171 करोड़ रुपये खर्च हुए... फिर भी विद्युत सिस्टम जर्जर, चौंका देगी हापुड़ की ये रिपोर्ट
हापुड़ शहर को स्मार्ट सिटी बनाने के दावे के बीच पावर कॉरपोरेशन की लापरवाही उजागर हुई है। 171 करोड़ खर्च के बावजूद विद्युत सिस्टम जर्जर है। ईदगाह रोड पर जर्जर पोल हादसों को न्योता दे रहे हैं जिनकी शिकायत के बावजूद अधिकारी अनदेखी कर रहे हैं। स्थानीय लोग बांस-बल्लियों और सीमेंट से पोल को सहारा देने को मजबूर हैं जिससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।

ठाकुर डीपी आर्य, हापुड़। हापुड़ शहर को स्मार्ट सिटी बनाने का दावा अधिकारियों द्वारा किया जा रहा है। इसमें सबसे पहला कार्य पावर कारपोरेशन के को सिस्टम पटरी पर लाने का है। पावर कारपोरेशन पर विभिन्न योजनाओं में 171 करोड़ रुपया खर्च किया जा चुका है। उसके बावजूद सिस्टम में सुधार नजर नहीं आ रहा है।
हालात यह हैं कि पालिका की स्वीकृत कालोनियों में भी पावर सिस्टम जर्जर हैं। कहीं पर बांस-बल्लियों पर केबिल डालकर लोगों को सप्लाई दी गई है तो कहीं पर जर्जन पोल को डंडाें के सहारे रोका हुआ है। कई जगह लोहे के विद्युत पोल के गल जाने के चलते कालोनी के लोगों ने सीमेंट कराकर व प्लास्टिक के पाइप में कंक्रीट फंसाकर पोल को रोकने का प्रयास किया गया है।
शहर की व्यवस्थित मानी जाने वाली ईदगाह रोड पर स्थित विद्युत पाेल जड़ों से जर्जर हो गए हैं। आसपास के लोगों ने दर्जनों बार शिकायत दी हैं, अधिकारियों को जर्जर पोल के फोटो-वीडियो दिखाएं हैं। सीडीओ से लेकर पालिका के ईओ तक से जर्जर पोल की शिकायत की है। एक्सईएन से लेकर एसई तक को पोल दिखाए जा चुके हैं। उसके बावजूद कोई गंभीरता से लेने को तैयार नहीं है। रविवार को दैनिक जागरण की टीम ने ईदगाह रोड पर विद्युत पोल की पड़ताल की। प्रस्तुत है हादसों को दावत देने को तैयार खड़े जर्जर विद्युत पोल की ग्राउंड रिपोर्ट-
सीन एक - डंडों से रोका पोल
विद्युत पोल जड़ों से पूरी तरह से गल चुका है। इसके ऊपर दो विद्युत लाइन है। एक लाइन एबीसी केबिल की है, वहीं दूसरी नंगे तारों की। पोल झुककर पड़ोस में मकान की रेलिंग पर गिर गया। इससे रेलिंग में करंट फैल गया। लोगों ने पावर कारपोरेशन को सूचना देकर सप्लाई बंद कराई। उसके बार जर्जर पोल को दीवार से डंडे लगाकर रोका हुआ है। चार महीने बाद भी इसको बदलने को लेकर अधिकारी गंभीर नहीं हैं।
सीन दो - बराबर के पोल से बांधकर दिया सहारा
यहां पर लोहे का विद्युत पोल नीचे से गल गया है। ऐसे में वह लाइन का बोझ नहीं संभाल पा रहा है। वह लाइन सहित नीचे गिरने को तैयार है। उसके पास में ही दूसरा सीमेंट का विद्युत पोल खड़ा हुआ है। लोगों ने लोहे के जर्जर पोल को तारों से सीमेंट के पोल में बांध दिया है। जिससे वह हिल तो रहा है, लेकिन गिरने से बच गया है। लगातार शिकायत के बावजूद अधिकारी गंभीर नहीं हैं।
सीन तीन - प्लास्टिक का पाइप लगाकर भर दिया सीमेंट
विद्युत पोल नीचे से कई फीट की ऊंचाई तक गल चुका है। वह गिरने के कगार परहै। हवा चलने पर ही पोल हिलने लगता है। ऐसे में कालोनी के लोगों ने एक प्लास्टिक के पाइप को काटकर पोल के चारों ओर लगाया हुआ है। उसमें सीमेंट भर दिया गया है। जिसका पोल को सहारा मिल रहा है। इससे फिलहाल थोड़ी राहत है, लेकिन पोल कभी भी गिर सकता है। अधिकारी इसको जानकर भी अनजान बने हुए हैं।
सीन चार - लगा दी गई है कंक्रीट
यहां पर लोहे का विद्युत पोल नीचे की ओर से गल गया है। वह हवा चलने पर ही हिलने लगता है। लाइन के तारों का बोझ नहीं संभाल पा रहा है। ऐसे में लोगों ने आरसीसी का मोटा गोल पोल के चारों ओर बनवा दिया है। जिससे पोल का हिलना कम हो गया है। हालांकि वह कमजोर है और किसी भी दिन तेज हवा में गिर सकता है। लोगों ने इसकी शिकायत कई बार अधिकारियों को दी है, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला।
सीन पांच - बल्लियों पर सप्लाई
ईदगाह शहर की पुरानी स्वीकृत कालोनी है। उसके बावजूद पावर कारपोरेशन विद्युत लाइन के लिए पोल उपलब्ध नहीं करा पा रहा है। कनेक्शन लेने वालों को अपनी केबिल लाइन बांस-बल्लियों पर टांगकर ले जानी पड़ रही है। इनके कारण कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। लोगों की बार-बार मांग करने के बावजूद अधिकारी लापरवाह बनें हैं।
हम कई योजनाओं में सिस्टम में सुधार करा रहे हैं। जर्जर पोल और लाइन को बदलवाया जा रहा है। ईदगाह कालोनी के जर्जर पोल की जानकारी नहीं है। इसकी जांच कराकर प्राथमिकता के आधार पर नए पोल लगवाए जाएंगे। - एसके अग्रवाल- अधीक्षण अभियंता
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