हापुड़ में पाइपलाइन की जमीन पर दीवार बनाने से डीएम नाराज, पार्षद पर 20 लाख रुपये मांगने का आरोप
हापुड़ में एक पार्षद पर प्रॉपर्टी डीलर से दीवार हटाने के लिए 20 लाख रुपये मांगने का आरोप है। पालिका द्वारा पाइपलाइन की सरकारी जमीन पर दीवार बनाने से प्रॉपर्टी डीलर के प्लॉटिंग क्षेत्र का रास्ता अवरुद्ध हो गया है। डीएम ने इस मामले पर नाराजगी जताते हुए जांच के आदेश दिए हैं क्योंकि अधिकारियों के पास इस बात का कोई जवाब नहीं था।

जागरण संवाददाता, हापुड़। पाइपलाइन की सरकारी जमीन पर पालिका द्वारा दीवार बनाने से डीएम अभिषेक पांडेय शनिवार को नाराज हो गए। उन्होंने पालिका के अधिकारियों से पूछा कि एक ही क्षेत्र में दीवार क्यों बनाई गई है।
पाइपलाइन के अन्य क्षेत्रों में दीवार क्यों नहीं लगाई गई। इसका पालिका के अधिकारियों के पास कोई उत्तर नहीं था। दरअसल पालिका के दीवार बना देने से एक प्रॉपर्टी डीलर की प्लॉटिंग वाले क्षेत्र के रास्ता बंद हो गया है। यह मामला फिलहाल तहसील में विचाराधीन है।
शहर के कोटला मेवातियान के रहने वाले नवैद तथा आलम ने बताया कि उन्होंने 23.1.2012 को चितौली रोड पर जमीन खरीदी थी। उसके उपरांत 4.6.2013 को परगनाधिकारी द्वारा उसको आबादी घोषित करा लिया। वहां पर नलकूप लगा हुआ है और टिनशेड पड़ा है।
पिछले दिनों उन्होंने अपनी जमीन पर आवासीय प्लॉटिंग करनी आरंभ कर दी। इसी दौरान एक पार्षद ने नवेद और आलम से 20 लाख रुपये की मांग की। रुपये नहीं देने पर उसको प्लॉटिंग नहीं होने देने की चेतावनी दी थी।
उन्होंने पार्षद को रुपये देने से इनकार कर दिया। इस पर पार्षद ने पालिका के कर्मचारियों से मिलीभगत कर उक्त जमीन को सरकारी करार देना आरंभ कर दिया। वहां पर सरकारी पाइपलाइन की जमीन दिखाकर दीवार लगा दी गई।
इससे प्लॉटिंग का पूरा रास्ता ही बंद हो गया है। वहीं आसपास के खेतों पर जाने वालों का भी रास्ता बंद हो गया है। इस पर डीएम ने पूरे मामले की जांच कराकर दीवार के औचत्य पर जानकारी मांगी है।
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