यूपी में कब हो सकते हैं पंचायत चुनाव? ये तारीख आई सामने; गांवों में बढ़ी राजनीतिक सरगर्मी
उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनावों की सुगबुगाहट तेज हो गई है। संभावित उम्मीदवार आरक्षण प्रक्रिया की जानकारी न होने पर भी मैदान में उतर चुके हैं और शुभकामना संदेश भेज रहे हैं। गांवों में छोटे-छोटे विवाद भी बढ़ रहे हैं जिसके कारण पुलिस प्रशासन सतर्क है। सीओ वरुण मिश्रा ने बताया कि माहौल खराब करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
संवाद सहयोगी, गढ़मुक्तेश्वर (हापुड़)। उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनावों को लेकर गांवों में राजनीतिक तापमान बढ़ने लगा है। आरक्षण प्रक्रिया की जानकारी नहीं होने के बावजूद भी अनेक संभावित उम्मीदवार मैदान में उतर चुके है तथा होर्डिंग्स एवं अन्य माध्यम से त्योहारों पर शुभकामनाएं संदेश दे रहे है। वहीं छोटे- छोटे विवादों में भी लोग पक्ष विपक्ष बनकर कार्य कर रहे हैं।
प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का समय अप्रैल माह में पूर्ण हो रहा है। ऐसे में समय से पूर्व नए चुनावों की प्रक्रिया को पूर्ण करना होगा। इस तरीके से पंचायत चुनाव जिसमें क्षेत्र पंचायत सदस्य, जिला पंचायत सदस्य, ग्राम प्रधान एवं ग्राम पंचायत सदस्य के लिए चुनाव होंगे।
ऐसे में अप्रैल माह से पहले होने वाले संभावित चुनावों को लेकर गांवों में राजनीति का दौर शुरू हो गया है। गांवों में छोटी- छोटी बातों पर राजनीति तेज हो गई है। वोटों में लामबंदी करने के लिए पक्ष एवं विपक्ष में संभावित उम्मीदवार खड़े हो रहे हैं।
इससे गांवों में निपटने वाले छोटे- छोटे विवाद भी अब पुलिस के दरवाजे तक पहुंचने शुरू हो गए हैं। आने वाले समय में विवादों में और तेजी आने की संभावना है। ऐसे में पुलिस प्रशासन भी सतर्क हो गया है।
सीओ वरुण मिश्रा ने बताया कि असमाजिक तत्वों की पहचान एवं उन पर कार्रवाई करने के लिए पुलिस लगातार प्रयास करती रहती है। चुनावों को लेकर और विशेष सतर्कता बरती जाएगी। यदि कोई माहौल खराब करने का प्रयास करेगा तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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