UP News: सदर विधायक पर 20 लाख हड़पने का आरोप, BJP के दो नेताओं के बीच विवाद ने पकड़ा तूल
हापुड़ में भाजपा के सह मीडिया प्रभारी ने सदर विधायक पर जमीन सौदे में पैसे हड़पने और जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया है। मीडिया प्रभारी ने कोतवाली में तहरीर दी है। विधायक ने आरोपों को निराधार बताया है लेकिन शिकायत दर्ज न कराने से सवाल उठ रहे हैं। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

केशव त्यागी, हापुड़। सदर विधायक विजय पाल आढ़ती और भाजपा के सह मीडिया प्रभारी जय भगवान शर्मा के बीच एक विवाद ने अब तूल पकड़ लिया है। कोतवाली में दी गई एक तहरीर के बाद यह मामला सुर्खियों में आ गया है, जिसमें सह मीडिया प्रभारी ने विधायक पर जमीन सौदे के नाम पर 20 लाख रुपये हड़पने और हत्या धमकी देने का गंभीर आरोप लगाया है।
दूसरी ओर, विधायक ने इन आरोपों को पूरी तरह निराधार बताया है। हालांकि, विधायक द्वारा इस मामले में कोई औपचारिक शिकायत दर्ज न कराने से कई सवाल उठ रहे हैं। थाना देहात क्षेत्र के स्वर्ग आश्रम रोड स्थित कृष्णा नगर के जय भगवान शर्मा भाजपा के सह मीडिया प्रभारी हैं। उनके द्वारा कोतवाली में तहरीर देकर सनसनीखेज आरोप लगाए हैं।
सदर विधायक पर क्या है पूरा आरोप?
तहरीर के अनुसार पांच मार्च 2025 को उन्होंने गांव सबली में एक जमीन के सौदे के लिए सदर विधायक विजय पाल आढ़ती को दस लाख रुपये दिए थे। अगले दिन छह मार्च को उन्होंने फिर से दस लाख रुपये विधायक को दिए। यह रुपये एक पूर्व सांसद के प्रतिनिधि और दो अन्य लोगों की मौजूदगी में दी गई थी।
सह मीडिया प्रभारी का दावा है कि विधायक ने भरोसा दिलाया था कि यदि जमीन का सौदा नहीं हुआ, तो वह 40 लाख रुपये वापस करेंगे। इसके अलावा, विधायक ने होली तक 50 लाख और 30 मार्च 2025 तक अतिरिक्त 50 लाख रुपये देने के लिए कहा।
सह मीडिया प्रभारी ने इस पर सहमति जताई। हालांकि, जब वह होली से पहले 50 लाख रुपये लेकर विधायक के पास पहुंचे, तो विधायक ने बताया कि जमीन बिक चुकी है। रुपये वापस मांगने पर विधायक ने कुछ दिनों में दोगुनी राशि लौटाने का आश्वासन दिया, लेकिन बाद में कोई भुगतान नहीं किया।
धमकी और गाली-गलौज का आरोप
मामला तब और गंभीर हो गया जब सह मीडिया प्रभारी ने प्रीत विहार स्थित अपने कार्यालय से शुक्रवार को विधायक से फोन किया और रुपये वापस मांगे। इस पर विधायक ने न केवल रुपये लौटाने से इंकार किया, बल्कि गाली-गलौज और धमकी भी दी। दोपहर करीब तीन बजे, जब सहमीडिया प्रभारी अपने दो साथियों के साथ कार से तहसील चौराहे से गुजर रहे थे। तब विधायक ने उनकी कार रुकवाई।
आरोप है कि विधायक ने कार से उतरते ही उनके साथ गाली-गलौज की। विरोध पर फर्जी मुकदमे लिखवाकर जेल भिजवानने की धमकी दी। इतना ही नहीं शाम तक सह मीडिया प्रभारी की हत्या कराने तक की बात कही।
भयवश सह मीडिया प्रभारी ने कोतवाली में तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की है। कोतवाली प्रभारी निरीक्षक मुनीष प्रताप सिंह ने बताया कि तहरीर प्राप्त हो चुकी है। मामले की जांच शुरू कर दी गई है। जांच के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
विधायक का पक्ष और सवालिया निशान
दिलचस्प बात यह है कि विधायक विजय पाल आढ़ती ने इन सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। उनका कहना है कि उन्हें जमीन के सौदे के लिए किसी ने कोई रुपये नहीं दिए। उन्होंने कहा कि वह इस मामले को भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के सामने उठाएंगे।
हालांकि, विधायक द्वारा कोतवाली में कोई औपचारिक शिकायत दर्ज न कराना कई सवाल खड़े कर रहा है। विधायक का कहना है कि उनके साथ गाली-गलौज कर अभद्रता की गई है। लेकिन इस दावे के बावजूद विधायक ने कोई जवाबी तहरीर नहीं दी। जिससे मामला और रहस्यमय हो गया है।
राजनीतिक और सामाजिक प्रभाव
यह विवाद न केवल स्थानीय स्तर पर चर्चा का विषय बन गया है, बल्कि भाजपा के आंतरिक समीकरणों पर भी सवाल उठा रहा है। एक ओर जहां सह मीडिया प्रभारी ने विधायक पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
वहीं विधायक का शांत रहना और शिकायत न करना उनके पक्ष को कमजोर दिखा रहा है। स्थानीय लोगों और राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह मामला पार्टी की छवि को प्रभावित कर सकता है। खासकर तब जब दोनों पक्ष भाजपा से जुड़े हैं।
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