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    हापुड़ से गिरफ्तार रोहिंग्या मुस्लिम के मामले में खुला राज, बेंगलुरू जाकर रोहिंग्या मुस्लिम से किया था निकाह

    Updated: Sat, 04 Oct 2025 02:58 AM (IST)

    हापुड़ में एटीएस नोएडा ने एक रोहिंग्या मुस्लिम को गिरफ्तार किया है जिसने जिले में ठिकाना बनाने के बाद बेंगलुरु में एक रोहिंग्या महिला से शादी की। वह 2013 में बांग्लादेश के रास्ते भारत आया था और उसने फर्जी दस्तावेज बनवाए थे। पुलिस अब उसकी पत्नी और बच्चों की तलाश कर रही है और शरणार्थी प्रमाण पत्र की जाँच कर रही है।

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    बेंगलुरु जाकर रोहिंग्या सय्यैद हुसैन ने किया था महिला से निकाह

    केशव त्यागी, हापुड़। एटीएस नोएडा (एंटी टेररिस्ट स्क्वाड) की टीम द्वारा बृहस्पतिवार को गिरफ्तार किए गए रोहिंग्या मुस्लिम के मामले में बड़ा राजफाश हुआ है। जिले में ठिकाना जमाने के बाद वह बेंगलुरु गया था। जहां उसने रोहिंग्या मुस्लिम महिला से निकाह किया। उसकी पत्नी दो दो बच्चों के साथ अभी भी वहीं रह रही है।

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    उधर, आरोपित के पास से बरामद शरणार्थी प्रमाण पत्र की जांच के लिए यूएनएचसीआर( संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी) दिल्ली के उच्चायुक्त को पत्र भेजा पत्र भेजा गया है। जिसके बाद घुसपैठ कराने वाला गिरोह बेनकाब होगा।

    बता दें कि एटीएस नोएडा यूनिट के उपनिरीक्षक आशीष भारद्वाज व उनकी टीम ने धौलाना के यूपीएसआईडीसी फेज-3 में स्थित गैलेक्सी पालिपैक कंपनी के पास म्यांमार के माउंगडाव जिले के रगमुगुना गांव के सैय्यद हुसैन को गिरफ्तार किया था।

    वर्ष 2013 में उसके गांव का हबीबुल्लाह ने उसे बांग्लादेश के रास्ते पश्चिम बंगाल के हावड़ा में लाया था। भारत में घुसने के बाद वह हबीबुल्लाह के साथ थाना हापुड़ देहात क्षेत्र के गांव गोंदी में दो दिन तक एक किराए के मकान में रहा।

    इसके बाद वह गांव अल्लीपुर में मीट फैक्ट्री में काम करने लगा। यहां कुछ दिन काम करने के बाद वह थाना धौलाना के खिचरा में पहुंचा। यहां उसने एक गम बनाने की फैक्ट्री में काम शुरू कर दिया। वर्तमान में वह बिलाल मस्जिद के पास किराए के मकान में रह रहा था।

    दस्तावेज बनवाने वाले को तलाश रही एटीएस

    आरोपित ने हापुड़ के अलावा मेरठ की मीट फैक्ट्री में भी नौकरी की थी। जहां उसने एक व्यक्ति की मदद से वर्ष 2015-16 में फर्जी आधार कार्ड, पेन कार्ड वोटर आईडी कार्ड, शरणार्थी प्रमाण पत्र व पासपोर्ट बनवाए थे। जिसके बदले आरोपित ने उसे रुपये दिए थे। आरोपित से मिली जानकारी के बाद एटीएस को फर्जी दस्तावेज बनाने वाले की तलाश शुरू कर दी है। आरोपित भूमिगत न हो जाए इसके लिए एटीएस अभी उसकी पहचान सार्वजनिक नहीं कर रही है।

    पत्नी व बच्चों की भी हो सकती है गिरफ्तारी

    आरोपित ने भारतीय सिस्टम के अंदर अपनी पैठ बना ली थी। सैयद हुसैन का पासपोर्ट वर्ष 2016 में मेरठ के पते पर जारी किया गया है । घुसपैठ के बाद कुछ समय के लिए वह बेंगलुरु में गया था। जहां उसकी मुलाकात पहचान बदलकर रह रही रोहिंग्या मुस्लिम महिला से हुई थी। आरोपित ने महिला से निकाह कर लिया। आरोपित दो बच्चे हैं। एटीएस अभी महिला व उसके बच्चों की पहचान उजागर नहीं कर रही है।

    संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी में रिकार्ड खंगाल रही पुलिस

    थाना धौलाना प्रभारी निरीक्षक नीरज कुमार ने बताया कि यूएनएचसीआर( संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी) दिल्ली के उच्चायुक्त को पत्र भेजकर रोहिंग्या के शरणार्थी प्रमाण- पत्र की जानकारी मांगी है। जिसके बाद पता चलेगा कि रोहिंग्या का शरणार्थी प्रमाण पत्र कब जारी हुआ है, कितने समय के लिए यह वैध है। रोहिंग्या को किसी निश्चित स्थान पर रहने की अनुमति दी गई थी या फिर वह देश में कहीं भी रह सकते हैं। रोहिंग्या को धौलाना क्षेत्र में बसाने में किन-किन लोगों का हाथ है। जिसके बाद उन लोगों की गिरफ्तारी भी की जाएगी।