Hapur News: ब्रजघाट गंगा में लगी जेटी बैरिकेडिंग का नहीं हो रहा सही उपयोग
गढ़मुक्तेश्वर के ब्रजघाट में श्रद्धालुओं की सुरक्षा हेतु लगाई गई जेटी बैरिकेडिंग देखरेख के अभाव में जर्जर हो गई है। गंगा का जलस्तर घटने से बैरिकेडिंग मिट्टी में धंस गई है जिससे लोग गहरे पानी में जा रहे हैं। पालिका का कहना है कि बैरिकेडिंग अभी तक उन्हें सौंपी नहीं गई है जबकि सिंचाई विभाग का कहना है कि कुछ काम बाकी है।

संवाद सहयोगी, गढ़मुक्तेश्वर। तीर्थनगरी ब्रजघाट में श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए सिंचाई विभाग द्वारा एक करोड़ 90 लाख रुपये से करीब आठ माह पूर्व जेटी बैरिकेडिंग लगाई गई थी। लेकिन संबंधित विभाग द्वारा कोई कर्मचारी यहां नियुक्त नहीं करने के कारण जेटी बैरिकेडिंग का उपयोग ठीक तरीके से नहीं हो पा रहा है।
तीर्थनगरी ब्रजघाट में गंगा का जलस्तर पिछले दो सप्ताह में कम हुआ है। ऐसे में श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर लगाई गई बैरिकेडिंग जलस्तर कम होने पर मिट्टी में आ गई है। यहां आने वाले लोग जेटी बैरिकेडिंग को पार करके गंगा के गहरे जल तक तक पहुंच रहे है। इससे किसी भी दिन बड़ा हादसा हो सकता है।
फरवरी माह में जेटी में अज्ञात कारणों से आग लग गई
तीर्थ नगरी के लोगों ने बताया कि इस जेटी बैरिकेडिंग का उद्देश्य लोगों को गहरे पानी में जाने से रोकना तथा पूजा अर्चना के लिए गंगा की धार तक पहुंचना था, लेकिन देखरेख के अभाव में यह जेटी कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त हो चुकी है तो वहीं फरवरी माह में जेटी में अज्ञात कारणों से आग लग गई थी। वर्तमान में इस जेटी का एक बड़ा हिस्सा गंगा किनारे मिट्टी में रखा हुआ है तथा लोग गंगा में जेटी बैरिकेडिंग से आगे जाकर स्नान कर रहे है। ऐसे में श्रद्धालुओं की जान को खतरा पैदा हो रहा है।
जेटी बैरिकेडिंग हैंडओवर नहीं की गई
पालिकाध्यक्ष राकेश बजरंगी का कहना है कि संबंधित विभाग द्वारा अभी तक हमें जेटी बैरिकेडिंग हैंडओवर नहीं की गई है। इसके कारण जेटी बैरिकेडिंग का दायित्व सिंचाई विभाग का ही है। इस संबंध में सिंचाई विभाग के अवर अभियंता प्रदीप सोनकर ने बताया कि इस जेटी बैरिकेडिंग में थोड़ा कार्य रह गया है। इसके बाद इसको पालिका के सुपुर्द कर दिया जाएगा।
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