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    NCR में जानवर पालने वाले करें ये काम, वरना भारी जुर्माना भरने के साथ; जानी पड़ सकती है जेल

    हापुड़ में आवारा पशुओं की बढ़ती समस्या पर जिला प्रशासन सख्त हो गया है। डीएम अभिषेक पांडेय ने पशुओं को सड़कों पर छोड़ने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं। पालतू पशुओं का पंजीकरण अनिवार्य किया गया है और टीकाकरण कराने के बाद प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा। ऐसा न करने वालों पर आर्थिक दंड और चेतावनी के बाद एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।

    By mukul mishra Edited By: Monu Kumar Jha Updated: Sat, 23 Aug 2025 10:18 AM (IST)
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    पालतू पशुओं का होगा पंजीकरण, टीकाकरण के साथ जारी होगा प्रमाण पत्र। फाइल फोटो

    मुकुल मिश्रा, हापुड़। आवारा पशुओं की संख्या में लगातार जिले में बढ़ोतरी हो रही है। कुछ लोग ऐसे भी हैं जो पहले पशुओं को पालते हैं, लेेकिन फिर मन भर जाने के बाद उन्हें सड़कों पर आवारा छोड़ देते हैं। अब ऐसा करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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    डीएम अभिषेक पांडेय ने जिले के चारों निकायों के अधिशासी अधिकारियों को पत्र जारी कर पालतु जानवर व पशुओं के पंजीकरण कराने के निर्देश दिए हैं। साथ ही उनका आनलाइन टीकाकरण कराने के साथ-साथ प्रमाण पत्र जारी करने के भी निर्देश दिए हैं।

    जिले में बड़ी संख्या में लोगों द्वारा पशुओं का पालन किया जाता है। इनमें गोवंश, भैंस, कुत्ते, बिल्ली आदि शामिल हैं। निराशअरित गोवंशों की समस्या के निवारण के लिए जिले में गो आश्रय स्थलों की व्यवस्था की हुई है।

    अधिकारियों का मानना है कि नगरीय क्षेत्रों में विचरण कर रहे निराश्रित गोवंशों में निराश्रित कम और पालतू गोवंशों की संख्या अधिक है। उनका मानना है कि नगरीय क्षेत्र के अधिकांश पशुपालक दूध निकालने के बाद गोवंशों को सड़क पर छोड़ देते हैं।

    जिससे दुर्घटनाएं होती हैं। साथ ही आम लोगों को भी परेशानियों सामना करना पड़ता है। इस पर प्रभावी नियंत्रण की बेहद आवश्यक है। इसी प्रकार कुत्ते, बिल्ली आदि जानवरों को पालने का शौक रखने वाले लोग भी शौक पूरा होने के बाद उन्हें सड़कों पर आवारा छोड़ देते हैं।

    ऐसे में ये जानवर खूंखार होकर लोगों पर हमला करना शुरू कर देते हैं। लेकिन अब ऐसा करने वालों पर कड़े कदम उठाने की तैयारी कर ली गई है। डीएम अभिषेक पांडेय ने जिले के चारों निकायों के अधिशासी अधिकारियों को पत्र जारी कर निर्देश दिए हैं कि नगरीय क्षेत्रों में पाले जा रहे सभी पशुओं के शत प्रतिशत पंजीकरण कराए जाएं।

    जिससे उनका समय पर टीकाकरण के साथ-साथ उनकी सही प्रकार से देखभाल हो सके। इसके बाद उनके स्वास्थ्य का प्रमाण पत्र भी जारी किया जाएगा। इससे पशुओं की सही संख्या की भी जानकारी प्राप्त हो सकेगी।

    बोर्ड बैठक में प्रस्ताव होगा पारित

    डीएम अभिषेक पांडेय ने निर्देश दिए हैं कि इसका शासन स्तर से अनुमति प्रदान करें और आगामी बोर्ड बैठक में इसका प्रस्ताव को रखें। बैठक में प्रस्ताव को रखकर उसे पास कराएं।

    साथ ही प्रत्येक पशुओं को चिह्नित करते हुए उनका शत प्रतिशत पंजीकरण कराएं। यदि ऐसा कोई पशुस्वामी नहीं कराता है या नगरीय क्षेत्रों में अपना पशु छोड़ता है तो उसके खिलाफ कड़ी दंडात्मक कार्रवाई की जाए।

    तीन स्टैप में होगी कार्रवाई

    यदि कोई अपने पालतु पशुओं को नगरीय क्षेत्र में सड़कों पर छोड़ता है तो उसके खिलाफ तीन स्टैप में कार्रवाई करने को लेकर तैयारी की जा रही है। पहले दो स्टैप में पशुपालक के खिलाफ आर्थिक दंड लगाया जाएगा और उसे कड़ी चेतावनी दी जाएगी।

    इसके बाद भी वह नहीं मानता है तो उसके खिलाफ थाने में एफआइआर दर्ज कराई जाएगी। जिससे पाले गए पशुओं सड़क पर विचरण करने से रोका जा सके।

    जिले के चारों निकायों के अधिशासी अधिकारियों को पत्र जारी कर निर्देश दिए गए हैं कि वह आगामी बोर्ड बैठक में इस प्रस्ताव को रखें। जिसके बाद पशुओं को सड़कों पर छोड़ने वाले पशुपालकों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके। साथ ही सड़कों पर निराश्रित पशुओं की कमी हो सके। - अभिषेक पांडेय, डीएम