गई थी टीसी
यह टीसी नवादा स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय में प्रवेश के लिए जमा की गई थी। नवोदय के कर्मचारी एस.के. झा ने इसे सत्यापन हेतु खंड शिक्षा अधिकारी सिम्भावली योगेश गुप्ता को वाट्एस पर भेजा। जांच में पता चला कि बीएसए के हस्ताक्षर जाली हैं। बीएसए कार्यालय के रिकार्ड में न तो 30 अगस्त को कोई हस्ताक्षर दर्ज हैं और न ही टीसी रजिस्टर में कोई प्रविष्टि।
बीएसए ने तत्काल आंतरिक जांच शुरू की। नौ सितंबर 2025 को दक्ष कर्मी अंकित कुमार से स्पष्टीकरण लिया गया, जिन्होंने पुष्टि की कि कोई हस्ताक्षर या सत्यापन नहीं हुआ। इसके बाद खंड शिक्षा अधिकारी गढ़मुक्तेश्वर को कई पत्र नौ, 15 और 16 सितंबर को भेजे गए। उनकी रिपोर्ट में सहायक लेखाकार रजत बंसल ने बताया कि टीसी का एसआर रजिस्टर से मिलान किया गया, लेकिन स्कूल प्राचार्य के फोन पर टीसी और एसआर पंजिका स्कूल के कर्मचारी को लौटा दी गई।
उन्होंने भविष्य में सावधानी बरतने का वादा किया। दक्ष कर्मी देवेंद्र कुमार ने आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि मिलान सही था, लेकिन फोन पर दस्तावेज लौटा दिए गए। यूडीअाईएसई पोर्टल पर सत्यापन से छात्र की कक्षा पांच में उत्तीर्ण होने की पुष्टि हुई। जांच में संकेत मिला कि फर्जी हस्ताक्षर संभवत स्कूल प्रबंधन द्वारा कराए गए।
स्कूल प्रबंधन का पक्ष
नौ सितंबर 2025 के पत्र पर स्कूल प्रबंधक ने स्वीकार किया कि पारिवारिक कारणों से लिपिक प्रेम कुमार को टीसी का जिम्मा सौंपा गया था, जिसने गलती से फर्जी हस्ताक्षर कराए। प्रबंधक ने लिपिक को हटा दिया और जांच की बात कही। हालांकि, 15 सितंबर 2025 के पत्र में मांगे गए दस्तावेज प्रवेश फार्म, उपस्थिति पंजिका, रिपोर्ट कार्ड, टीसी प्रति जमा करने और 18 सितंबर 2025 को उपस्थित होने के दो निर्देशों का पालन नहीं किया गया। प्रबंधक और लिपिक दोनों बार अनुपस्थित रहे।
पुलिस को पत्र और आगे की कार्रवाई
20 सितंबर 2025 को बीएसए ने एसपी को पत्र भेजा, जिसमें स्कूल प्रबंधक/प्रधानाचार्य के खिलाफ जालसाजी समेत सुसंगत धाराओं में रिपोर्ट दर्ज करने का अनुरोध किया गया। प्रतिलिपि जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी, थानाध्यक्ष गढ़मुक्तेश्वर और खंड शिक्षा अधिकारी को भेजी गई। खंड शिक्षा अधिकारी को रिपोर्ट दर्ज कराने का विशेष निर्देश दिया गया। जवाहर नवोदय विद्यालय को भी सूचित किया गया, जिसने अभिभावक को पत्र भेजा और मूल टीसी की प्रति मांगी गई है।
शिक्षा विभाग में चिंता बढ़ी
फर्जी सर्टिफिकेट के अन्य मामले में फरवरी 2025 में शिक्षा विभाग का फर्जी लेटर घोटाला सामने आ चुके हैं। स्थानीय अभिभावक संगठनों ने मांग की है कि ऐसी घटनाओं पर सख्ती हो, ताकि छात्रों का भविष्य सुरक्षित रहे। एसपी ज्ञानंजय सिंह ने बताया कि मामले में स्कूल प्रबंधक नगेंद्र सिंह व लिपिक प्रेम कुमार के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली है। जांच कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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