Kanwar Yatra 2025: होटल-रेस्टोरेंट और ढाबों पर लिखा मिलेगा मालिक का नाम, QR कोड से कैसे दर्ज करें शिकायत?
हापुड़ में कांवड़ मार्ग पर ढाबों और होटलों के लाइसेंसधारकों के नाम अब प्रदर्शित होंगे। पहले नाम लिखने के अनिवार्य नियम का विरोध हुआ था क्योंकि कई मुस्लिम मालिकों ने हिंदू नाम रखे थे। अब सरकार बारकोड के साथ नाम लिखवा रही है ताकि पारदर्शिता रहे और लोग मालिकों की पहचान जान सकें। कुछ संचालकों ने हिंदू साझेदार बनाकर तोड़ निकाला है पर क्यूआर कोड लगाने का काम जारी है।

जागरण संवाददाता, हापुड़। कांवड़ मार्ग पर पड़ने वाले रेस्टारेंट और ढाबों पर उसके लाइसेंसधारक का नाम लिखा जाएगा। इससे कांवड़ियों और आमजन को पता चल सकेगा कि उक्त होटल-ढाबा का मालिक कौन है।
पिछले दिनों होटल-ढाबा संचालकों का नाम लिखना अनिवार्य किया गया था, जिसका कई संगठनों और राजनीतिक दलों ने विरोध किया था। दरअसज, दर्जनों मुस्लिम मालिकों ने होटलों के नाम हिंदू देवी-देवताओं के नाम पर रखे हुए हैं। कांवड़ियां और कई लोग खानपान का विशेष ध्यान रखते हैं।
होटल मालिक जहां बहुसंख्यक ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए हिंदू देवी-देवताओं के नाम रखते हैं, वहीं कई लोग सावन में चुनिंदा स्थानों पर ही भोजन करते हैं। इसका विरोध होने पर निर्णय को निष्प्रभावी कर दिया गया था। अबकी बार लाइसेंस और बारकोड के साथ में नाम लिखा जा रहा है। ऐसे में विरोध भी नहीं होगा और लोगों को होटल मालिक-लाइसेंस धारक का नाम भी पता चल जाएगा।
यह है स्थिति
सरकार ने होटलों और ढाबों के नाम और उनके मालिकों की पहचान को पारदर्शी बनाने को अभियान चलाया हुआ है। कई होटलों-ढाबों के नाम हिंदू हैं, लेकिन उनके मालिक दूसरे संप्रदाय से हैं। ऐसे में हिंदू लोग होटल-ढाबे का नाम देखकर वहां पर खाना खा लेते हैं। जब वह ऑनलाइन भुगतान करते हैं तो उनको पता चलता है कि यह होटल-ढाबा तो दूसरे संप्रदाय का है।
इससे वह परेशान हो उठते हैं और कई बार विरोध-झगड़े के हालात भी बन जाते हैं। ऐसे में सरकार ने ऐसे होटलों-ढाबों के खिलाफ अभियान चलाया था। जिन प्रतिष्ठानों के नाम हिंदू हैं और उनके मालिक मुस्लिम हैं, ऐसे प्रतिष्ठानों के बाहर मालिकों के नाम के बोर्ड लगवाने का आदेश पिछले साल कांवड़ के दौर में दिया गया था। जिससे उनकी पहचान आसान हो जाए।
अब बार कोड के साथ लिखा जा रहा नाम
सरकार ने अब सभी होटलों-ढाबों पर बार कोड लगवाने का निर्णय लिया है। खाद्य सुरक्षा विभाग को जिले में होटलों-ढाबों पर लगाने के लिए 150 बार कोड प्लेट प्राप्त हुई हैं। इनको लगाने के लिए अभियान चलाया जा रहा है।
दरअसल, खाने या होटल में समस्या होने पर कोई भी ग्राहक बारकोड को अपने मोबाइल पर स्कैन करेगा। उस पर वह अपनी शिकायत-परेशानी लिखकर डाल देगा। उसके माध्यम से सूचना लखनऊ कंट्रोल रूम में जाएगी। वहां से जांच अधिकारी नामित होगा।
वहीं, जांच के बाद संबंधित होटल संचालक पर कार्रवाई का निर्धारण किया जाएगा। इसी क्यूआर कोड प्लेट पर लाइसेंस धारक का नाम और पता लिखा जाएगा। इसी नाम से लोगों को होटल संचालक के बारे में जानकारी मिल जाएगी। यह अभियान लागू कर दिया गया है। जिले में क्यूआर कोड और प्लेट लगाने का कार्य जोरशोर से किया जा रहा है।
निकाल रहे है तोड़
सरकार के इस अभियान का कई ढाबा संचालकों ने तोड़ निकाल लिया है। उन्होंने अपने होटलों-ढाबों में हिंदुओं को साझीदार बना लिया है। स्टांप पर लिखवाकर उनको अपना पार्टनर दिखाया हुआ है। अब अपने हाटलों-ढाबों पर अपनी हिंदू मित्र का ही नाम लिखकर लगवा रहे हैं। गढ़मुक्तेश्वर क्षेत्र में ऐसे दो ढाबा संचालक सामने आए हैं। उन्होंने अपने हिंदू दोस्तों को पार्टनर बना लिया है।
सरकार के निर्देश पर क्यूआर कोड और प्लेट लगाने का कार्य जोरशोर से चल रहा है। हमारी टीम लगातार क्यूआर कोड लगवा रही हैं। इससे उपभोक्ताओं को बड़ा लाभ होने वाला है। प्रदेश में सभी दुकानों पर क्यूआर कोड आसैर प्लेट लगाई जाएंगी। - सोविंद्र सिंह- खाद्य सुरक्षा अधिकारी- गढ़मुक्तेश्वर क्षेत्र
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