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    'बेटे की दोस्तों ने की हत्या', रिटायर्ड फौजी ने DM से शिकायत कर लगाई गुहार

    Updated: Fri, 26 Sep 2025 02:51 PM (IST)

    हापुड़ के न्यू भीमनगर में एक सेवानिवृत्त फौजी ने अपने बेटे की हत्या का आरोप उसके दोस्तों पर लगाया है। उन्होंने डीएम से शिकायत कर न्याय की गुहार लगाई है। फौजी का आरोप है कि पुलिस ने असली अपराधियों को बचाया है। दिर्वेश नाम के युवक को उसके दोस्त बुलाकर ले गए थे और वह मेरठ हाईवे पर खून से लथपथ मिला था।

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    दोस्तों की साजिश में युवक की मौत, खाकी पर लगे गंभीर आरोप

    जागरण संवाददाता, हापुड़। हापुड़ में थाना देहात क्षेत्र के मोहल्ला न्यू भीमनगर के सेवानिवृत्त फौजी ने उनके 22 वर्षीय बेटे की निर्मम हत्या के पीछे उसके ही दोस्तों का हाथ होने का आरोप लगाया है। आरोप है कि पुलिस ने असली अपराधियों को बचाया है। आज भी वह न्याय के लिए भटक रहे हैं। बृहस्पतिवार को उन्होंने डीएम से शिकायत कर न्याय मांगा है।

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    शिकायती पत्र में न्यू भीमनगर के सेवानिवृत्त फौजी लज्जाराम ने बताया कि वर्तमान में वह दिल्ली पुलिस में हैं। पांच जनवरी 2025 की शाम उसके पुत्र दिर्वेश को उसके तीनों दोस्त मोहल्ले के ही बिट्टू, विपिन और सुधीर घर से बुलाकर ले गए। देर रात तक वह के घर पर उसके आने इंतजार करते रहे, लेकिन दिर्वेश लौटा ही नहीं।

    वहीं, रात गहराने लगी तो पड़ोसन टीसू का फोन आया। उसके बताया कि उनका बेटा मेरठ हाइवे पर पड़ा है। उस पर उनका छोटे बेटा शानू फौरन घटनास्थल पर पहुंचा और भयानक मंजर देखा। ददायरा फ्लाइओवर के पास दिर्वेश खून से लथपथ, सिर पर गंभीर चोटें लिए बेहोश पड़ा था।

    राहगीरों की मदद से उसे देवनंदिनी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन चिकित्सकों ने गंभीर हालत देखते हुए मेरठ रेफर कर दिया। 21 मई 2025 को इलाज के दौरान दिर्वेश ने दम तोड़ दिया। पीड़ित ने बताया कि बेटे को दोस्तों मेरठ हाइवे की खाली जमीन पर ले गए और सिर पर वार कर फरार हो गए। पुलिस ने सच्चाई दबाई, क्योंकि अपराधियों से साठगांठ की गई। 22 मार्च 2025 को भी उन्होंने एसपी से शिकायत की थी, लेकिन कुछ कार्रवाई नहीं की गई।

    पुलिस पर आरोप, अपराधी बचाए

    लज्जाराम ने बताया कि थाना हापुड़ देहात में तहरीर दी। इस पर तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक ने इसे गलत बताकर खुद ही नई तहरीर लिखवाई। इसमें सुधीर को निर्दोष दिखाया गया। यह दर्शाया गया कि सुधीर बाइक पर बिट्टू और विपिन को छोड़ने आया था। दोबारा जब दिर्वेश को लेने घटनास्थल पर पहुंचा तो वह गायब हो गया था।

    असली आरोपी बिट्टू, विपिन और सुधीर को छोड़ दिया गया। बाद में टीसू, उसके पति दीपू और सास गीता को आरोपित बनाया गया। जबकि, उक्त सभी ने टीसू के स्वजन के साथ मिलकर वारदात को अंजाम दिया था। चार महीने बाद भी मुकदमे में ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।

    मामले में एसपी को निष्पक्ष जांच कर कार्रवाई कराने के आदेश दिए हैं। पीड़ित पक्ष को न्याय दिलाया जाएगा। - अभिषेक पांडेय, डीएम