यूपी के हापुड़ जिले में भारी बारिश का कहर, कच्चा मकान ढहा और स्कूल की दीवार गिरी
हापुड़ में भारी बारिश ने तबाही मचाई होशियारपुर गढ़ी गांव में एक कच्चा मकान ढह गया और बाबूगढ़ छावनी के प्राथमिक विद्यालय की दीवार गिर गई। बीआरसी सेंटर में प्लास्टर गिरने से प्रशिक्षण ले रहे 60 शिक्षक बाल-बाल बचे। ग्रामीणों ने प्रशासन से मुआवजे और पुनर्वास की मांग की है। जर्जर भवनों के कारण व्यवस्था की खामियां उजागर हुई हैं।

जागरण संवाददाता, हापुड़। हापुड़ में मंगलवार की रात से शुरू हुई मूसलाधार बारिश ने बुधवार को जिले में तबाही मचाई। तेज बारिश के कारण जहां गांव होशियारपुर गढ़ी में एक गरीब परिवार का कच्चा मकान भरभराकर ढह गया।
वहीं, बाबूगढ़ छावनी के प्राथमिक विद्यालय की दीवार ढह गई और बीआरसी सेंटक के लिंटर का प्लास्टर गिर गया। इस घटना के दौरान सेंटर के अंदर प्रशिक्षण ले रहे 60 शिक्षक बाल-बाल बच गए। घटनाओं में कोई जनहानि तो नहीं हुई, लेकिन स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल है। ग्रामीणों ने प्रशासन से पीड़ित परिवार को मुआवजे और पुनर्वास की मांग की है।
कच्चा मकान ढहा, सामान मलबे में दबा
गांव होशियारपुर गढ़ी में शौकत अली के तीन बेटे असलम, शराफत उर्फ गुल्लू और शौकीन है। इनमें से शराफत अपनी पत्नी कासमा और तीन बेटियों के साथ अपने भतीजे राशिद के कच्चे मकान में रह रहा था। बुधवार को तेज बारिश के बीच शराफत ने अपने परिवार को भतीजे के पक्के मकान में रहने भेज दिया।
इसके कुछ ही देर बाद कच्चा मकान अचानक ढह गया, जिसमें परिवार का सारा सामान मलबे में दब गया। गनीमत रही कि उस समय मकान में कोई मौजूद नहीं था, वरना बड़ा हादसा हो सकता था। ग्राम प्रधान सीटू ने बताया कि शराफत का नाम प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पक्का मकान बनाने की सूची में शामिल था, लेकिन उनके पिता शौकत अली ने इसकी अनुमति नहीं दी। नतीजतन, परिवार कच्चे मकान में ही रह रहा था। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि शराफत के परिवार को तत्काल आर्थिक मदद और पक्का मकान उपलब्ध कराया जाए।
मची अफरातफरी, 60 शिक्षक बाल-बाल बचे
दूसरी घटना बाबूगढ़ छावनी के प्राथमिक विद्यालय परिसर में स्थित बीआरसी सेंटर में हुई। यहां एक सितंबर से शिक्षकों के लिए पांच दिवसीय फाउंडेशनल लिटरेसी एंड न्यूमरेसी (एफएलएन) प्रशिक्षण चल रहा था। बुधवार को बारिश के कारण 12वीं कक्षा तक के स्कूलों में अवकाश घोषित था, लेकिन प्रशिक्षण के लिए करीब 60 शिक्षकों को बुलाया गया था। अन्य जिलों में इस तरह के प्रशिक्षण के लिए अवकाश दिया गया था, जिसके कारण शिक्षकों में नाराजगी भी देखी गई।
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वहीं, प्रशिक्षण के दौरान अचानक लिंटर का प्लास्टर टूटकर गिरने लगा, जिससे वहां मौजूद शिक्षकों में भगदड़ मच गई। इसके अलावा, स्कूल की एक दीवार भी पहले ही ढह चुकी थी। सौभाग्य से कोई शिक्षक घायल नहीं हुआ, लेकिन घटना ने स्कूल भवन की जर्जर स्थिति को उजागर कर दिया। सूचना मिलते ही बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी और पुलिस मौके पर पहुंचे और घटनास्थल का जायजा लिया।
बारिश ने उजागर की व्यवस्था की खामियां
यह हादसा एक बार फिर प्रशासनिक व्यवस्था की खामियों को सामने लाता है। कच्चे मकानों में रह रहे गरीब परिवारों को पक्के मकान उपलब्ध कराने की योजनाएं कागजों तक सीमित हैं, जबकि जर्जर विद्यालयों के साथ उनके परिसर में जर्जर भवनों में बच्चों और शिक्षकों की सुरक्षा खतरे में है। ग्रामीणों और शिक्षकों ने प्रशासन से त्वरित कार्रवाई की मांग की है, ताकि भविष्य में इस तरह के हादसों को रोका जा सके।
हमने घटना की जांच शुरू कर दी है। सेंटर की स्थिति का आंकलन किया जाएगा और आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। - रितू तोमर, बेसिक शिक्षा अधिकारी
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